विटामिन क्या है? और कितने प्रकार का होता है? How many types of vitamins are there?
विटामिन के बारे में हम सभी अच्छी तरह से जानते हैं। यदि आप डॉक्टर के पास इलाज के लिए गए होंगे तो उनके मु़ंह से अक्सर सुनने में आता है कि, आपकों विटामिन की कमी हुई है। इस कमी को दूर करने के लिए फल, हरी सब्जियां और विटामिन की गोलियों का सेवन करने की सलाह देते है। जैसा कि हम सभी ने बचपन से पढ़ा है कि, मनुष्य शरीर को अलग-अलग प्रकार की विटामिन की आवश्यकता होती है। यदि प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में विटामिन नहीं लिया जाए तो मनुष्य शरीर में कमजोरी के विभिन्न लक्षण देखने को मिलते हैं। दोस्तों क्या आप जानते हैं, कि विटामिन क्या है, विटामिन कितने प्रकार के होते हैं (How many types of vitamins are there?), तथा विटामिन का मनुष्य शरीर में क्या-क्या योगदान होता है। यदि आपकों इस विषय के बारे में तनिक भी जानकारी नहीं है। और आप विटामिन जैसे रोचक विषय के बारे में विस्तार पूर्वक जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
इस लेख के जरिए हम आपकों बताने वाले हैं, कि विटामिन क्या है तथा विटामिन कितने प्रकार के होते हैं, इसके अलावा हम आपको इस विषय से जुड़ी करीब-करीब हर एक जानकारी इस लेख में देने वाले हैं।
विटामिन क्या है?
सबसे पहले जान लेते हैं कि, विटामिन क्या होता हैं, तो आपकी जानकारी के लिए बता दूं, कि हमारे भोज्य पदार्थों में भिन्न-भिन्न प्रकार के जटिल कार्बनिक पदार्थ पाए जाते हैं, और जटिल कार्बनिक पदार्थ हमारे शरीर की वृद्धि पोषण तथा कई कार्यो के अंतर्गत अपनी भूमिका निभाते हैं, जिन्हें विटामिन कहा जाता है।
विटामिन की परिभाषा
भिन्न-भिन्न खाद्य पदार्थों के भीतर पाए जाने वाले जटिल कार्बनिक पदार्थ जो मनुष्य शरीर के विकास, वृद्धि तथा उसके पोषण में काफी महत्वपूर्ण होती है, विटामिन कहलाते हैं।
विटामिन भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं, तथा हर एक विटामिन कि मनुष्य शरीर में अपनी एक अलग भूमिका निभाते है। मतलब कि हर एक विटामिन का मनुष्य शरीर में भिन्न-भिन्न कार्य करता है। जब कभी मनुष्य शरीर के अंतर्गत विटामिन की कमी होती है, तो हमारे शरीर में जिस विटामिन की कमी होती है, उसके अनुसार अलग-अलग प्रकार के रोग हो सकते हैं।
हमारे शरीर के अंतर्गत कौन-कौन से प्रकार के विटामिन होती है तथा उनका हमारे शरीर के अंतर्गत क्या योगदान होता है, इसके बारे में संपूर्ण जानकारी निम्न है।
विटामिन के प्रकार और रासायनिक नाम
दोस्तों विटामिन को दो भागों के अंतर्गत बांटा गया है:-
1. वसा में विलेय विटामिन
ऐसे विटामिन जो वसा तथा तेल में विलेय हो जाए हैं लेकिन जल में अविलय होते हैं, वसा में विलेय विटामिन कहलाते हैं।
उक्त विटामिन की सूची में ही विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन डी शामिल होते हैं।
2. जल में विलेय विटामिन
ऐसे विटामिन जो पानी में आसानी से विलेय होते हैं, लेकिन वसा तथा तेल में अविलेय यानी की अघुलनसील होते हैं, जल में विलेय विटामिन कहलाते हैं। इनकी सूची के अंतर्गत विटामिन बी कॉन्प्लेक्स तथा विटामिन सी वर्ग के विटामिन शामिल होते हैं।
