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Thermal Power Plant In Hindi – थर्मल पावर प्लांट

Thermal Power Plant In Hindi के इस आर्टिकल में पावर प्लांट की पूरी माहिती है। जिसमे पावर प्लांट के प्रकार। थर्मल पावर प्लांट कैसे काम करता है ? थर्मल पावर प्लांट के मुख्य भाग क्या है ? और हमरे देश के मुख्य थर्मल पावर स्टेशन कोनसे है ? यहाँ प्रस्तुत जानकारी के आलावा कोई माहिती चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते है।

Thermal Power Station

Thermal power plant in hindi

बिजली ने मानव इतिहास के विकास को नयी दिशा दी है। बिजली का उत्पादन पावर प्लांट में होता है। दुनियामे बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए पावर प्लांट तैयार किया जाता है।

बिजली उत्पन्न करने के लिए अलग-अलग स्त्रोत्र का उपयोग होता है। उस स्तोत्र के आधार पे पावर प्लांट का प्रकार त्यय होता है। सबसे पहले हम देखते है कोनसे प्रकार के पावर प्लांट होते है।

देश और दुनियामे बढ़ती बस्ती का असर है की, बिजली की खपत दिन-बदिन बढ़ती है। बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ लोगो की सुविधा और जरुरियात बढ़ जाती है। उसे पूरा करने के लिए बिजली का उत्पादन बढ़ता है।

Types of Power Plant 

1 – Thermal Power Plant

2 – Gas Power Plant

3 – Hydropower Plant

4 – ICE Power Plant

5 – Nuclear Power Plant

6 – Solar Power Plant

7- Diesel Power Plant

सभी प्रकार के पावर प्लांट का मकसद एक ही है। बिजली उत्पन्न करना। लोगो की जरूरियात को पूरा करना। इंडस्ट्रीज को पूर्णतः पावर सप्लाई मुहैया करना। यहाँ हम थर्मल पावर प्लांट को समझेंगे।

What is Thermal Power plant – 

एक ऐसी जगह जहा बिजली को जनरेट किया जाता है, उसे पावर प्लांट कहते है।  पावर प्लांट का ह्दय टरबाइन है। उस टरबाइन को चलाने के लिए  भाप (Steam) का उपयोग होता है। यह भाप बनाने के लिए कोयला, गैस, वेस्ट, विगेरे को जलाकर पानी को गरम किया जाता है।

गरम पानी का स्टीम में रूपांतर होता है। स्टीम high प्रेशर के साथ high टेम्प्रेचर की होती है। यही स्टीम टरबाइन को घुमाती है। ये यंत्र को चला ने के लिए गरमी का इस्तेमाल होता है। इसीलिए इसे थर्मल पावर प्लांट कहते है।

Thermal Power Station Meaning in Hindi – उष्मीय शक्ति संयंत्र  है।

ये प्रश्न काफी लोगो का है। इसे तीन शब्दों को अलग करके समझते है।

Thermal – उष्मीय, इस शब्द का ताल्लुक गरमी से है।

Power –  शक्ति, ऊर्जा, यहाँ शक्ति के रुप हमें बिजली मिलती है।

Station – संयंत्र, एक ऐसी जगह जहा ये प्लांट स्थापित है।

Thermal Power Station को हिंदी में – उष्मीय ऊर्जा संयंत्र कहते है। सिंपल शब्दों से समजे तो, गरमी का उपयोग करके बिजली उत्पन्न करने की जगह। जिसे कहते है Thermal Power Station.

Types of Thermal Power Plant – थर्मल पावर प्लांट के प्रकार।

थर्मल पावर प्लांट में उपयोग होने वाले फ्यूल के आधार पे वर्गीकृत किया जाता है। हरएक थर्मल पावर प्लांट एक ही तरह काम करता है। स्टीम बनाने के लिए ईंधन का उपयोग होता है। पावर प्लांट की नजदीकी क्षेत्र में सरलता पूर्वक जो ईंधन मिलता है, उसका इस्तेमाल होता है।

ईंधन एक तरह से ये पावर प्लांट का रॉ मटेरियल है। स्टीम बनाने जिस ईंधन का इस्तेमाल होता है। उस ईंधन के आधार पे पावर प्लांट का प्रकार त्यय होता है।

