NEET 2016 Physics Question Paper with Solutions PDF
नीट भौतिक विज्ञान क्वेश्चन पेपर पीडीएफ डाउनलोड – जो विद्यार्थी एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश लेना चाहता है ,उसे एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश लेने से पहले NEET की परीक्षा को पास करना होता है . जो भी विद्यार्थी NEET की परीक्षा की तैयारी कर रहे है. उन सभी उम्मीदवारों को इस पोस्ट में NEET 2016 Physics Question Paper ,नीट भौतिक विज्ञान क्वेश्चन पेपर दिया गया है. पिछले वर्ष के क्वेश्चन पेपर से विद्यार्थी को पता चल जाता है की NEET का पेपर कैसा आता है और तैयारी भी अच्छे से हो जाती है. इसलिए इस पेपर को आप ध्यानपूर्वक पढ़े .यह आपकी परीक्षा के लिए बहुत उपयोगी रहेगा .
द्रव्यमान M तथा त्रिज्या R की किसी डिस्क से R व्यास का कोई वृत्ताकार छिद्र इस प्रकार काटा जाता है कि उसकी नेमि डिस्क के केन्द्र से गुजरे । डिस्क के शेष भाग का, डिस्क के लम्बवत् उसके केन्द्र से गुजरने वाले अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण क्या है ?
(a) 15MR2/32
(b) 13MR2/32
(c) 11MR2/32
(d) 9MR2/32
उत्तर. 13MR2/32
चुम्ककीय सुग्राहिता ऋणात्मक होती है :
(a) केवल प्रतिचुम्बकीय पदार्थ के लिए
(b) केवल अनुचुम्बकीय पदार्थ के लिए
(c) केवल लौह – चुम्बकीय पदार्थ के लिए
(d) अनुचुम्बकीय और लौह – चुम्बकीय पदार्थों के लिए
उत्तर. केवल प्रतिचुम्बकीय पदार्थ के लिए
800 Hz आवृत्ति की ध्वनि उत्पत्र करने वाला कोई सायरन किसी प्रेक्षक से एक चट्टान की ओर 15ms1 की चाल से गतिमान है। तब उस ध्वनि की आवृत्ति, जिसे चट्टान से परावर्तित प्रतिध्वनि के रूप में वह प्रेक्षक सुनता है, क्या होगी ? (वायु में ध्वनि की चाल = 330ms-1लीजिए)
(a) 765 Hz
(b) 800 Hz
(c) 838 Hz
(d) 885Hz
उत्तर. 838 Hz
जब चौड़ाई ‘a’ की किसी एकल झिरी पर 5000Å तरंगदैर्घ्य का प्रकाश आपतन करता है, तो झिरी के कारण उत्पत्र विवर्तन पैटर्न में 30° के कोण पर पहला निम्निष्ठ दिखाई देता है। पहला द्वितीयक उच्चिष्ठ जिस कोण पर दिखाई देगा, वह है:
(a)
(b)
(c)
(d)
उत्तर.
पृथ्वी के पृष्ठ से कितनी ऊँचाई पर गुरुत्वीय विभव और गुरुत्वीय त्वरण g के मान क्रमश: 5.4 x 107Jkg-1और 6.0ms-2होते हैं? पृथ्वी की त्रिज्या 6400 कि.मी. लीजिए:
(a) 2600 कि.मी.
(b) 1600 कि.मी.
(c) 1400 कि.मी.
(d) 2000 कि.मी.
उत्तर. 2600 कि.मी.
नीचे दिए गए विकल्पों में से किसका उपयोग एक संचरित विद्युत चुम्बकीय तरंग उत्पत्र करने में किया जा सकता है?
