NIOS Class 10 Social Science Chapter 9 भारत का भौतिक भूगोल
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NIOS Class 10 Social Science Chapter 9 Solution – भारत का भौतिक भूगोल
प्रश्न 1. भारत की स्थिति एवं विस्तार की व्याख्या कीजिए |
उत्तर- भारत की भूमि 8°4′ उत्तरी अक्षांश और 37°6′ उत्तरी अक्षांश पर स्थित है। यह 68°7′ और 97°25′ पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है। भारत की लंबाई तीस अक्षांश और तीस देशांतरों तक सीमित है, लेकिन यह दक्षिणोत्तर और पूर्व-पश्चिम में अलग है। वास्तव में, देश का अंतिम छोर अंडमान द्वीपसमूह से दूर है। इंदिरा प्वाइंट अंतिम छोर है। यह 6° 45′ अक्षांश पर है, इसलिए उत्तर-दक्षिण पूर्वी-पश्चिम की दूरी (3000 कि.मी.) से 200 कि.मी. (3200 कि.मी.) अधिक है। भारत की भौगोलिक स्थिति बहुत अनुकूल है, जो निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट है-
(i) भारत पूरी तरह से उत्तरी गोलार्द्ध में आता है क्योंकि यह विषुवत वृत्त के उत्तर में स्थित है।
(ii) कर्क वृत्त मध्य भारत से पश्चिम की ओर पूर्व की ओर जाता है। इसलिए भारत का उत्तरी हिस्सा उपोष्ण कटिबंध में और दक्षिणी हिस्सा उष्ण कटिबंध में है ।
(iii) भारत स्थलीय गोलार्द्ध में है । भारत के इस गोलार्द्ध में स्थित होने से हमारे सांस्कृतिक और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। इसलिए भारत को सोने की चिड़िया कहा गया।
(iv) भारत हिन्द महासागर के ऊपर है। इसलिए वह पूर्व और पश्चिम की ओर जाने वाले समुद्री मार्ग पर है। इससे भारत भी व्यापार में अग्रणी होता है। मलक्का जलसंधि और स्वेज नहर इस मामले में बहुत महत्वपूर्ण हैं। इससे सांस्कृतिक संबंध भी बढ़ते हैं।
प्रश्न 2. भारतीय रेगिस्तान की किन्हीं तीन विशेषताओं का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – भारतीय रेगिस्तान की विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
1. भारतीय रेगिस्तान अरावली पहाड़ियों के पश्चिमी किनारे की ओर स्थित है। यहां अरावली के समानांतर नमी से युक्त हवाएं चलती हैं।
2. यहां कांटेदार झाड़ियां और कैक्टस भी पाए जाते हैं।
3. बालू के टिब्बे रेगिस्तान का सौंदर्य बढ़ाते हैं ।
4. यहां कई किलोमीटर तक पानी का अभाव पाया जाता है।
प्रश्न 3. हिमालय की तीन समान्तर पर्वतमालाओं की कोई दो-दो बिंदुओं में व्याख्या कीजिए ।
उत्तर- भारत के उत्तरी विशाल समूह को तीन भागों में बांटा जा सकता है-
(i) हिमालय पर्वत
(ii) हिमालय पार की पर्वत श्रेणियाँ
(iii) पूर्वी पहाड़ियाँ या पूर्वांचल
(i) हिमालय पर्वत – हिमालय विश्व की सर्वाधिक ऊँची पर्वत शृंखला है। इसका विस्तार कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक है। इसकी चौड़ाई 150 किमी० तक है। हिमालय पर्वत की तीन पर्वत श्रेणियाँ हैं-
(क) हिमाद्रि, (ख) हिमाचल, (ग) शिवालिक