1 – Coal Base Thermal Power Plant 

इस प्रकार का पावर प्लांट बहुत प्रचलित है। इसमें ईंधन के तोर पे कोयला का इस्तेमाल होता है। इसीलिए इसे कोल् बेस पावर प्लांट कहते है।

बायलर में कोयला को जलाकर तापमान बनाया जाता है। उसमे पानी की ट्यूब होती है। जले हुए कोयले की गरमी से ट्यूब का पानी गरम होता है। इस पानी की भाप (स्टीम) तैयार होती है।

बॉयलर में तैयार की गयी स्टीम हाई प्रेशर और हाई तापमान वाली होती है। जिसे टरबाइन को घुमाया जाता है। और बिजली का उत्पादन किया जाता है।

2 – Nuclear Power Plant 

इस प्रकार के पावर प्लांट में यूरेनियम और थोरियम का इस्तेमाल होता है। ईंधन के तोर पे स्टीम बनाने के लिए कोयले की जगह यूरेनियम और थोरियम का उपयोग होता है। इसीलिए इसे न्यूक्लियर पावर प्लांट कहते है।

फरनेस और बॉयलर की जगह नुक्लेअर रिएक्टर और हीट एक्सचेंजर ट्यूब का इस्तेमाल होता है। रेडिओ एक्टिव फ्यूल्स नुक्लेअर रिएक्टर के साथ रिएक्शन से गरमी उत्पन्न करता है। इस गरमी से हीट एक्सचेंजर ट्यूब के पानी को गरम करता है। ज्यादा हीट के कारण पानी का स्टीम में रुपांतर होता है। और यही भाप से टरबाइन चलाया जाता है।

टरबाइन के साथ जनरेटर कनेक्ट होता है। जिसका रोटर घूमता है। जनरेटर में उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र में रोटर के रूप में वाहक विचलित होता है। और EMF उत्पन्न होता है।

3 – Fossil Fuel Power Plant 

प्राकृतिक गैस (Natural Gas) इस प्रकार के ईंधन को पुराकालीन ईंधन कहा जाता है। माना जाता है की लाखो वर्ष पहले जमीन में दबे पशुओ और पौधों के कारण ये गैस मिलती है। इसे प्राकृतिक गैस कहते है।

इस प्राकृतिक गैस का उपयोग पावर प्लांट में ईंधन के तोर पे किया जाता है। इसीलिए, इसे Fossil power Plant कहते है। 

4 – Geothermal Power Plant

जिओ का अर्थ होता है पृथ्वी और थर्मल याने उष्मा,गरमी। जमीन की चट्टानों से निकली गरमी के इस्तेमाल से भाप बनाया जाता है। और इससे टरबाइन घूमता है।

इस प्रकार के पावर प्लांट की सबसे अच्छी बात यह है की इससे पोल्लुशन नहीं होता। ये बहुत पुराणी टेक्नोलॉजी है। और ये बेस लोड के लिए जाना जाता है।

Geothermal Power PLANT के लिए पहले लोकेशन खोजना पड़ता है। कही किलोमीटर तक खुदाई करनी पड़ती है। एक पाइप जमीन के अंदर जाती है। और एक बहार निकलती है। अंदर जाने वाली पाइप में पानी जाता है और बहार आने वाली पाइप से स्टीम मिलती है।

इस प्रकार के पावर प्लांट की कार्यक्षमता बहुत कम है। इसमें भूकंप का रिस्क रहता है। Efficiency 12 से 15% होती है।  

5 – Renewable Energy Plant 

कचरे का इस्तेमाल किया जाता है। सुगरकेन वेस्ट, म्युनिसिपल्टी का वेस्ट और अन्य प्रकार के बायोमास को जलाया जाता है। गणना का वास्ते गन्ने की फैक्ट्री में बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। इसे पावर प्लांट में उपयोग किया जाता है।

Renewable Energy या ने नवीकरणीय ऊर्जा। इस प्रकार की ऊर्जा प्राकृतिक स्तोत्रों पे निर्भर करती है। ये ऊर्जा कभी समाप्त नहीं होती। इसे समयांतर पे नवीनीकृत किया जाता है।

रिन्यूएबल ऊर्जा में बायोमास,पवन,जल,Tidal, सोलर विगरे एनर्जी को शामिल किया जाता है। ये पर्यावरण के लिए काफी अनुकूल है।

