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नरसिंह चालीसा को नरसिंह भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्तो द्वारा पढ़ा जाता है। ऐसा माना जाता है की भगवान विष्णु ने अपने परमभक्त प्रह्लाद की रक्षा करने के लिए वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरसिंह का अवतार धारण किया था। जिससे भगवान नरसिंह ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए उसके पिता हिरण्यकश्यप का वध किया था।
यदि आप रोजाना नरसिंह चालीसा का पाठ करते है, तो इसके सुनने मात्र से आपको भूत-प्रेतों जैसी बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है तथा भगवान नरसिंह की कृपा सदैव आप पर बनी रहती है। यदि आप भगवान नरसिंह के सच्चे भक्त है और उनकी सच्चे मन से आराधना करने के लिए उत्सुक है, तो इस पोस्ट को शरू से लेकर अंत तक ध्यानपूर्वक जरूर पढ़े।
Narsingh Chalisa Pdf Details
Pdf Title | Narsingh Chalisa Pdf |
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Language | Hindi |
Category | धार्मिक और आध्यात्मिक |
Total Pages | 10 |
Pdf Size | 432 KB |
Download Link | Available |
NOTE - यदि आप Narsingh Chalisa Pdf को फ्री में डाउनलोड करना चाहते है, तो ऊपर दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके आसानी से डाउनलोड कर सकते है।
Narsingh Chalisa Lyrics in Hindi
मास वैशाख कृतिका युत हरण मही को भार ।
शुक्ल चतुर्दशी सोम दिन लियो नरसिंह अवतार ।।
धन्य तुम्हारो सिंह तनु, धन्य तुम्हारो नाम ।
तुमरे सुमरन से प्रभु , पूरन हो सब काम ।।
नरसिंह देव में सुमरों तोहि ,
धन बल विद्या दान दे मोहि ।।1।।
जय जय नरसिंह कृपाला
करो सदा भक्तन प्रतिपाला ।।2।।
विष्णु के अवतार दयाला
महाकाल कालन को काला ।।3 ।।
नाम अनेक तुम्हारो बखानो
अल्प बुद्धि में ना कछु जानों ।।4।।
हिरणाकुश नृप अति अभिमानी
तेहि के भार मही अकुलानी ।।5।।
हिरणाकुश कयाधू के जाये
नाम भक्त प्रहलाद कहाये ।।6।।
भक्त बना बिष्णु को दासा
पिता कियो मारन परसाया ।।7।।
अस्त्र-शस्त्र मारे भुज दण्डा
अग्निदाह कियो प्रचंडा ।।8।।
भक्त हेतु तुम लियो अवतारा
दुष्ट-दलन हरण महिभारा ।।9।।
तुम भक्तन के भक्त तुम्हारे
प्रह्लाद के प्राण पियारे ।।10।।
प्रगट भये फाड़कर तुम खम्भा
देख दुष्ट-दल भये अचंभा ।।11।।
खड्ग जिह्व तनु सुंदर साजा
ऊर्ध्व केश महादष्ट्र विराजा ।।12।।
तप्त स्वर्ण सम बदन तुम्हारा
को वरने तुम्हरों विस्तारा ।।13।।
रूप चतुर्भुज बदन विशाला
नख जिह्वा है अति विकराला ।।14।।
स्वर्ण मुकुट बदन अति भारी
कानन कुंडल की छवि न्यारी ।।15।।
भक्त प्रहलाद को तुमने उबारा
हिरणा कुश खल क्षण मह मारा ।।16।।
ब्रह्मा, बिष्णु तुम्हे नित ध्यावे
इंद्र महेश सदा मन लावे ।।17।।
वेद पुराण तुम्हरो यश गावे
शेष शारदा पारन पावे ।।18।।
जो नर धरो तुम्हरो ध्याना
ताको होय सदा कल्याना ।।19।।
त्राहि-त्राहि प्रभु दुःख निवारो
भव बंधन प्रभु आप ही टारो ।।20।।
नित्य जपे जो नाम तिहारा
दुःख व्याधि हो निस्तारा ।।21।।
संतान-हीन जो जाप कराये
मन इच्छित सो नर सुत पावे ।।22।।
बंध्या नारी सुसंतान को पावे
नर दरिद्र धनी होई जावे ।।23।।
जो नरसिंह का जाप करावे
ताहि विपत्ति सपनें नही आवे ।।24।।
जो कामना करे मन माही
सब निश्चय सो सिद्ध हुई जाही ।।25।।
जीवन मैं जो कछु संकट होई
निश्चय नरसिंह सुमरे सोई ।।26।।
