Nervous System in Hindi PDF | तंत्रिका तंत्र
नमस्कार दोस्तों यदि आप मानव तंत्रिका तंत्र को विस्तार पूर्वक जानना चाहते है तो यह पोस्ट आपके लिए महत्वपूर्ण होने वाली है। आज की इस पोस्ट में हम आपको Nervous System in Hindi PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाने वाले है, जिसे आप पोस्ट में दिए गए Download Link की सहायता से आसानी से Download कर पाएंगे।
मानव शरीर कई तंत्रो और अंगो से मिलकर बना हुआ होता है। जिसमे प्रत्येक तंत्र का अपना एक अलग कार्य होता है। यहाँ हम मानव के विभिन्न तंत्र में से तंत्रिका तंत्र के बारे में बात करने वाले है, जो हमारे शरीर का अभिन्न तंत्र है। तंत्रिका तंत्र मानव शरीर में उद्दीपन के प्रति क्रिया के लिए मानव शरीर के मस्तिष्क को सूचना प्रदान करता है।
इस पोस्ट में तंत्रिका तंत्र को विस्तृत पूर्वक समझाया गया है, साथ ही तंत्रिका तंत्र के इस पुरे भाग को PDF में भी उपलब्ध करवाया गया है। यदि आप मानव तंत्रिका तंत्र के बारे में विस्तार से जानना चाहते है तो इस पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक ध्यानपूर्वक जरूर पढ़े।
Nervous System in Hindi PDF Overview
PDF Title | Nervous System in Hindi PDF |
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Language | Hindi |
Category | Education |
Total Pages | 16 |
PDF Size | 3 MB |
Download Link | Available |
PDF Source | Ncert.nic.in |
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Nervous System in Hindi PDF | मानव का तंत्रिका तंत्र
मानव शरीर का तंत्रिका तंत्र बहुत ही विकसित और जटिल है। मानव तंत्रिका तंत्र को मुख्य रूप से दो भागो में विभाजित किया गया है। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और परिधीय तंत्रिका तंत्र। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में मानव के मस्तिष्क और मेरुरज्जु को सम्मिलित किया गया है, जहा पर सभी प्रकार की सूचनाओं का नियन्त्रण किया जाता है।
परिधीय तंत्रिका तान्त्र मुख्यतः दो भाग में विभाजित होता है – कायिक तंत्रिका तंत्र और स्वायत तंत्रिका तंत्र। कायिक तंत्रिका तंत्र उद्दीपन को केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और शरीर के अनैच्छिक अंगो और एवं चिकनी पेशियों में पहुंचाता है।
तन्त्रिकोशिका तंत्रिका तंत्र की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई | न्यूरॉन
न्यूरॉन एक सूक्ष्मदर्शीय संरचना है जो तीन भागो से मिलकर बनती है – कोशिका काय, द्रुमाक्ष्य व् तन्त्रिकाक्ष। कोशिका काय में कोशिका द्रव्य व् प्रारूपिक कोशिकांग व् विशेष दानेदार अंगक निसेल ग्रेन्युल पाए जाते है। छोटे तंतु जो कोशिका के से प्रवधित होकर लगातार विभाजित होते है तथा जिनमे निसेल ग्रेन्युल भी पाए जाते है, द्रुमाक्ष्य कहलाते है।
ये तंतु उद्दीपनों को कोशिका काय की ओर भेजते है। एक तन्त्रिकोशिका में एक तन्त्रिकाक्ष निकलता है। इसका दूरस्थ भाग शाखित व् प्रत्येक शाखित भाग का अंतिम चोर लड़ीनुमा संरचना सिनेप्टिक नोब जिसमे सिनेप्टि पुटिकाये होती है, इसमें रसायन न्यूरोट्रांस्मीटर्स पाए जाते है।
तन्त्रिकाक्ष तंत्रिकीय आवेगो को कोशिका काय से दूर सिनेप्स पर अथवा तंत्रिकीय पेशी संधि पर पहुंचाते है। जैसे बहुध्रवीय तथा द्विध्रुवीय। तन्त्रिकाक्ष दो प्रकार के होते है : आच्छदी व् आच्छदहीन। आच्छदी तंत्रिका तंतु मेरु व् कपाल तंत्रिका में पाए जाते है। आच्छदहीन तंत्रिका तंतु भी श्वान कोशिका से घिरे रहते है, लेकिन वे एक्सोन के चारो ओर मायलिन आवरण नहीं बनाते है।