ग्लोबल वार्मिंग और बढ़ता पोल्लुशन के सामने ये ऊर्जा स्तोत्र बहुत कारगर है।

भारत सरकार इस स्तोत्र के प्रति बहुत प्रयत्न शील है। सरकार के संकल्प को देखे तो, 2030 तक देश में खपत होने वाली बिजली की 40% उत्पादन इस स्तोत्र से होंगे।

5 – Blast Furnace Exhaust Gases 

इस प्रकार की फर्नेस में हाई टेम्प्रेचर वाली एयर को हाई प्रेशर से ब्लास्ट किया जाता है।

इंजीनियरिंग प्लांट में, स्टील की मिलो में भट्टी होती है। उसमे से गैस निकलता है उस गैस का उपयोग करके पावर जनरेट किया जाता है। इसकी क्षमता काफी कम होती है।

Blast Furnace का आकर शंकु जैसा होता है। उसकी उचाई करीबन 40 मीटर होती है। और उसकी व्यास 6 से 10 मीटर तक होता है। फरनेस के अंदर 1600 से 1800 C डिग्री तापमान होता है।

6 – Waste Heat From Industrial Process 

इंडस्ट्री में ग्लास फैक्ट्री, स्टील फैक्ट्री एवं आयल रिफाइनरी में हीट ज्यादा जनरेट होता है। और हीट का waste भी ज्यादा होता है।

इस हीट को थर्मल पावर प्लांट में पानी को गरम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जिससे waste स्टीम का उपयोग होता है। पावर प्लान की Efficiency बढ़ती है।

आमतौर पे थर्मल पावर प्लांट की Efficiency 35 से 40% तक रहती है।

 

Thermal Power Plant Working

बिजली की जरूरियात को पूरा करने के लिए पावर प्लांट का निर्माण किया जाता है। आज हमारे देश में सबसे ज्यादा बिजली का उत्पादन Thermal Power Plant से किया जाता है।

Thermal Power Plant कैसे काम करता है। कैसे बिजली का उत्पादन होता है ? इसे गहराई से समझते है।

यादरखे – कोई भी ऊर्जा उत्पन्न नहीं की जा सकती। सिर्फ एक रूप से दूसरे रूप में ट्रांसफर की जा सकती है। बिजली उत्पन्न करने के लिए भी मैकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में कन्वर्ट किया जाता है।

 

Thermal Power Plant में चार मुख्य पहलू है। इसे समझते है,

कोयला,पानी,स्टीम,बिजली

1 – बिजली उत्पन्न करने के लिए हमें अल्टरनेटर को घुमाना है।

2 – अल्टरनेटर घुमाने के लिए टरबाइन को घुमाना पड़ता है। 

2 – टरबाइन घुमाने के लिए हमें हाई प्रेशर और तापमान वाली स्टीम चाहिए।

3 – स्टीम बनाने के लिए हमें बायलर में पानी और कोयला चाहिए।

पावर प्लांट बिजली उत्पन्न करना हमारी फाइनल जरूरियात है। पर कोयला हमारी सबसे पहली जरूरियात है।

किसीभी कोल् बेस पावर प्लांट में कोल् हैंडलिंग प्लांट होता है। जहा कोयले को हैंडल किया जाता है।

पुरे पावर प्लांट की लगभग 50% जमीन कोल् हैंडलिंग प्लांट के लिए होती है। पावर प्लांट की कैपेसिटी के अनुशार कोयला का संग्रह करना पड़ता है। कोयला को ट्रैन के द्वारा लाया जाता है। कोल् यार्ड में कोयला का संग्रह किया जाता है।

अनिश्चित परिस्थिति को ध्यान में रखके कोयला का संग्रह किया जाता है। यदि किसी कारण वश कोयला नहीं मिलता तो अगले 30 दिनों तक पावर प्लांट चला सके इतना कोयला कोल् यार्ड में रहता है।

कोल् यार्ड में कोयला आने के बाद उसे crusher मशीन से तोडा जाता है। और Pulverize मशीन से कोयला को पाउडर फॉर्म बनाया जाता है। क्युकी, कोयला का पूरी तरह से उपयोग कर सके।

कोयले के इस पाउडर को बेल्ट कन्वेयर के द्वारा बायलर के फरनेस तक पहुचाया जाता है।

बॉयलर की फरनेस में कोयले को जलाया जाता है। और बहुत ज्यादा तापमान तैयार किया जाता है। बायलर में ट्यूबिंग रहता है। जिसमे फीड वाटर पंप से पानी पोचाहया जाता है।