विटामिन A
विटामिन ए का रासायनिक नाम रेटिनॉल होता है। विटामिन ए वसा तथा तेल के अंतर्गत विलय होता है। अगर बात की जाए विटामिन ए के स्रोत कौन कौन से होते हैं, तो विटामिन ए हमें अक्सर दूध, मक्खन, गाजर, हरी सब्जी, दाल, मछली के यकृत का तेल तथा अंडा आदि के अंतर्गत प्राप्त होता है।
विटामिन ए की कमी से हमें अलग-अलग प्रकार के रोग हो सकते हैं, जिसके अंतर्गत रतौंधी का नाम सबसे प्रमुख होता है, इसके अलावा इसकी कमी से हमारी त्वचा शुष्क हो सकती है, और हमारी कोर्निया का धुंडप्लापन भी हो सकता है।
विटामिन B
विटामिन बी को कई अलग-अलग भागों के अंतर्गत बांटा गया है, जिनके बारे में नीचे आपको बताया गया है:-
विटामिन B1
इस का रासायनिक नाम थायमिन होता है। विटामिन b1 के मुख्य स्रोत दाल, छिलके सहित अनाज, हरी सब्जियां, दूध, अंडा तथा सोयाबीन होता है। यदि किसी भी व्यक्ति के शरीर में विटामिन b1 की कमी हो जाती है तो उसके शरीर में बेरी बेरी नामक रोग हो जाता है।
विटामिन B2
विटामिन b2 का रासायनिक नाम राइबोफ्लेविन होता है विटामिन बी2 वर्षा तथा तेल के अंतर्गत अविलेय होता है। इसके प्रमुख स्रोत की सूची के अंतर्गत मांस, मटर, यकृत, दूध, अंडा तथा सब्जियों का नाम आता है। इसकी कमी से किलोसिस नामक रोग हो जाता है, जिसके कारण हमारे होटों तथा हमारे मुंह के किनारों का फटना शुरू हो जाता है।
विटामिन B3
यदि किसी भी व्यक्ति के शरीर के अंतर्गत विटामिन b3 की कमी हो जाती है तो उसको निवासी नामक रोग हो जाता है। यह विटामिन हमारे शरीर के अंतर्गत अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसके अंतर्गत इसके प्रमुख कार्य तंत्रिका तंत्र तथा पाचन तंत्र और हमारी त्वचा को स्वस्थ रखने का कार्य होता है, इसके अलावा हमारे शरीर से भोजन को ऊर्जा में बदलने तथा इससे स्टोर करने का कार्य विटामिन करता है।
विटामिन b3 मुख्य रूप से हमें अंडे, फलियां, मछली, चिकन, अनाज, मशरूम आदि के अंतर्गत देखने को मिलता है।
विटामिन B5
विटामिन B5 पानी के अंतर्गत घुलनशील होता है, इसके अलावा यह भेद तथा कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में बदलने का कार्य भी करता है। इसके अलावा यह विटामिन हमारे शरीर के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण कार्यों में अपनी भूमिका निभाता है, जैसे कि बाल, आंख तथा जीवन की सेहत के लिए विटामिन काफी महत्वपूर्ण होता है।
विटामिन B5 मुख्य रूप से एवोकाडो, सूरजमुखी के बीज, मूंगफली, ग्रीक योगर्ट तथा आलू के अंतर्गत देखने को मिलता है।
विटामिन B6
इस का रासायनिक नाम पायरी डॉक्सिन होता है, जोकि वसा तथा तेल के अंतर्गत अविलय होता है। विटामिन बी सिक्स मुख्य रूप से हमे खमीर, दूध, अंडा, बंद गोभी के अंतर्गत देखने को मिलता है। यदि किसी भी व्यक्ति के शरीर में इसकी कमी हो जाती है तो उसमें दुर्बलता, नींद ना आना, तंत्रिका तंत्र में अनियमितता ना होना आदि प्रकार के रोग हो सकते हैं।
विटामिन B7
