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Mechanical Engineering In Hindi – मैकेनिकल इंजीनियरिंग

Mechanical Engineering In Hindi के इस आर्टिकल में मैकेनिकल इंजीनियरिंग से जुड़े सभी सवालों के जवाब दिए है। जिसमे मैकेनिकल इंजीनियरिंग क्या है ? कैसे करते है ? क्या काम करना पड़ता है ? कितना सैलरी मिलता है ? इसके आलावा भी मैकेनिकल इंजीनियरिंग से जुड़ा कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में लिख सकते हो

Mechanical Engineering In Hindi

मैकेनिकल इंजीनियरिंग क्या है ? What is Mechanical Engineering In Hindi  ?

मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोई अनजान शब्द नहीं है। पर मैकेनिकल क्या है ? मैकेनिकल इंजीनियरिंग क्या है ? ऐसे सवाल तब उत्पन्न होते है जब बच्चो के कर्रिएर की बात होती है। या फिर बच्चा खुद अपना कर्रिएर के बारेमे सोचता है।

हरएक के जीवन में एक समय ऐसा आता है जहा हमें अपनी कर्रिएर के बारेमे सोचना पड़ता है। पेरेंट्स भी अपने बच्चो के कर्रिएर के बारेमे ज्यादा चिंतित होते है। इंजीनियरिंग में बहुत सारी साखाये है।  जिसमे  सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, केमिकल, इंस्ट्रूमेंट जैसे विषय बहुत प्रचलित शाखाये है।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग ये इंजीनियरिंग की बहुत सारी शाखाओ में से एक शाखा है।  जिसमे जिसमे अलग- अलग मशीनरी के बारेमे पढ़ाया जाता है।

Mechanical Engineering एक बहुत बड़ा विषय है। इसके साथ आम इंसान किसी न किसी तरह से जुड़ा हुआ रहता है। हम हमारे रोजिंदा जीवन में बहुत सारे ऐसे उपकरण का इस्तेमाल करते है जो मैकेनिकल इंजीनियरिंग की काबिलियत है।

छोटे से पंप से लेके पावर हाउस तक, साइकिल से लेके ऐरोप्लेन तक, मिक्सचर से लेके बड़ी बड़ी मशीनो बनाने में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की करामत है।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग में क्या होता है ?

सबसे पहले हमारी स्कूल की लाइफ और कॉलेज जी लाइफ में अंतर होता है। इस गैप को समज के हमें आगे बढ़ना चाहिए।

किसी भी उपकरण द्वारा मैकेनिकल एनर्जी का उपयोग करके दुनिया की सहूलियत के लिए उस उपकरण को चलाया जाने की पूरी प्रक्रिया को मैकेनिकल इंजीनियरिंग कहते है।

यह इंजीनियरिंग की एक शाखा है। जिसमे अलग-अलग मशीनो के बारेमे पढ़ाया जाता है। मशीनो की डिज़ाइन के बारेमे पढ़ाया जाता है। मैकेनिकल एनर्जी को दूसरी एनर्जी में कैसे बदलते है ? हरेक का कार्य प्रणाली एवं सिद्धांत को  सिर्फ थिओरी नहीं प्रैक्टिकल से समझाया जाता है।

मैकेनिकल मशीनो में पंप, गियर बॉक्स, रिएक्टर्स, वेसल, एक नार्मल मैकेनिकल इंजीनियरिंग की मशीने है। इसके आलावा जिसकी जैसी जरुरत हो उसे ध्यान में रखकर मशीन की डिज़ाइन तैयार की जाये और मशीन तैयार किया जाता है।  मैकेनिकल इंजीनियरिंग के द्वारा ही इस मशीन मेन्टेन और उसका रखरखाव किया जाता है।

याद रखे – यदि आप मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लेने के लिए सोच रहे हो, तो निश्चिंत आगे बढिये। ये बहोत बड़ा विषय है। इसमें अपनी कारकिर्दी बनाने के बहुत सारे अवसर है।

मैकेनिकल इंजीनियर कैसे बने ?

सबसे पहले किसी भी क्षेत्र में इंजीनियर बनना सन्मान की बात है। इसमें भी मैकेनिकल जैसा विषय और भी गर्वे महसूस कराता है।

Diploma in Mechanical Engineering ( Polytechnic )

मैकेनिकल इंजीनियर बनने के लिए हमें मिनिमम 10th तक पढाई करनी पड़ती है। 10th में मैथ्स और साइंस विषय के साथ उत्तीर्ण होना पड़ता है।

10th के बाद डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियर का कोर्स करके हम मैकेनिकल इंजीनियर बन सकते है। इसमें 10th के बाद तीन साल का कोर्स होता है। हर 6 महीने का एक सेमिस्टर होता है। 3 साल में 6 सेमिस्टर क्लियर करने पड़ते है।