बॉयलर की फरनेस में निचे कोयला जलता है। और ऊपर ट्यूब में पानी गरम होता है। बायलर से निकल ने वाली स्टीम का प्रेशर लगभग 250 बार होता है। और 600’C डिग्री तापमान होता है। ये स्टीम सुपर हीटर में होके टरबाइन में जाती है।

पावर प्लांट में टरबाइन की स्पीड हमेशा अल्टरनेटर से ज्यादा होती है। मेने 8000 RPM पे चलता हुआ टरबाइन भी देखा है और 3000 RPM भी होता है।

 

टरबाइन में ब्लेड होती है। इसकी रचना इस प्रकार से होती है की वो स्टीम के प्रेसर से घुमा सके। हाई प्रेसर और हाई टेम्प्रेचर वाली स्टीम टरबाइन की ब्लेड पे पहोचती है। और टरबाइन को घुमाती है।

हमें अल्टीनेटर की स्पीड को मेन्टेन करना है। इसे मेन्टेन करने के लिए टरबाइन की स्पीड मेन्टेन करनी पड़ती है। टरबाइन की स्पीड कण्ट्रोल के लिए गवर्नर का उपयोग होता है। ये बहुत ही बेहतरीन तरीके से काम करता है।

आमतौर पे अल्टरनेटर की स्पीड 1500 RPM होती है। टरबाइन और अल्टरनेटर के बीचमे गियरबॉक्स रहता है। ये गियरबॉक्स के रेश्यो के अनुशार ये स्पीड कम करता है।

अल्टरनेटर के स्टेटर में थ्री फेज का वाइंडिंग होता है। इसे कॉपर के तार से किया जाता है। स्टेटर के अंदर रोटर होता है। स्टेटर अल्टरनेटर का स्थिर भाग है और रोटर घूमने वाला भाग है।

रोटर के अंदर स्लिपरिंग और कार्बन ब्रश के द्वारा Excitation वोल्टेज प्रदान किया जाता है। जिसके कारन रोटेटिंग मैग्नेटिक फ्लक्स उत्पन्न होती है।

ये फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के नियमानुसार काम करता है। किसी भी चुंबकीय क्षेत्र में वाहक को विचलित किया जाये तो उसमे EMF प्रोड्यूस होता है। और बिजली का उत्पादन होती है।

बॉयलर की हीट एनर्जी टरबाइन को घुमाके यांत्रिक एनर्जी में कन्वर्ट होती है। ठीक वैसे ही टरबाइन की मैकेनिकल एनर्जी इलेक्ट्रिकल एनर्जी में कन्वर्ट होती है ।

अल्टरनेटर से जो पावर निकलता है वो ट्रांसफार्मर में जाता है। ट्रांसफार्मर से डिस्ट्रीब्यूटर लाइन से हमारे गांव या घर तक पहोचता है।

 

Thermal Power Plant Diagram

यहाँ थर्मल पावर प्लांट का बेसिक डाइग्राम दिया है। इससे हम समाज सकते है की कोनसा भाग कहा होता है ।

Thermal Power Plant 

Thermal Power Plant in Hindi

Thermal Power Plant Components  – मुख्य भाग एवं कार्य

1 – Coal Hooper

कोल् हॉपर में में कोयला का क्रश किया जाता है। तोडा जाता है। और कोयला के साथ कोई मेटल पार्ट है तो उसे अलग किया जाता है। कोल हॉपर से कोयला pulverizer में जाता है।

2 – Pulverizer 

Pulverizer का काम आटा पीसने वाली  चक्की जैसा है। कोयला को जलाना है। जितनी अच्छी तरीके से जलेगा उतना अच्छा आउटपुट मिलेगा। इसे पूरा जलाने ने के लिए इसे pulverizer के द्वारा पाउडर बना दिया जाता है।

ये कोयला बेल्ट कन्वेयर के द्वारा बायलर की फरनेस में पोहचाया जाता है।

3 – Dust Collector

बॉयलर से निकल ने वाली गैस में ऐश के पार्टिकल होते है। पर्यावण को ध्यान में रखते हुए ये पार्टिकल हम हवा में नहीं छोड़ सकते। इसे वातावरण में प्रदुषण फैलता है। डस्ट कलेक्टर डस्ट को कलेक्ट करता है। और सिफॅ गैस ही चिमनी से बहार निकलता है।