यदि किसी भी व्यक्ति के शरीर के अंतर्गत विटामिन b7 की कमी हो जाती है, तो उसके बालों का झड़ना शुरू हो जाता है, इसके अलावा उसके नाखून भी कमजोर होने शुरू हो जाते हैं। Vitamin b7 को बायोटिन के नाम से भी जाना जाता है।
Vitamin B7 की कमी को पूरा करने के लिए इसके मुख्य रूप से स्रोत टूना मछली, पालन दूध, नेटस्मार्ट्ज, भुने हुए सूरजमुख के बीज, अनाज, चॉकलेट, अंडे, दही, केला और पनीर जैसी चीजें हैं।
विटामिन B9
यह विटामिन हमारे शरीर के अंतर्गत फोलिक एसिड के लिए जरूर पोषक तत्व में से एक है। यदि किसी भी व्यक्ति के शरीर में किस विटामिन की कमी हो जाती है, तो उसके शरीर के अंतर्गत विकास में कमी हो सकती है, इसके अलावा उसके बाल सफेद दिया बुरे हो सकते हैं, उसके मुंह में छाले की समस्या हो सकती है, या फिर उसके जीत में सूजन या लूज मोशन हो सकते हैं।
विटामिन b9 के मुख्य स्रोत लोबिया हरी गोभी, ब्रोकली, राजमा, सोया, पालक, सूजी आदि है।
विटामिन B12
विटामिन B 12 का रासायनिक नाम साइनोकोबालामिन होता है। जोकि जल के अंतर्गत विलेय होता है परंतु वसा तथा तेल के अंतर्गत अविलेय होता है। यह विटामिन ह में मुख्य रूप से यकृत, पनीर, दूध, मांस, मछली तथा अंडा के अंतर्गत देखने को मिलता है।
विटामिन C
विटामिन सी का रासायनिक नाम एस्कोरबिक अम्ल होता है। यह विटामिन जल के अंतर्गत विलेय होता है, और वसा तथा तेल के अंतर्गत अविलेय होता है। विटामिन सी मुख्य रूप से आंवला नींबू, संतरा, टमाटर, अनानास आदि रसीले फल तथा हरी पत्तेदार सब्जियों के अंतर्गत देखने को मिलता है। विटामिन सी की कमी होने से हमारे शरीर के अंदर स्कर्वी नामक रोग हो जाता है, जिसके कारण हमारे मसूड़ों से रक्त का बहाना शुरू हो जाता है।
विटामिन सी की कमी होने से हमारे शरीर के अंतर्गत हड्डियां काफी कमजोर हो जाती है, इसके अलावा हमारे शरीर के मसूड़ों से खून आने लगता है, और हमारे शरीर में घाव काफी देरी से भरते हैं।
विटामिन D
विटामिन डी का रासायनिक नाम एग्रो कैल्सी फेरोल होता है, यह विटामिन वसा तथा तेल के अंतर्गत विलेय होता है लेकिन जल के अंतर्गत अविले होता है।
विटामिन डी के प्रमुख स्रोत की सूची के अंतर्गत सूर्य का प्रकाश, दूध मछली के यकृत का तेल, मक्खन, अंडा तथा मांस का नाम आता है। लेकिन विटामिन डी का सबसे प्रमुख स्रोत सूर्य की धूप होती है, यदि किसी भी व्यक्ति के अंतर्गत विटामिन डी की कमी होती है, तो उसे पर्याप्त मात्रा में सुधि की धूम प्राप्त करनी चाहिए, और सुबह 8:00 बजे की धूप किसी भी व्यक्ति के लिए विटामिन डी की पूर्ति करने के लिए सबसे अच्छी धूप मानी जाती है।
यदि किसी भी व्यक्ति के शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है, तो उसके शरीर के अंतर्गत रिकेट्स नामक रोग हो जाता है, जिसके कारण हमें दातों में विकृति देखने को मिलती है, इसके अलावा हमारे जोड़ों में सूजन हो जाती है।
विटामिन E
विटामिन ए का रासायनिक नाम टेकोफेरोल्स होता है। यह विटामिन वसा तथा तेल के अंतर्गत विलय होता है और जल के अंतर्गत अविलय होता है।