एडमिशन प्रणाली 10th के रिजल्ट में मिले नंबर पे आधार रखती है। जिसके नंबर ज्यादा होते है उसे पहले एडमिशन मिलता है। (आरक्षण के अलावा )

किसी भी विषय में डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग को ग्रेज्युएशन की श्रेणी में नहीं लिया जाता है। ग्रॅज्युएशन के लिए हमें और आगे बढ़ना पड़ता है। बेचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग करना पड़ता है।

डिप्लोमा इंजीनियरिंग करने के बाद भी हम B.Tech या बेचलर ऑफ़ मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर सकते है।

B.E  Mechanical Engineering – कैसे बने

इंजीनियरिंग सेक्शन में जाने के लिए 12th में ही हमें मेडिकल छोड़ इंजीनियरिंग सेक्शन पसंद करना पड़ता है।

12th में फिजिक्स, कैमस्ट्री और मैथ्स के साथ उत्तीर्ण होना पड़ता है। बाद में दो ऑप्शन है। जिस दोनों से हम मैकेनिकल इंजीनियर बन सकते है।

1 – B . Tech in Mechanical Engineering

2 – B . E Bachler of Mechanical Engineering

12th के बाद बेचलर ऑफ़ मैकेनिकल इंजीनियरिंग (BME) किया जाता है। या   B Tech इंजीनियरिंग किया जाता है।

ये डिग्री हासिल करने के लिए 12th के बाद 4 साल की पढाई करनी पड़ती है। हर 6 महीने का एक सेमिस्टर होता है। ये ग्रॅज्युएशन (स्नातक) की डिग्री होती है।

Mechanical में पोस्ट ग्रैजुएट – ME ( मास्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग )

4 साल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद मास्टर में एडमिशन मिल सकता है।

बेचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग करने के बाद हम M.E ( मास्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग ) कर सकते है। ये दो साल का कोर्स होता है।

पोस्ट ग्रैजुएट करने के बाद डॉक्टरटे की पढाई कर सकते है। मैकेनिकल के किसी भी विषय में पि एच डी (P hd) करने के लिए पोस्ट ग्रैजुएट होना जरुरी है।

मास्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग करने के बाद 5 से 7 साल की पढाई के बाद हम डॉक्ट्रेट की डिग्री हासिल कर सकते है।

किसी भी क्षेत्र में अपने इंट्रेस्ट के साथ आगे बढे ये बेहतर है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में हाथ ख़राब करने पड़ेंगे, कपडे ख़राब होंगे इस तयारी के साथ आगे बढ़ना चाहिए। मैकेनिकल इंजीनियर बनने के लिए हमारी मेहनत और इच्छाशक्ति होना जरुरी है। एडमिशन मिल ने के बाद भी कर्रिएर बनाने में असफल लोगो को मेने देखा है।

इंजीनियरिंग में ये अच्छी बात है की आप मेहनत और महत्वकांक्षा से आगे बढ़ सकते है।

 Mechanical Technician

मैकेनिकल तकनीशियन ये मैकेनिकल इंजीनियर के अंदर में काम करता है।

मैकेनिकल शाखा की शरुआती पढाई का कोर्स है। जिसे आईटीआई फिटर कहा जाता है।

ये भी 10th के बाद किया जाता कोर्स किया जाता है। 2 साल के कोर्स के बाद मैकेनिकल तकनीशियन के तोर पे कर्रिएर शरू कर सकते है।

मैकेनिकल में आईटीआई करने के बादअपने अनुभव के साथ आगे बढ़ते लोगो को हमने देखा है।

डिप्लोमा इंजीनियरिंग भी कर सकते है और बेचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग भी कर सकते है। और अपनी कारकिर्दी को नयी उचाईयो तक ले जा सकते है।

Mechanical Engineering के लिए जॉब

मैकेनिकल इंजीनियर के लिए सरकारी जॉब भी मिल सकती है।  राज्य और केंद्र सरकार के कुछ प्रोजेक्ट होते है। उसमे मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तोर पे जॉब मिल सकती है।

कुछ सरकारी क्षेत्र और सरकारी कम्पनीज है जिसमे मैकेनिकल इंजीनियर के तोर पे जॉब मिल सकती है। निम्नलिखित कंपनी है जिसमे एक सरकारी कर्मचारी की तरह जॉब कर सकते है।