(क) हिमाद्रि – इसका दूसरा नाम सर्वोच्च हिमालय है। यह हिमालय की सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है। नंगा पर्वत शिखर (8216 मी.) और नामचा बरवा शिखर (7756 मी.) इस श्रेणी के पूर्वी तथा पश्चिमी छोरों पर हैं । समुद्र तल से इस पर्वतमाला की ऊँचाई 6100 मीटर है। इसी पर्वत श्रेणी में विश्व की सबसे ऊँची चोटी एवरेस्ट (8848 मी.) स्थित है। कंचनजंगा (8598 मी॰) के आसपास मकालू, धौलागिरि, अन्नपूर्णा और अन्य आठ हजार मीटर से अधिक ऊँची पर्वत चोटियाँ हैं । भारत का सर्वोच्च शिखर कंचनजंगा है। हिमालय की पर्वत श्रेणी पूरे वर्ष हिमाच्छादित रहती है । इस हिमाच्छादित पर्वतमाला में छोटे-बड़े कई हिमानियाँ हैं। हिमालय की चोटियों को पार करने के लिए जोजी-ला, शिपकी-ला, बोमीडी-ला और नाथू-ला जैसे कई रास्ते हैं।
(ख) हिमाचल- यह लघु हिमालय भी कहलाता है। हिमालय की चोटियों में स्थित हैं। 60 से 80 किलोमीटर चौड़ी और 1000 से 4500 मीटर ऊँची यह पर्वतमाला है। कुछ हिस्से 5000 मीटर से भी ऊँचे हैं। यह श्रेणी बहुत कमजोर है। कायान्तरित शैलों ने इस श्रेणी को बनाया है । कश्मीर में इस श्रेणी को पीर पंजाल कहते हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश में धौलाघाट कहते हैं। कश्मीर की सुंदर घाटी, पीर पंजाल और हिमालयी क्षेत्रों में फैली हुई है कांगड़ा और कुल्लू की प्रसिद्ध घाटियाँ हिमाचल प्रदेश में ही हैं। शिमला, नैनीताल, मसूरी, अल्मोड़ा और दार्जिलिंग हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों पर हैं ।
(ग) शिवालिक – यह बाह्य हिमालय भी कहलाता है। यह हिमालय की सबसे दक्षिणी ओर है। ये श्रेणियाँ सबसे कम विभाजित हैं। शिवालिक पर्वत श्रेणियां हिमाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश की तुलना में कम ऊँची हैं। उनकी औसत ऊँचाई 600 मीटर है। “दून” हिमाचल प्रदेश और शिखरों के बीच फैली चौड़ी घाटियों का नाम है। इसका एक उदाहरण देहरादून की घाटी है।
(ii) हिमालय पार की पर्वत श्रेणियाँ – हिमालय के उत्तर में कुछ पहाड़ियां हैं। इनमें से एक जास्कर पर्वत श्रेणी है, जो हिमालय के आसपास फैला हुआ है | जास्कर के उत्तर में लद्दाख है। सिन्धु नदी इन दोनों पहाड़ियों के बीच दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर बहती है । कराकोरम लद्दाख के उत्तर में है। इस पर्वत श्रेणी का सर्वोच्च शिखर 8611 मीटर है, जो एवरेस्ट के बाद दुनिया का दूसरा सबसे ऊँचा शिखर है। लद्दाख जम्मू-कश्मीर राज्य के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित है। समुद्र तल से इसकी औसत ऊँचाई 5300 मीटर है। हमारे देश का यह पठार बहुत ऊँचा, शुष्क और दुर्गम है।
(iii) पूर्वांचल- ब्रह्मपुत्र महाखड्ड के उस पार भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में फैली पहाड़ियों का सम्मिलित नाम पूर्वांचल है । इन पहाड़ियों की औसत ऊँचाई समुद्रतल से 500 से 3000 मी. तक है। ये पहाड़ियां दक्षिणी अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय और त्रिपुरा में स्थित हैं। मेघालय का पठार उत्तर-पूर्वी पहाड़ियों का ही भाग है । इस पठार में गारो, खासी और जयन्तिया पहाड़ियाँ हैं ।
प्रश्न 4. हिमालय और प्रायद्वीपीय नदी प्रणाली के बीच कोई चार अंतर दीजिए ।
उत्तर – हिमालयी और प्रायद्वीपीय नदियों की तुलना निम्न प्रकार की जा सकती है-