4 -Chimney

पावर प्लांट का सबसे ऊँचा हिस्सा। 60 मीटर से 100 मीटर तक उसकी ऊंचाई होती है। इस चिमनी से गरम गैस और धुआँ वातावरण में निकाला जाता है। ये गैस और धुआँ मेसे डस्ट और ऐश पार्टिकल को हटा दिया जाता है। और चिमनी के रस्ते बहार निकाला जाता है।

5 – Boiler 

बॉयलर Thermal Power PLANT का बहुत महत्व का भाग है। बायलर में फरनेस होता है। उसमे कोयला डाला जाता है। आग लगाकर उसे जलाया जाता है। बॉयलर के अंदर का तापमान करीब 600’C डिग्री होता है।

बॉयलर के ऊपर के हिस्से में पानी की बहुत सारी लाइन होती है। तापमान के कारण पानी गरम होता है। और पानी में से स्टीम बनती है।

6 – Steam Turbine 

इसे स्टीम टरबाइन भी कहते है। बॉयलर से निकली हुई स्टीम सुपर हीटर में जाती है। ये स्टीम हाई प्रेसर और टेम्प्रेचर के साथ टरबाइन पे प्रहार करती है। टरबाइन के अंदर ब्लेड होती है। इसकी रचना इस प्रकार से की जाती है की स्टीम का सीधा संपर्क ब्लेड हो।

इसमें प्रेसर और तापमान की शक्ति को यांत्रिक शक्ति में ट्रांसफर किया जाता है। टरबाइन के साथ अल्टरनेटर का रोटर कनेक्ट होता है। इसीलिए, टरबाइन के साथ रोटर भी घूमता है।

7 – Alternator

ये फैराडे के इलेक्ट्रोमग्नेटिक इंडक्शन के आधार पे बिजली तैयार करता है। मेग्नेटिक फ्लक्स के अंदर वाहक को घुमाते है, या वाहक के आसपास मैग्नेटिक फ्लक्स को घुमाते है तो इसमें EMF उत्पन्न होते है।

DC सप्लाई को स्लिपरिंग के द्वारा रोटर के वाइंडिंग को दिया जाता है।

रोटर घुमाता है और रोटेटिंग मैग्नेटिक फ्लक्स उत्पन्न करता है। स्टेटर का वाइंडिंग स्थिर होता है। रोटर द्वारा उत्पन्न फ्लक्स स्टेटर के वाइंडिंग द्वारा कट होती है। और EMF उत्पन्न होता है। जो हमें बिजली के रूप में अल्टरनेटर के टर्मिनल बॉक्स पे मिलता है। 

अल्टरनेटर में 120 ‘C डिग्री पे तीन फेज का वाइंडिंग होता है। जिसके तीन छेड़े को स्टार कनेक्ट किया जाता है। और वाइंडिंग के तीन छेड़े से सप्लाई लिया जाता है।

अल्टरनेटर से निकली बिजली ट्रांसफार्मर में जाती है। और ट्रांसफार्मर से डिस्ट्रीब्यूशन लाइन के सहारे हमारे घरो तक पहोचती है।

8 – Feed water Pump 

फीड वाटर पंप पावर प्लांट का अहम् हिस्सा है। यदि पानी नहीं होगा तो स्टीम नहीं बनेगा। और स्टीम नहीं बनेगा तो टरबाइन नहीं चलेगा। और टरबाइन नहीं चलेगा तो हम पावर प्रोड्यूस नहीं कर पाएंगे।

पावर प्लांट में जैसे कोयला रॉ मटेरियल है। ठीक वैसे ही पानी भी रॉ मटेरियल है। पावर प्लांट लगाने से पहले वहा पानी और कोयला की सुविधा की जांच की जाती है।

आमतौर पे कोई नदी के किनारे वाला जगह पसंद किया जाता है। जहा पानी की कभी किल्लत ना हो।

यदि नदी नजदीक नहीं है, तो  तालाव बनाया जाता है। और पानी का स्टॉक किया जाता है। उस पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट द्वारा अशुद्धि दूर की जाती है।

और शुद्ध पानी को फीड वाटर पंप के द्वारा बायलर में पहोचाया जाता है। इसमें स्टैंड बाय पंप भी रहता है।