(a) नियत वेग से गतिमान कोई आवेश
(b) स्थिर आवेश
(c) आवेशहीन कण
(d) कोई त्वरित आवेश
उत्तर. कोई त्वरित आवेश
द्रव्यमान तथा लम्बाई L की कोई एकसमान रस्सी किसी दृढ़ टेक से ऊर्ध्वाधर लटकी है। इस रस्सी के मुक्त सिरे से द्रव्यमान m2 का कोई गुटका जुड़ा है। रस्सी के मुक्त सिरे पर तरंगदैर्घ्य 1 का कोई अनुप्रस्थ स्पन्द उत्पत्र किया जाता है । यदि रस्सी के शीर्ष तक पहुँचने पर इस स्पन्द की तरंगदैर्घ्य 1⁄2 हो जाती है, तब अनुपात 2 का मान है :
(a)
(b)
(c)
(d)
उत्तर.
कोई रेफ्रिजरेटर 4°C और 30°C के बीच कार्य करता है । प्रशीतन किए जाने वाले स्थान का ताप नियत रखने के लिए 600 कैलोरी ऊष्मा का प्रति सेकण्ड बाहर निकालना आवश्यक होता है । इसके लिए आवश्यक शक्ति चाहिए : (1 कैलोरी = 4.2 जूल लीजिए)
(a) 2.36.5 W
(b) 23.65 W
(c) 2.365 W
(d) 2365 W
उत्तर. 2.365 W
एक सिरे पर बन्द तथा दूसरे सिरे पर खुला कोई वायु स्तम्भ किसी स्वरित्र द्विभुज के साथ उस समय अनुनाद करता है जब इस वायु स्तम्भ की कम-से-कम लम्बाई 50 सेमी. होती है। इसी स्वरित्र द्विभुज के साथ अनुनाद करने वाली स्तम्भ की अगली बड़ी लम्बाई है
(a) 66.7 सेमी.
(b) 100 सेमी.
(c) 150 सेमी.
(d) 200 सेमी.
उत्तर. 150 सेमी.
किसी प्रतिरोध R से प्रवाहित आवेश का समय के साथ विचरण Q = at – bt2 के रूप में होता है, जहाँ a तथा b धनात्मक नियतांक हैं । R में उत्पत्र कुल ऊष्मा है: a3R
(a)
(b)
(c)
(d)
उत्तर.
कोई कृष्णिका 5760 K ताप पर है। इस पिण्ड द्वारा उन विकिरणों की ऊर्जा, तरंगदैर्घ्य 250nm पर U1 तरंगदैर्ध्य 500 nm पर U2 तथा तरंगदैर्ध्य 1000nm पर U3 वीन – नियतांक, b = 2.88 × 106 nmk है। नीचे दिया कौन सा संबंध सही है ?
(a) U1 = 0
(b) U3 = 0
(c) U1a>U2
(d) U2>U1
उत्तर. U2>U1
किसी दिए गए प्रवर्धक में कोई npn ट्रांजिस्टर उभयनिष्ठ उत्सर्जक विन्यास में संयोजित है। 800Ω का कोई लोड प्रतिरोध संग्राहक परिपथ में संयोजित है और इसके सिरों पर 0.8 V विभवपात है । यदि धारा प्रवर्धक गुणांक 0.96 है तथा परिपथ का निवेश प्रतिरोध 192 Ω है, तो इस प्रवर्धक की वोल्टता लब्धि तथा शक्ति लब्धि क्रमशः होगीः
(a) 4,3.84
(b) 3.69, 3.84
(c) 4,4
(d) 4, 3.69
उत्तर. 4,3.84
यंग के किसी द्वि झिरी प्रयोग में उच्चिष्ठ की तीव्रता lo है। दोनों झिरियों के बीच की दूरी d = 52 है, यहाँ प्रयोग में उपयोग किए गए प्रकाश की तरंगदैर्घ्य है । किसी एक झिरी के सामने दूरी D= 10 d पर स्थित पर्दे पर तीव्रता क्या होगी ?
(a) I0
(b)
(c)
(d)
उत्तर.