इंडियन रेलवे

टेक्निकल रीसर्च कमीशन

हिंदुस्तान शिपयार्ड

BHEL

NTPC

ISRO

DRDO

गवर्नमेंट कॉलेज में प्रोफेसर

Maintenance Engineer के लिए प्राइवेट जॉब

प्राइवेट जॉब में बहुत बड़ा स्कोप है। कॉलेज में पढ़ ते है वहां कैंपस इंटरव्यू का आयोजन होता है। अच्छी और नामांकित कॉलेज में दाखिला लेने का ये फायदा है। बहुत सारी कंपनी कैंपस इंटरव्यू करके ट्रेनी इंजीनियर का सिलेक्शन कर लेती है।

मैकेनिकल इंजीनियर ये याद रखे की दुनिया की कोई भी कंपनी मैकेनिकल स्टाफ के बिना नहीं चलती। हरएक कंपनी में मैकेनिकल इंजीनियर की जरुरत होती है। जॉब का स्कोप बहुत ज्यादा होता है। पर बिना मेहनत कुछ नहीं मिलता।

हमारे बढ़ते अनुभव से साथ हम आर्गेनाइजेशन बदल सकते है। उच्च सैलरी और प्रमोशन लेके आगे बढ़ सकते है।

जिस में हम जॉब करते है उसमे भी हर साल नियमो के मुताबिक सैलरी की बढ़ोतरी होती है।

Mechanical Engineer Salary in India

मैकेनिकल इंजीनियरिंग में यदि डिप्लोमा इंजीनियर है तो आज के समय में फ्रेस के लिए 15 से 20 हजार प्रति माह मिलते है।

बेचलर ऑफ़ मैकेनिकल इंजीनियर आज के समय में फ्रेस के लिए 25 से 30 हज़ार प्रति माह वेतन मिल सकता है।

एक जनरल सैलरी स्ट्रक्चर के अनुसार ऊपर की फिगर लिखी है। पर ये कम्पनी के स्ट्रक्चर के हिसाब से कम ज्यादा हो सकती है।

जैसे ONGC, IPCL , या कोई MNC कंपनी में सैलरी स्ट्रक्चर हाई है। तो ज्यादा भी मिल सकता है।

और कोई लोकल कंपनी है तो कम भी मिल सकता है।

मुझे लगता है की हमें किसी भी क्षेत्र पसंद करने से पहले सैलरी नहीं देखनी चाहिए। हरेक क्षेत्र में सफल और असफल लोग होते है। सैलरी हमारी मेहनत आगे बढ़ने की इच्छा शक्ति और अनुभव के साथ बढ़ती है।

मैकेनिकल इंजीनियर क्या काम करता है ?

ये सवाल जो मैकेनिकल इंजीनियर बनना चाहता है उसके मनमे जरूर आएगा। दोस्तों मैकेनिकल इंजीनियरिंग में भी शाखा है।

मैकेनिकल डिज़ाइन इंजीनियर 

ये इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट की डिज़ाइन करते है। मशीन की डिज़ाइन, टूल्स की डिज़ाइन प्लांट की डिज़ाइन प्लांट के प्रोजेक्ट शरू होने से पहले डिज़ाइन किया जाता है। इसे डिज़ाइन इंजीनियर तैयार करता है।

मैकेनिकल प्रोजेक्ट इंजीनियर 

कोई भी कंपनी के नए प्रोजेक्ट होते है इसमें ये इंजीनियर काम करते है। नयी मशीनरी लगाना, कमिसिनिंग करना, ट्रायल करना और अंत में हैंड ओवर करना होता है।

मैकेनिकल मेंटेनेंस इंजीनियर 

सबसे ज्यादा डिमांड मेंटेनेंस इंजीनियर की होती है।  सायद ही कोई ऐसी फैक्ट्री होगी जहा मैकेनिकल इंजीनियर नहीं होगा। मैकेनिकल इंजीनियर का मुख्य काम प्लांट की मशीनरी को सही तरीके से मेन्टेन करना होता है।

हरेएक प्लांट में अलग-अलग प्रकार की मशीनरी होती है। उसका समयांतर पे मेंटेनेंस किया जाता है। किसी मशीनरी में ब्रेकडाउन-खामी आ जाये तो उसका निवारण करना होता है। प्लांट में प्रोडक्शन ना रुके इसीलिए जो भी मैकेनिकल प्रॉब्लम होते है उसे सॉल्व करना पड़ता है। ये सभी काम मैकेनिकल इंजीनियर का होता है।

मैकेनिकल इंजीनियर के पास जरुरत के अनुशार मैन पावर भी होता है। वो अपनी सुजबुझ से साथ अपने स्टाफ से काम करवाते है।

Mechanical Engineering In Hindi के इस आर्टिकल में मैकेनिकल इंजीनियरिंग से संबंधित सवाल और जवाब है। मैकेनिकल के साथ कर्रिएर को  कैसे आगे बढ़ा सकते है  ये देखा। इसके आलावा भी मैकेनिकल से सम्बंधित आर्टिकल के लिए आप preliminaryexam.com पे जा सकते है।

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