रोग ग्रसित जो ध्यावे कोई
ताकि काया कंचन होई ।।27।।
डाकिनी-शाकिनी प्रेत बेताला
ग्रह-व्याधि अरु यम विकराला ।।28।।
प्रेत पिशाच सबे भय खाए
यम के दूत निकट नहीं आवे ।।29।।
सुमर नाम व्याधि सब भागे
रोग-शोक कबहूं नही लागे ।।30।।
जाको नजर दोष हो भाई
सो नरसिंह चालीसा गाई ।।31।।
हटे नजर होवे कल्याना
बचन सत्य साखी भगवाना ।।32।।
जो नर ध्यान तुम्हारो लावे
सो नर मन वांछित फल पावे ।।33।।
बनवाए जो मंदिर ज्ञानी
हो जावे वह नर जग मानी ।।34।।
नित-प्रति पाठ करे इक बारा
सो नर रहे तुम्हारा प्यारा ।।35।।
नरसिंह चालीसा जो जन गावे
दुःख दरिद्र ताके निकट न आवे ।।36।।
चालीसा जो नर पढ़े-पढ़ावे
सो नर जग में सब कुछ पावे ।।37।।
यह श्री नरसिंह चालीसा
पढ़े रंक होवे अवनीसा ।।38।।
जो ध्यावे सो नर सुख पावे
तोही विमुख बहु दुःख उठावे ।।39।।
“शिव स्वरूप है शरण तुम्हारी
हरो नाथ सब विपत्ति हमारी “।।40।।
चारों युग गायें तेरी महिमा अपरम्पार ।
निज भक्तनु के प्राण हित लियो जगत अवतार ।।
नरसिंह चालीसा जो पढ़े प्रेम मगन शत बार ।
उस घर आनंद रहे वैभव बढ़े अपार ।।
Narsingh Chalisa Pdf क्या है
इस Pdf के अंतर्गत आपको Narasimha Chalisa पूर्णतया शुद्ध हिंदी भाषा में उपलब्ध करवाई गयी है। जो की पूर्ण रूप से भगवान नरसिंह को समर्पित है।
भगवान नरसिंह का अवतार का मुख्य उद्देश्य अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा और हिरण्यकश्यप का वध करना था। क्योकि हिरण्यकश्यप को वरदान प्राप्त था, की उसका वध न किसी मनुष्य के द्वारा हो सकता है, न किसी पशु द्वारा और न ही आकाश में और नहीं पाताल में।
इसलिए भगवान विष्णु ने नरसिंह के रूप में आधा शरीर मानव और आधा सिंह के रूप में अवतार लिया। नरसिंह भगवान ने हिरण्यकश्यप को अपनी गोद में रखकर उसके पुरे शरीर की चिर दिया। इस प्रकार उनके द्वारा भक्त प्रह्लाद की रक्षा करते हुए वहा पर अधर्म को हटाकर धर्म की स्थापना की।
Narsingh Chalisa Lyrics के अंतर्गत भगवान नरसिंह की महिमा का गुणगान किया गया है, जिसका पाठ करने से भगवान नरसिंह की कृपा सदैव आप पर बनी रहती है तथा आप अपने जीवन में सफलता की और अग्रसर होते है। साथ ही आपके जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है।
नरसिम्हा चालीसा की उत्पति कहाँ से हुई है, इसके बारे में कोई स्पष्ट तःथ्य नहीं है। लेकिन ऐसा माना जाता है नरसिंह चालीसा की रचना भगवान के प्रति अपनी भक्ति और कृतग्यता व्यक्त करने के लिए एक भक्त द्वारा की गयी। कहा जाता है की यदि आप इस चालीसा का ईमानदारी से पाठ करते है तो आप में एक अलग ही प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है।
नरसिंह चालीसा भगवान विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह को समर्पित एक प्रकार की भक्तिमय प्रार्थना है। जब कोई व्यक्ति भगवान नरसिंह की चालीसा का सच्चे दिल से जाप करता है, तो भगवान नरसिंह उसके जीवन में आने वाली विभिन्न बाधाओं को दूर करते है और संकट से उनकी रक्षा करता है।
नरसिंह चालीसा का पाठ करने की सही विधि
नरसिंह भगवान की पूजा पाठ करने के लिए कुछ विशेष विधि का पालन करना अनिवार्य है। बहुत से भक्तो द्वारा भगवान नरसिंह को प्रसन्न करने के लिए विशिष्ठ विधि-विधान का प्रयोग किया जाता है। यदि आप भी भगवान नरसिंह को प्रसन्न करना चाहते है, तो निम्न बिन्दुओ का अनुसरण अवश्य करे –
