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You are at:Home»CBSE Class 10»Lingashtakam in Hindi PDF | लिंगाष्टकम स्तोत्र
CBSE Class 10

Lingashtakam in Hindi PDF | लिंगाष्टकम स्तोत्र

jyoti guptaBy jyoti guptaOctober 26, 2023No Comments6 Mins Read0 Views
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दोस्त आज की इस पोस्ट में हम आपको Lingashtakam in Hindi PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाने वाले है, जिसे आप पोस्ट में दिए गए Download Link की सहायता से आसानी से फ्री में डाउनलोड कर सकते है।

लिंगाष्टकम भगवान शिव के लिंग स्वरूप की स्तुति कर भगवान शिव-शंकर को प्रसन्न करने का एक सर्वोत्तम अष्टक है। जो कोई भी भक्त पूर्ण आस्था और विश्वास के साथ भगवान शिव के लिंगाष्टकम का पाठ करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं तत्काल पूर्ण होती है।

इस पोस्ट में हम आपको लिंगाष्टकम स्तोत्र PDF फॉर्मेट में उपलब्ध करवाने जा रहे है, साथ ही लिंगाष्टकम के प्रत्येक छंद का हिंदी अर्थ बताने वाले है। यदि आप भगवान शिव के सच्चे भक्त है और उनकी आरधना के लिए लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ करना चाहते है तो इस पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक ध्यानपूर्वक जरूर पढ़े।

Table of Contents

  • Lingashtakam in Hindi PDF Details
  • Lingashtakam Lyrics
  • शिव लिंगाष्टकम मन्त्र का महत्व
  • शिव लिंगाष्टकम मन्त्र के फायदे
  • FAQs : Lingashtakam in Hindi PDF
    • Lingashtakam in Hindi PDF मुफ्त में Download कैसे करे?
    • लिंगाष्टकम का जाप कैसे करें?
    • मंत्रों का जाप 108 बार क्यों किया जाता है?

Lingashtakam in Hindi PDF Details

PDF TitleLingashtakam in Hindi PDF
Language Hindi
Category Religion
Total Pages 5
PDF Size 707 KB
Download Link Available
PDF Source Pdffile.co.in
Lingashtakam in Hindi PDF
NOTE - Lingashtakam in Hindi PDF मुफ्त में Download करने के लिए नीचे दिए Download बटन पर क्लिक करें। 

Lingashtakam Lyrics

ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगं
निर्मलभासित शोभित लिंगम् |
जन्मज दुःख विनाशक लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 1 ||

अर्थ :- जो ब्रम्हा विष्णु और सभी देवगणों के इष्टदेव है, जो परम पवित्र, निर्मल, तथा सभी जीवो की मनोकामना को पूर्ण करने वाले है, और जो लिंग के रूप में बराबर जगत में स्थापित हुए है, जो संसार के संहारक है और जन्म और मृत्यु के दुखो का विनाश करते है, ऐसे भगवान सदा शिव – लिंग को नित्य निरंतर प्रणाम है!

देवमुनि प्रवरार्चित लिंगं
कामदहन करुणाकर लिंगम् |
रावण दर्प विनाशन लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 2 ||

अर्थ :- सभी देवताओं और मुनियों द्वारा पुजित लिंग जो काम का दमन करता है तथा करूणामयं भगवान् शिव का स्वरूप है जिसके द्वारा रावण के अभिमान का भी नाश हुआ उन सदाशिव लिंग को मैं प्रणाम करता हूँ।

सर्व सुगंध सुलेपित लिंगं
बुद्धि विवर्धन कारण लिंगम् |
सिद्ध सुरासुर वंदित लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 3 ||

अर्थ :- जो सभी प्रकार के सुगंधित पदार्थों द्वारा सुलेपित लिंग है जो कि बुद्धि का विकास करने वाला है तथा सिद्ध- सुर (देवताओं) एवं असुरों सभी के लिए वन्दित है उन सदाशिव लिंग को हमारा प्रणाम।

कनक महामणि भूषित लिंगं
फणिपति वेष्टित शोभित लिंगम् |
दक्ष सुयज्ञ निनाशन लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 4 ||

अर्थ :- जो स्वर्ण एवं महामणियों से विभूषित एवं सर्पों के स्वामी से शोभित सदाशिव लिंग तथा जो कि दक्ष के यज्ञ का विनाश करने वाला है।आपको हमारा प्रणाम।

कुंकुम चंदन लेपित लिंगं
पंकज हार सुशोभित लिंगम् |
संचित पाप विनाशन लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 5 ||

अर्थ :- लिंग जो कुंकुम एवं चन्दन से सुशोभित है। कमल हार से सुशोभित है। सदाशिव लिंग जो कि हमें सारे संञ्चित पापों से मुक्ति प्रदान करने वाला है उन सदाशिव लिंग को हमारा प्रणाम।

देवगणार्चित सेवित लिंगं
भावै-र्भक्तिभिरेव च लिंगम् |
दिनकर कोटि प्रभाकर लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 6 ||

अर्थ :- सदाशिव लिंग को हमारा प्रणाम जो सभी देवों एवं गणों द्वारा शुद्ध विचार एवं भावों के द्वारा पुजित है तथा करोडों सूर्य सामान प्रकाशित हैं।