तंत्रिका आवेगों की उत्पत्ति
तंत्रीकोशिकाये उद्दीपनशील कोशिकाएं है क्योकि उनकी झिल्ली ध्रुवीय अवस्था में रहती है। विभिन्न प्रकार के आयन पथ तंत्रिका झिल्ली पर पाए जाते है। ये आयन पथ विभिन्न आयनो के लिए चयनात्मक पारगम्य है।
जब कोई न्यूरॉन आवेग का संचरण नहीं करते है जैसे कि विरामवस्था में तंत्रीकाक्ष झिल्ली सोडियम आयन्स की तुलना में पोटेशियम आयन्स तथा क्लोराइड आयन्स के लिए अधिक पारगम्य होती है।
इसी प्रकार से झिल्ली तान्त्रिकाक्ष द्रव्य में उपस्थित ऋण आवेशित प्रोटीकाल में भी अपारगम्य होती है। धीरे-धीरे तंत्रीकाक्ष के तंत्रिका द्रव्य में k+ तथा ऋणात्मक आवेशित प्रोटीन की उच्च सांद्रता तथा Na+ की निम्न सांद्रता होती है।
इस भिन्नता के कारण सांद्रता प्रवणता बनती है। झिल्ली पर पायी जाने वाली इस आयनिक प्रवणता को सोडियम पोटेशियम पंप द्वारा नियमित किया जाता है। इस पंप द्वारा प्रतिचक्र 3Na+ बहार की ओर तथा 2k+ कोशिका में प्रवेश करते है।
परिणामस्वरूप तंत्रीकाक्ष झिल्ली की बाहरी सतह धन आवेशित , जबकि आंतरिक सतह ऋण आवेशित हो जाती है। इसलिए यह ध्रुवित हो जाती है। विरामवस्था में प्लाज्मा झिल्ली पर इस विभवांतर को विरामकाला विभव कहते है।
आवेगो का संचरण
तंत्रिका आवेगो का एक न्यूरॉन से दूसरे न्यूरॉन तक संचरण सिनैप्सिस कहलाता है। एक सिनेप्स का निर्माण पूर्व सिनेप्टिक न्यूरॉन तथा पश्च सिनेप्टिन न्यूरॉन की झिल्ली द्वारा होता है, जो कि सिनेप्टिक दरार द्वारा विभक्त हो भी सकती है या नहीं भी।
सिनेप्स दो प्रकार के होते है – विद्युत सिनेप्स और रासायनिक सिनेप्स। विद्युत सिनेप्स पर पूर्व और पश्च सिनेप्टिक न्यूरॉन की झिल्लियाँ एक-दूसरे के समीप होती है। एक न्यूरॉन से दूसरे न्यूरॉन तक विद्युत धारा का प्रवाह सिनेप्स के द्वारा होता है। विद्युतीय सिनेप्सिस से आवेग का संचरण, रासायनिक सिनेप्सिस से संचरण की तुलना में अधिक तीव्र होता है।
हमारे तंत्र में विद्युतीय सिनेप्सिस बहुत ही कम होते है। रासायनिक सिनेप्स पर, पूर्व एवं पश्च सिनेप्टिक न्यूरॉन्स की झिल्लियाँ द्रव से भरे अवकाश द्वारा पृथक होती है, जिसे सिनेप्टिक दरार कहते है।
FAQs
नर्वस सिस्टम के कितने पार्ट होते हैं?
नर्वस सिस्टम को मुख्य रूप से दो भागो में विभाजित किया गया है – केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और परिधीय तंत्रिका तंत्र।
तंत्रिका तंत्र की लंबाई कितनी होती है?
एक तंत्रिका कोशिका की लंबाई 90cm-100सेमी होती है।
Conclusion :-
इस पोस्ट में Nervous System in Hindi PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाई गयी है। साथ ही तंत्रिका तंत्र से संबंधित जानकारी प्रदान की गयी है। उम्मीद करते है कि Nervous system pdf Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।
आशा करते है कि यह पोस्ट आपके लिए मददगार साबित हुई होगी। यदि आपको Nervous system in hindi pdf notes Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो कमेंट करके जरूर बताये। साह ही Nervous system pdf free download पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।
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