1. हिमालय से निकलने वाली नदियां – हिमालय इन नदियों का मूल है। क्योंकि ये नदियां पूरे वर्ष बहती रहती हैं, इन्हें सदानीरा नदियां कहा जाता है। इन नदियों का जल हिम से आता है। इन नदियों का अधिकांश भाग उत्तर भारत में बहता है। ये नदियां उत्तरी क्षेत्र में बहती हैं और बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में गिरती हैं। इन नदियों को सिन्धु नदी तंत्र (पश्चिम) और गंगा नदी तंत्र (पूर्व) बाँधते हैं। ये नदियां बंगाल की खाड़ी से निकलकर पूर्व डेल्टा बनाती हैं। उत्तरी क्षेत्र इन नदियों के प्रवाह से बहुत सुंदर है। ये नदियां सिंचाई में बहुत फायदेमंद हैं। इन नदियों में गंगा, यमुना, सिन्धु और ब्रह्मपुत्र सबसे बड़ी नदियां हैं ।
2. प्रायद्वीपीय नदियां प्रायद्वीप भू-भाग की नदियां पूर्व की ओर बहकर बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। ये नदियां मुख्यतया प्रायद्वीप भारत में बहती हैं । इनकी प्रकृति हिमालय की नदियों से अलग है। ये नदियां सदानीरा नहीं हैं, क्योंकि इन नदियों के जल का स्रोत वर्षा है। केवल नर्मदा और ताप्ती नदी अरब सागर में जाकर गिरती हैं । कहा जाता है कि ये नदियां संकरे ज्वारनदमुख के द्वारा समुद्र से मिलती हैं | प्रायद्वीपीय भू-भाग में बहने वाली मुख्य नदियां हैं-महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी ।
प्रश्न 5 कारण दीजिए-
(क) उत्तरी मैदान उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी का बना है।
(ख) भारतीय रेगिस्तान में बहुत कम वनस्पतियां हैं।
उत्तर- (क) हिमालय पर्वत के दक्षिण में दुनिया का बहुत ही विस्तृत और बहुत ही उपजाऊ क्षेत्र है । नदियों द्वारा बहाकर लाई गई जलोढ़ के जमाव ने इस समतल निचले भूभाग को बनाया है। पाकिस्तान में सिन्धु का मैदानी क्षेत्र है, जो दक्षिण की ओर बहकर अरब सागर में गिरती है। बंगाल की खाड़ी गंगा और ब्रह्मपुत्र के जल से बनती है, जो सबसे बड़ा मैदान है। हिमालय पर्वतमाला से ब्रह्मपुत्र नदी निकलती है, जबकि गंगा नदी गंगोत्री हिमालयी से निकलती है। हिमालय पर्वतों और प्रायद्वीपीय पठार से बहुत सी नदियां यहां लाती हैं और उन्हें जमा करती हैं। समुद्र में मिलने से पूर्व गंगा और ब्रह्मपुत्र दुनिया का सबसे बड़ा डेल्टा बनाते हैं। यह क्षेत्र भारत की सभ्यता के विकास के लिए एक अनाज भंडार रहा है। भारत की सबसे बड़ी आबादी यहीं रहती है। संकीर्ण तटीय क्षेत्र दक्षिणी पठार के पूर्व में बंगाल की खाड़ी के किनारे है और अरब सागर के पश्चिम में है। पश्चिमी तटीय क्षेत्र छोटा और असमान है। पूर्वी तट अधिक चौड़ा और समतल है। महानदी, कृष्णा, गोदावरी तथा कावेरी नदियों के डेल्टा पूर्वी तटीय क्षेत्र में फैले हुए हैं । केरल राज्य में कई लैगून हैं, और नर्मदा और ताप्ती नदियों की एस्चुअरी पश्चिमी तटीय क्षेत्र में है। मुम्बई, गोआ, त्रिवेन्द्रम, कोचीन, मद्रास, विशाखापत्तनम सब प्रसिद्ध पत्तन हैं ।
(ख) भारत का रेगिस्तान विश्व में नवम सबसे बड़ा है। यह गुजरात और राजस्थान में भी है। यह थार मरुस्थल भी है। यहां मौसम लगभग शुष्क रहता है। यहां 150 मिल से कम वर्षा हर साल होती है। यहां कांटेदार झाड़ियां हैं, जो वनस्पति हैं।