9 – Condenser

कंडेंसर का काम स्टीम को कंडेन्स करना है। टरबाइन में स्टीम यूज़ होने के बाद कंडेंसर में जाती है। कंडेंसर में पानी की लाइन होती है। जिसमे कूलिंग टावर के पानी को circulate किया जाता है।

ऊपर से गरम स्टीम ट्यूब पे गिरती है। ट्यूब में ठंडा पानी का सर्कुलेशन चल रहा है। इसलिए, गरम स्टीम अपना गुणधर्म छोड़के पानी में रूपांतर हो जाती है। ये पानी एक टैंक में इकठ्ठा होता है। उसका कनेक्शन फीड वाटर पंप के साथ होता है।

फीड वाटर पंप ये पानी फिरसे बॉयलर को प्रदान करता है। इस तरह से साइकिल चलती रहती है।

10 – Super Heater 

बॉयलर से निकली हुई स्टीम सुपर हीटर में जाती है। सुपर हीटर में स्टीम को और ज्यादा गरम किया जाता है। इससे पावर प्लांट की कार्यक्षमता बढ़ती है।

कन्वेटिव सुपर हीटर के साथ एक वाल्व होता है। ये सुपर हीट स्टीम के जरूरियात के मुजब रीलीज़ करता है। सुपर हीटर से निकल ने वाली स्टीम 100 % ड्राई स्टीम होती है।

11- Pre Heater 

बॉयलर की थर्मल Efficiency बढ़ाने के लिए इसका एयर प्री हीटर का उपयोग होता है। ये एयर को दो जगह पहुंचाया जाता है। 

1 – बॉयलर के कबंसन चैम्बर में एयर -प्री हीटर से मिलता है।

2 -Pulveriser में कोयला का मॉइस्चर दूर करने के लिए इस्तेमाल होता है। 

ID Fan की मदद से वातावरण की हवा को अंदर लिया जाता है। इस हवा को बॉयलर के फ्लू गैस चैम्बर के पास से पसार किया जाता है। जिसके कारण वातावरण से मिली हवा का तापमान बढ़ जाता है।

एयर को बॉयलर में पहुंचाने से पहले गरम किया जाता है। इसीलिए, इसे Air Pre-Heater कहते है।

इससे Thermal Power Plant की कार्यक्षमता में बढ़ोतरी होती है।

12 – Economizer

इसका नाम Economizer इसके काम के कारण रखा गया है। क्युकी, ये इकोनोमिकली हमें फायदा पहुंचाता है।

Economizer ये कंडेंसर और बॉयलर के बिच में होता है। बॉयलर में पानी को उबालना है। उसकी भाप तैयार करना है। यदि पहले से ही बॉयलर को गरम पानी दिया जाये तो, भाप बनाने के लिए कम कोयला जलाना पड़ेगा।

बॉयलर से गरम फ़्लु गैस निकलती है। इस फ्लू गैस की गर्मी से ही पानी को गरम किया जाता है। और बॉयलर में सप्लाई किया जाता है। इससे हमें इकोनोमिकली सस्ता पड़ता है और कार्यक्षमता भी बढ़ती है।

13 – Coal  Handling plant

कोल् हैंडलिंग पलांट में कोल् को हैंडल किया जाता है। ऐश हैंडलिंग पैंट में ऐश को को हैंडल किया जाता है।

कोयला को बाहर से ट्रैन में लाया जाता है। उसे Pulveriser से पावर बना दिया जाता है। उस कोयले को बेल्ट कन्वेयर के द्वारा बायलर फरनेस में पहुंचाया जाता है।

14 – Ash Handling Plant 

जब हम कोयला का ईंधन के रूप में इस्तेमाल करते है। तब साइड इफ़ेक्ट के रूप में हमें ऐश मिलती है। ऐश फ्लू गैस के साथ पास होता है। और अलग-अलग जगह पे उसका कलेक्शन होता है।

बॉयलर में  10 से 20% बेड से ऐश का कलेक्शन होता है।

बॉयलर बैंक के हॉपर के पास 10% ऐश का कलेक्शन होता है।

Economizer में 10% कलेक्ट होता है। 

लगभग 60% से ज्यादा ऐश ESP में इकठ्ठा होता है।

ये सभी जगह से राख को हॉपर में लाया जाता है। यहाँ गरम राख को जैकेट पे पानी की लाइन से ठंडा करते है। और ऐश स्टोरेज एरिया में पहुंचाते है।