विरामावस्था में स्थित 50 से.मी. त्रिज्या की कोई एकसमान वृत्ताकार 20. डिस्क अपने तल के लम्बवत् और केन्द्र से गुजरने वाले अक्ष के परितः घूमने के लिए स्वतंत्र है। इस डिस्क पर कोई बल आघूर्ण कार्य करता है, जो इसमें 2.0 rad s-2 का नियत कोणीय त्वरण उत्पत्र कर देता है। 2.0s के पश्चात ms-2 में इसका नेट त्वरण होगा लगभग :
(a) 8.0
(b) 7.0
(c) 6.0
(d) 3.0
उत्तर. 8.0
द्रव्यमान m के इलेक्ट्रॉन तथा किसी फोटॉन की ऊर्जाएं E एकसमान हैं। इनसे संबद्ध दे-ब्राग्ली तरंगदैघ्यों का अनुपात है :
(a)
(b)
(c) 3
(d)
उत्तर.
कोई डिस्क और कोई गोला जिनकी त्रिज्याएं समान परन्तु द्रव्यमाम भिन्न हैं समान उत्रतांश और लम्बाई के दो आनत समतलों पर लुढ़कते हैं, इन दोनों पिण्डों में से तली तक पहले कौन पहुँचेगा?
(a) डिस्क
(b) गोला
(c) दोनों एक ही समय पहुँचेंगे
(d) इनके द्रव्यमानों पर निर्भर करता है
उत्तर. गोला
प्रिज्म के किसी अपवर्तक पृष्ठ पर किसी प्रकाश किरण के लिए आपतन कोण का मान 45° है । प्रिज्म कोण का मान 60° है। यदि यह किरण प्रिज्म से न्यूनतम विचलित होती है, तो न्यूनतम विचलन कोण तथा प्रिज्म के प्रदार्थ का अपवर्तनांक क्रमश: है:
(a)
(b)
(c)
(d)
उत्तर.
जब द्रव्यमान ‘m’ तथा वेग ‘V’ से गतिमान कोई a – कण ‘Ze’ आवेश के किसी भारी नाभिक पर बमबारी करता है, तो उसकी नाभिक से निकटतम उपगमन की दूरी, m पर इस प्रकार निर्भर करती है :
(a)
(b)
(c)
(d) m
उत्तर.
10g द्रव्यमान का काई कण 6.4 से.मी. लम्बी त्रिज्या के अनुदिश किसी नियत स्पर्श- रेखीय त्वरण से गति करता है। यदि गति आरम्भ करने के पश्चात दो परिक्रमाएं पूरी करने पर कण की गतिज ऊर्जा 8 × 10–4 J हो जाती है, तो इस त्वरण का परिमाण क्या है, x
(a) 0.1m/s-2
(b) 0.15m/s -2
(c) 0.18m/s-2
(d) 0.2m/s-2
उत्तर. 0.1m/s-2
ताप 27°C और दाब 1.0 × 105 Nm-2 पर किसी दिए गए द्रव्यमान की गैस के अणुओं का वर्ग माध्य मूल (r.m.s) वेग 200 ms-1 है। जब इस गैस के ताप और दाब क्रमशः 127°C और 0.05 x 105 Nm -2 हैं, तो ms-1 में इस गैस के अणुओं का वर्ग माध्य मूल वेग है:
(a)
(b)
(c)
(d)
उत्तर.
(a)
(b)
(c) 1
(d) 4
उत्तर. 1
कोई कण इस प्रकार गमन करता है कि उसका स्थिति सदिश T = cosotx+sin@ty द्वारा निरूपित किया गया है, यहाँ ω एक नियतांक है। निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है ?