- सर्वप्रथम प्रातः काल में उठकर स्वच्छ पानी से स्नान करे।
- साफ-सुथरे कपडे पहने।
- भगवान नरसिंह की प्रतिमा अपने सामने स्थापित करें।
- भगवान नरसिंह के चरणों में पुष्प अर्पित करे और भगवान की प्रतिमा पर पुष्प माला चढ़ाये।
- अब एक स्वच्छ ऊन का सफ़ेद गद्दे का आसन्न लगाए और भगवान नरसिंह की प्रतिमा के सामने बैठ जाये।
- भगवान नरसिंह को प्रसाद का भोग लगाए।
- अपने मन को एकाग्र करके ध्यानपूर्वक नरसिंह भगवान की चालीसा पाठ आरम्भ करें।
- पाठ समाप्ति के बाद भगवान नरसिंह से अपने कष्टों को दूर करने और अपनी रक्षा के लिए प्रार्थना करें।
- अंत में भगवान नरसिंह की प्रतिमा को दंडवत प्रणाम करे।
- उसके बाद अंत में प्रसाद को लोगो में वितरित करे दे।
नरसिंह चालीसा के पाठ से होने वाले लाभ
सदैव किसी भी देवी-देवता की पूजा अर्चना एक सच्चे भक्त के द्वारा बिना किसी स्वार्थ के ही पूर्ण की जाती है। यदि आप भी नरसिंह जी वंदना बिना किसी लोभ के सम्पन्न करते है, तो भगवान नरसिंह आपको बिना कुछ मांगे, आपकी हर इच्छा पूर्ण करते है। भगवान नरसिंह जी की आरधना करने से निम्न लाभ प्राप्त होते है –
- आपके जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती है।
- इस पाठ को करने से आपके अंदर की नाकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
- यदि आप Narsingh ji की चालीसा का रोजाना 11 बार पाठ करते है, तो आपको अत्यंत चमत्कारी प्रभाव और फलदायी परिणाम मिलते है।
- इसका पाठ करने से दुःख दरिद्रता दूर होती है।
- इस पाठ को करने से ग्रह-बाधा और प्रेत-बाधा का नाश होता है।
- यह पाठ करने से आपके मन में आंतरिक शांति की प्राप्ति होती है।
- इस पाठ को करने से सदैव आप सकारात्मक विचार से परिपूर्ण रहते है।
- नरसिंह चालीसा का पाठ करने से आप भय और चिंता से मुक्त रहते है।
- आप पर सदैव नरसिंह भगवान की कृपा बनी रहती है।
- आप सदैव कष्टों से दूर रहते है और भगवान नरसिंह आपकी हर मनोकामना अवश्य ही पूर्ण करते है।
FAQs : Narasimha Chalisa
Narsingh Chalisa Pdf को कैसे डाउनलोड करे?
यदि अपने मोबाइल में इस चालीसा को सेव करना चाहते है, तो इस पोस्ट में दिय गए डाउनलोड बटन पर क्लिक कर आसानी से फ्री में डाउनलोड कर सकते है।
नरसिंह देवता कौन है?
नरसिंह का अवतार भगवान विष्णु दस अवतारों में से प्रमुख है। भगवान नरसिंह को शक्ति और पराक्रम के देवता माना जाता है।
नरसिंह भगवान को क्या पसंद है?
नरसिंह भगवान को क्रोध के देवता माना गया है। ऐसा माना जाता है की भगवान नरसिंह के क्रोध से उनका पूरा शरीर जल उठता है। इसके लिए भक्तो द्वारा उन्हें शांत करने के लिए शीतल चीजों को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।
Conclusion :-
इस पोस्ट में Narsingh Chalisa Pdf को फ्री में उपलब्ध करवाया गया है। साथ ही इस चालीसा का पाठ करने से आपको किसी प्रकार लाभ मिलता है और इस चालीसा के पाठ करने की सही विधि के बारे में जानकारी प्रदान की।
उम्मीद करते है की Narsingh Chalisa की Pdf डाउनलोड करने में आपको किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी। यदि आपको इस पोस्ट से समन्धित कोई डाउट हो तो Comment करके जरूर बताये। साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे, ताकि वे भी इस Pdf को आसानी से फ्री में डाउनलोड कर सकते है।
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