विटामिन इ हमें मुख्य रूप से वनस्पति तेल, दूध, सूरजमुखी का तेल, अंडा तथा मछली के अंतर्गत देखने को मिलता है। यदि किसी भी व्यक्ति के शरीर में विटामिन E की कमी होती है, तो ऐसे में हमारे मांसपेशियों में कमजोरी हो जाती है, इसके अलावा हमारी प्रजनन क्षमता भी कम होती है।
विटामिन K
इसका रासायनिक नाम फाइलोक्विनोन होता है। यह वसा तथा तेल के अंतर्गत तो विलेय होता है, लेकिन जल के अंतर्गत अविलेय होता है।
विटामिन के मुख्य रूप से हरे पत्ते वाली सब्जियों, सोयाबीन तथा गोभी के अंतर्गत पाया जाता है। यदि हमारे शरीर के अंतर्गत किस विटामिन की कमी हो जाती है, तो हमें रक्त स्कंदन जैसे रोग उत्पन्न हो सकते हैं, यानी कि रक्त का थक्का जमने में हमें अधिक समय लग सकता है। इसके कारण कई बार हमारे शरीर में रक्त का थक्का नहीं चलता है, और कई बार हमारी मौत भी हो सकती है।
सभी विटामिन के रासायनिक नाम
विटामिन | रासायनिक नाम |
---|---|
विटामिन A का रासायनिक नाम | रेटिनाॅल |
विटामिन B1 का रासायनिक नाम | थायमिन |
विटामिन B2 का रासायनिक नाम | राइबोफ्लेबिन |
विटामिन B3 का रासायनिक नाम | पैण्टोथेनिक अम्ल |
विटामिन B5 का रासायनिक नाम | निकोटिनेमाइड (नियासिन) |
विटामिन B6 का रासायनिक नाम | पाइरीडाॅक्सिन |
विटामिन B7 का रासायनिक नाम | बायोटिन |
विटामिन B9 का रासायनिक नाम | कोबालमीन |
विटामिन B12 का रासायनिक नाम | सायनोकोबालमिन |
विटामिन C का रासायनिक नाम | एस्कार्बिक एसिड |
विटामिन D का रासायनिक नाम | कैल्सिफेराॅल |
विटामिन E का रासायनिक नाम | टेकोफेराॅल |
विटामिन K का रासायनिक नाम | फिलोक्वीनाॅन |
निष्कर्ष
तो इस पोस्ट के अंतर्गत हमने आपको बताया कि विटामिन क्या होते हैं, इसके अलावा विटामिन को कितने अलग-अलग भागों के अंतर्गत बांटा गया है, इसके अलावा इस विषय से जुड़ी अन्य जानकारी अभी हमने आपके साथ शेयर की है। हमें उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई है, फिर तो आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है।
FAQ
विटामिन क्यों महत्वपूर्ण है?
विटामिन भोजन के वे अवयव हैं जिनकी आवश्यकता सभी जीवों को अल्प मात्रा में होती है। स्वास्थ्य के बारे में बात करना और विटामिन का उल्लेख न करना संभव नहीं है। क्योंकि इन्हें सूक्ष्म पोषक तत्व के रूप में जाना जाता है और इनकी कमी से हम बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।
पानी में कौन सा विटामिन पाया जाता है?
जल में घुलनशील विटामिन B और विटामिन C है और बाकी विटामिन वसा में घुलनशील होते हैं।
विटामिन का जनक कौन है?
विटामिन की खोज का इतिहास उनकी कमी के विकारों का इतिहास है। उनके खोजकर्ता कासिमिर फंक थे, जिन्हें ‘विटामिन थेरेपी का जनक’ माना जाता है।
शरीर में विटामिन कहाँ जमा होते हैं?
वसा में घुलनशील विटामिन यकृत, वसायुक्त ऊतक और शरीर की मांसपेशियों में जमा होते हैं। चार वसा में घुलनशील विटामिन विटामिन ए, डी, ई और के हैं। ये विटामिन आहार वसा की उपस्थिति में शरीर द्वारा अधिक आसानी से अवशोषित हो जाते हैं। पानी में घुलनशील विटामिन शरीर में जमा नहीं होते हैं।
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