(a) वेग और त्वरण दोनों ही r के लम्बवत
(b) वेग और त्वरण दोनों ही r के समान्तर हैं । I
(c) वेग r के लम्बवत है तथा त्वरण मूल बिन्दु की ओर निर्देशित है ।
(d) वेग r के लम्बवत है तथा त्वरण मूल बिन्दु से दूर की ओर निर्देशित है।
उत्तर. वेग r के लम्बवत है तथा त्वरण मूल बिन्दु की ओर निर्देशित है ।
R त्रिज्या के किसी ऊर्ध्वाधर पाश (लूप) में m द्रव्यमान के किसी पिण्ड को किस निम्नतम वेग से प्रवेश करना चाहिए कि वह पाश को पूर्ण कर सके ?
(a)
(b)
(c)
(d)
उत्तर.
(a) 4λ
(b) 5λ
(c)
(d) 3λ
उत्तर. 3λ
किसी गैस को समतापीय रूप से उसके आधे आयतन तक संपीडित किया जाता है। इसी गैस को पृथक रूप से रुद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा उसके आधे आयतन तक संपीडित किया जाता है तब :
(a) गैस को समतापीय प्रक्रिया द्वारा संपीडित करने में अधिक कार्य की आवश्यकता होगी।
(b) गैस को रुद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा संपीडित करने में अधिक कार्य करने की आवश्यकता होगी।
(c) गैस को समतापीय प्रक्रिया अथवा रुद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा ही समान कार्य करने की आवश्यकता होगी ।
(d) चाहे समतापीय प्रक्रिया द्वारा संपीडित करें अथवा रुद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा संपीडित करें, किस प्रकरण में अधिक कार्य करने की आवश्यकता होगी, यह गैस की परमाणुकता पर निर्भर करेगा ।
उत्तर. गैस को रुद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा संपीडित करने में अधिक कार्य करने की आवश्यकता होगी।
किसी विभवमापी के तार की लम्बाई 100 से.मी. है तथा इसके सिरों के बीच कोई नियत विभवान्तर बनाए रखा गया है। दो सेलों को श्रेणीक्रम में पहले एक दूसरे की सहायता करते हुए और फिर एक-दूसरे की विपरीत दिशाओं में संयोजित किया गया है। इन दोनों प्रकरणों में शून्य – विक्षेप स्थिति तार के से.मी. और 10 से.मी. दूरी पर प्राप्त होती है। दोनों सेलों की emf का अनुपात है :
(a) 5:1
(b) 5:4
(c) 3:4
(d) 3:2
उत्तर. 3:2
किसी खगोलीय दूरबीन के अभिदृश्यक और नेत्रिका की फोक्स दूरियां क्रमशः 40 से.मी. और 4 से.मी. हैं। अभिदृश्यक से 200 से. मी. दूर स्थित किसी बिम्ब को देखने के लिए दोनों लेंसों के बीच की दूरी होनी चाहिए:
(a) 37.3 से.मी.
(b) 46.0 से.मी.
(c) 50.0 से.मी.
(d) 54.0 से.मी.
उत्तर. 54.0 से.मी.
एक दूसरे में मिश्रित न होने वाले दो द्रव, जिनके घनत्व तथा Ρ np (n> 1) हैं, किसी पात्र में भरें हैं। प्रत्येक द्रव की ऊँचाई h है । लम्बाई L और घनत्व d के किसी बेलन को इस पात्र में रखा जाता है। यह बेलन पात्र में इस प्रकार तैरता है कि इसका अक्ष ऊर्ध्वाध भर रहता है तथा इसकी लम्बाई pL (p < 1 ) सघन द्रव में होती है । घनत्व d का मान है :
(a) {1+ (n+1)ρ} ρ
(b) {2 + (n+1)ρ } ρ
(c) {2 + (n-1)ρ} ρ
(d) {1+ (n-1) ρ} ρ
उत्तर. {1+ (n-1)ρ} ρ
बर्फ का कोई टुकड़ा ऊँचाई h से इस प्रकार गिरता है कि वह पूर्णतः पिघल जाता है। उत्पत्र होने वाली ऊष्मा का केवल एक-चौथाई भाग ही बर्फ द्वारा अवशोषित किया जाता है तथ बर्फ की समस्त ऊर्जा इसके गिरते समय ऊष्मा में रूपान्तरित हो जाती है। यदि की गुप्त ऊष्मा 3.4 x 105J/kg तथा g = 10N/kg है, तो ऊँचाई h का मान है:
(a) 34 कि.मी.