यह ऐश सीमेंट प्लांट में उपयोग होती है। रोड बनाने में यूज़ होता है। ईंटो की भठ्ठी में उपयोग किया जाता है।

15 – Cooling tower

कूलिंग टावर का काम पानी को ठंडा करना है। किसी भी प्रोसेस का गरम पानी को ठंडा करके वापस प्रोसेस में भेजता है।

कूलिंग टावर में गरम पानी को ऊपर से छिड़का जाता है। ऊंचाई से पानी छिड़कने की बजह से उसका तापमान कम हो जाता है।

पावर प्लांट में कूलिंग टावर के पानी का उपयोग कंडेंसर की स्टीम को कंडेंस करने के लिए होता है।

Fuel Used In Thermal Power Plant

थर्मल पावर प्लांट में Fuel के तोर पे रौ मटेरियल निचे मुजब उपयोग होते है ।

1- कोयला

2- नुक्लेअर

3- बायोमास कचरा

4- नेचुरल गैस

5- सोलर

6- आयल

इलेक्ट्रिकल बेसिक – पूरी जानकारी

ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत एवं भाग

इंटरव्यू में जाने से पहले एक बार जरूर पढ़े -Tips

5- Largest Thermal Power Plant In India

1-  Thermal Power Plant Vindhyachal

ये पावर प्लांट मध्य प्रदेश के सिंगरोली डिस्ट्रिक्ट में है। इसकी कैपेसिटी 4760MW है।

2- Thermal Power Station Mundra

ये पावर प्लांट गुजरात के कच्छ में है। इसकी कैपेसिटी 4620MW है।

3- Varankbori Thermal Power plan- 

ये पावर प्लांट गुजरात में माहि नदी के तट पे है।

4-  Ultra mega power Plant Sasan

ये पावर प्लांट मध्यप्रदेश के सिनरोली डिस्ट्रिक्ट में है । उसकी  कैपेसिटी 3960MW है ।

5- Thermal Power Station Tiroda

ये  थर्मल पावर प्लांट महाराष्ट्र  में है। इसकी कैपेसिटी 3300MW है । 

Thermal Power Station In India

हमारे देश के मुख्य थर्मल पावर प्लांट का लिस्ट है। इसके आलावा भी छोटी कैपेसिटी के पावर प्लनेट लगभग सभी राज्यों में है। यहाँ कैपेसिटी का उल्लेख नहीं किया है। क्युकी, समयांतर पे हरेक पावर प्लांट कैपेसिटी बढ़ता रहता है।

1 – मुंद्रा थर्मल पावर प्लांट –  गुजरात 

2 – सिक्का थर्मल पावर प्लांट –  गुजरात 

3 – वारणकबोरी थर्मल पावर प्लांट –  गुजरात 

4 – सिपल थर्मल पावर प्लांट – छत्तीसगढ़।

5 – तलचर सुपर थर्मल पावर प्लांट – ओडिशा

6 – कमलंगा, थर्मल पावर प्लांट – ओडिशा

7 – कोरबा, सुपर थर्मल पावर प्लांट – छत्तीसगढ़

8 – बोकारो थर्मल पावर प्लांट – झारखण्ड

9 – सिम्हाद्रि, सुपर थर्मल पावर प्लांट – आंध्रप्रदेश

10 – अनपरा थर्मल पावर प्लांट – उत्तर प्रदेश

11 – बरौनी थर्मल पावर प्लांट – बिहार

12 – जड़सुगुड़ा पावर प्लांट – ओडिशा

13 – टीरोदा, थर्मल पावर प्लांट – महारास्ट्र

14 – दुर्गापुर , थर्मल पावर प्लांट – बंगाल

15 – रिहन्द थर्मल पावर प्लांट – उत्तर प्रदेश

16 – गुरुनानक देव थर्मल पावर प्लांट – पंजाब

17 – कोटा, थर्मल पावर प्लांट – राजस्थान

18 – तूतीकोरिन, थर्मल पावर प्लांट – तमिलनाडु

19 – विध्याचल थर्मल पावर प्लांट – मध्य प्रदेश

20 – इंद्रप्रस्थ थर्मल पावर प्लांट – दिल्ही

Thermal Power Plant In Hindi के इस आर्टिकल में थर्मल पावर प्लांट की विस्तृत जानकारी देने की कोशिश की है। आशा है ये आपके लिए हेल्पफुल होगी। यदि इससे जुड़ा कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में लिख सकते है।

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