अष्टदलोपरिवेष्टित लिंगं
सर्वसमुद्भव कारण लिंगम् |
अष्टदरिद्र विनाशन लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 7 ||

अर्थ :- आठों दलों में मान्य तथा आठों प्रकार के दरिद्रता का नाश करने वाले सदाशिव लिंग जो सभी प्रकार के सृजन के परम कारण हैं आप सदाशिव लिंग को हमारा प्रणाम।

सुरगुरु सुरवर पूजित लिंगं
सुरवन पुष्प सदार्चित लिंगम् |
परात्परं परमात्मक लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 8 ||

अर्थ :- देवताओं एवं देव गुरू द्वारा स्वर्ग के वाटिका के पुष्पों द्वारा पुजित परमात्मा स्वरूप जो कि सभी व्याख्याओं से परे है उन सदाशिव लिंग को हमारा प्रणाम।

लिंगाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेश्शिव सन्निधौ |
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ||

शिव लिंगाष्टकम मन्त्र का महत्व

शिव जी की आराधना करने के लिए शिव लिंगाष्टकम मंत्र के आठ श्लोको का जाप किया जाता है। इस मन्त्र का प्रत्येक संस्कृत श्लोक शिवलिंग की महिमा का गुणगान करता है और विस्तृत रूप से उसकी महानता को बताता है। यह मन्त्र शिव पंक्षाक्षरी के साथ भगवान शिव के सबसे अधिक प्रचलित मंत्रो की सुची में समाविष्ट है।

मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा के लिए स्वयम विष्णु और ब्रह्मा भी इस मन्त्र का जाप करते है। इस मन्त्र का जाप करने वाला हर व्यक्ति समय शान्ति से परिपूर्ण रहता है। इस मन्त्र के जाप से व्यक्ति के जन्म-मरण के उपरान्त उत्पन्न होने वाले सभी कष्ट दूर हो जाते है।

शिव पुजारी लिंगाष्टकम मन्त्र को शिवरात्रि के दिन पढ़ना अत्यधिक शुभ मानते है। ऐसा कहा जाता है कि जो शिव भक्त शिवलिंग की पूजा करते समय इस दिव्य मन्त्र का जाप करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

शिव लिंगाष्टकम मन्त्र के फायदे

  • मान्यता है कि यदि शिवलिंग पर जल और बेल पत्र चढ़ाकर नियमित रूप से लिंगाष्टकम मन्त्र का जाप किया जाए तो व्यक्ति को मुक्ति की प्राप्ति होती है।
  • इस मन्त्र के जाप से कुछ ही समय में आपके सभी कष्ट दूर हो जाते है और आपके जीवन में चल रहा बुरा समय बहुत ही शीग्रता के साथ समाप्त हो जाता है।
  • देवो के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए यह स्तोत्र सबसे सर्वश्रेष्ठ है।
  • पुराणों के अनुसार लिंगाष्टकम मन्त्र को पढ़ने या सुनने मात्र से ही भगवान शिब की कृपा प्राप्त हो जाती है।
  • इस मन्त्र के पाठ से आपका मानसिक तनाव क्षण भर में दूर हो जाता है।
  • आपके आंतरिक मन में नकारात्मक शक्तियों और नकारात्मक विचारो का नाश हो जाता है और इसके प्रभाव से सकारात्मक विचारो का विकास होता है।
  • आपके द्वारा किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किये जाने वाले प्रयासों में आ रही बाधाएं पल भर में दूर हो जाती है और आपको शीग्रता से ही सफलता प्राप्त होती है।
  • इस पाठ के जाप से आपके जीवन में आत्मविश्वास में निरंतर वृद्धि होती है।

FAQs : Lingashtakam in Hindi PDF

Lingashtakam in Hindi PDF मुफ्त में Download कैसे करे?

यदि आप लिंगाष्टकम स्तोत्र Pdf फॉर्मेट में डाउनलोड में डाउनलोड करना चाहते है तो पोस्ट में दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके आसानी से फ्री में डाउनलोड कर सकते है।

लिंगाष्टकम का जाप कैसे करें?

अधिकांश रूप से इस भजन का जाप सुबह या शाम को किया जाता हैं, विशेषकर सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान। शिवलिंग के सामने शिव पूजा करते समय या भगवान शिव को याद करते समय आप इस मन्त्र का जाप कर सकते है।

मंत्रों का जाप 108 बार क्यों किया जाता है?

हर नक्षत्र के 4 चरण होते हैं और 27 नक्षत्रों के कुल चरण 108 ही होते हैं। माला का एक-एक दाना नक्षत्र के एक-एक चरण का प्रतिनिधित्व करता है। इन्हीं कारणों से माला में 108 मोती होते हैं और मंत्रों का जाप भी 108 बार किया जाता है।

Conclusion :-

इस पोस्ट में Lingashtakam in Hindi PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाई गयी है। साथ ही लिंगाष्टकम के प्रत्येक मन्त्र का हिंदी अनुवाद दिया गया है। उम्मीद करते है कि Lingashtakam Lyrics in Hindi PDF Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।

यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आयी होगी। यदि आपको Lingashtakam PDF in Sanskrit Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही Lingashtakam को अपने दोस्तों के सोशल मीडिया पर जरूर साझा करें।

Download More PDF :-

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