(b) 544 कि.मी.
(c) 136 कि.मी.
(d) 68 कि.मी.
उत्तर. 136 कि.मी.
पृथ्वी पर पलायन वेग (ve) तथा उस ग्रह पर पलायन वेग (Vp) में क्या अनुपात होगा जिसकी त्रिज्या और औसत घनत्व पृथ्वी की तुलना में दोगुने हैं?
(a) 1:2
(b)
(c) 1:4
(d)
उत्तर.
यदि दो सदिशों के योग का परिमाण उन दो सदिशों के अन्तर के परिमाण के बराबर है, तो इन सदिशों के बीच का कोण है:
(a) Ꭴ
(b) 90°
(c) 45°
(d) 180°
उत्तर. 90°
रिडबर्ग नियतांक का मान 107 m-1 दिया गया है? हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की बामर श्रेणी की अंतिम लाइन की तरंग संख्या होगी:
(a) 0.025 × 104m-1
(b) 0.5 x 107m-1
(c) 0.25 × 107m-1
(d) 2.5 x 107 m-1
उत्तर. 0.25 × 107m-1
1 kg द्रव्यमान का कोई पिण्ड किसी कालाश्रित बल F = (2ti+3t2j) N, यहाँ औरj, x और y अक्ष के अनुदिश मात्रक सदिश हैं, के अध् गति आरम्भ करता है, तो समय पर इस बल द्वारा विकसित शक्ति क्या होगी ?
(a) (212 + 3t3 ) W
(b) (2t2 + 4t4 ) W
(c) (2t3 + 314 ) W
(d) (2t3 + 3t5 )W
उत्तर. (2t3 + 3t5 )W
किसी स्त्रोत जिसका emf, V = 10 sin 340 t है, से श्रेणी में 20mH का प्रेरक, 50μF का संधारित्र तथा 40Ωका प्रतिरोधक संयोजित इस प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में शक्ति क्षय है:
(a) 0.51W
(b) 0.67 W
(c) 0.76W
(d) 0.89 W
उत्तर. 0.51W
यदि किसी कण का वेग v = At + Bt2 है, यहाँ A और B स्थिरांक हैं, तो इस कण द्वारा 1s और 2s के बीच चली गयी दूरी है:
(a)
(b) 3A+7B
(c)
(d)
उत्तर.
किसी लम्बी परिनालिका में फेरों की संख्या 1000 है । जब परिनालिका से 4A धारा प्रवाहित होती है, तब इस परिनालिका के प्रत्येक फेरे से संबद्ध चुम्बकीय फ्लक्स 4 x 10-3 Wb है । इस परिनालिका का स्व-प्रेरकत्व है:
(a) 4H
(b) 3H
(c) 2H
(d) 1H
उत्तर. 1H
कोई लघु सिग्नल वोल्टता V(t) = Vosin cot किसी आदर्श संधारित्र C के सिरों पर अनुप्रयुक्त की गयी है :
(a) धारा I (t), वोल्टता V(t) से 90° पश्च है । .
(b) एक पूर्ण चक्र में संधारित्र C वोल्टता स्त्रोत से कोई ऊर्जा उपभुक्त नही करता ।
(c) धारा I(t), वोल्टता V(t) की कला में है ।
(d) धारा I (t), वोल्टता V(t) से 180° अग्र है ।
उत्तर. एक पूर्ण चक्र में संधारित्र C वोल्टता स्त्रोत से कोई ऊर्जा उपभुक्त नही करता । Download PDF
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