ITI Electrician Interview Questions in Hindi

इस आर्टिकल में ITI Electrician interview questions हे। जो मोटर को स्टार्ट करने वाले स्टार्टर के रिलेटेड हे। इसके अतिरिक्त इस सीरीज में Electrical Engineering Interview Questions – Electrical Interview questions और Electrician interview questions जैसे सम्बंधित आर्टिकल हे। आशा हे ये आप के लिए मदद गार होगा।


ITI Electrician Interview Questions in Hindi

 

ITI Electrician Interview Questions- Motor Starter

 

Question – DOL स्टार्टर छोटी मोटरो में ही क्यों इस्तेमाल होता हे ?

Answer – DOL स्टार्टर मोटर का स्टार्टिंग करंट कम नहीं करता। वो सिर्फ सुरक्षा प्रदान करता हे। DOL Starter में मोटर का स्टार्टिंग करंट FLC से करीबन 5 से 7 गुना ज्यादा होता हे।

जब मोटर को स्टार्ट करते हे तो स्टार्टिंग करंट ज्यादा खींचता हे जिसके असर से लाइन वोल्टेज भी ड्रोप होता हे। और इसका इफ़ेक्ट दूसरे उपकरणों पे भी होता हे। यही मुख्य कारण हे की DOL स्टार्टर छोटी मोटरो में ही उपयोग किया जाता हे।

 

Question – मोटर में स्टार्टर का काम क्या है ?

Answer – किसी भी मोटर को सलामती पूर्वक चलाने के लिये,सलामती पूर्वक ऑपरेट करने के लिये एवम मोटर की स्टार्टिंग किक कम करने के लिये स्टार्टर का इस्तेमाल किया जाता हे।

 

Question – स्टार्टर कोनसे प्रकार के होते हे ?

Answer –

1 – Direct On Line (DOL) Starter

2 – Star delta Star Starter

3 – Soft Starter

4 – Starter Resistance Starter

5 – Auto Transformer Starter

6 – Variable Frequency Drive

 

Question – डायरेक्ट ओन  लाइन स्टार्टर कैसे काम करता हे ?

Answer –  डायरेक्ट ओन लाइन (DOL) स्टार्टर छोटी कैपेसिटी की मोटर के लिए इस्तेमाल किया जाता हे। दूसरे शब्दों में कहे तो 5 से 10 HP तक की मोटर में उपयोग होता हे।

इस प्रकार के स्टारट मे पावर सप्लाई मोटर से डायरेक्ट कनेक्ट किया जाता हे। इसीलिए, इसे डायरेक्ट ऑन लाइन स्टार्टर कहते हे। इस प्रकार के स्टार्टर में मोटर का स्टार्टिंग करंट कम नहीं होता हे।

DOL स्टार्टर में एक पावर कॉन्टैक्टर होता हे। और एक रिले होता हे जो मोटर को सुरक्षा प्रदान करता हे।

 

Basic Electrical Interview Questions- Power Factor

 

Question – स्टार डेल्टा स्टार्टर कैसे काम करता हे ?

Answer – इंडस्ट्रीज में 10 hp से बड़ी मोटर में ज्यादातर यही स्टार्टर का उपयोग होता हे। इस प्रकार के स्टार्टर में मोटर  पहले स्टार में कनेक्ट होती हे। और 80% स्पीड होने के बाद डेल्टा में कनेक्ट हो जाती हे।

स्टार कनेक्शन में रुट-३ के हिसाब से वोल्टेज कम मिलते हे। इसीलिए मोटर की स्टार्टिंग किक कम हो जाती हे। जो मोटर के FLC के 2 से 2.5 गुना करंट लेता हे।

ये DOL स्टार्टर की तुलना में कीमत में मेहगा हे पर स्टार्टिंग टॉर्क कम करने में बहुत बेहतर हे। इसमें तीन पावर कॉन्टैक्टर होते हे। और प्रोटेक्शन रिले जो मोटर को सुरक्षा प्रदान करात हे। 

 

Question – स्टार डेल्टा स्टार्टर में टाइमर का काम क्या है ?

Answer – स्टार्ट डेल्टा स्टार्टर में मोटर पहले स्टार में connect होता हे। और जब टाइमर पे जो टाइम सेट किया जाता हे उस टाइम के हिसाब से वो डेल्टा में कनेक्ट हो जाता हे। टाइमर मोटर को स्टार से डेल्टा में कन्वर्ट करने के लिए contactor को कमांड देता हे।

 

Question – ऑटो ट्रांसफार्मर स्टार्टर कैसे काम करता हे ?

Answer – ऑटो ट्रांसफार्मर की प्राइमरी लाइन वोल्टेज के साथ और सेकेंडरी मोटर सप्लाई के तोर पे कनेक्ट किया जाता हे। इस प्रकार के स्टार्टर स्टार और डेल्टा किसी भी कनेक्शन में  काम करता हे।

ऑटो ट्रांसफार्मर स्टार्टर एक प्रकार से तीनो फेज का अलग-अलग रेजिस्टेंस होता हे। जिसे अलग अलग स्टेप में डिवाइड किया जाता हे। रेजिस्टेंस स्टाटर वाइंडिंग के साथ कनेक्ट किया जाता हे।

उसका मुख्य काम वोल्टेज को कंट्रोल करना हे। रेजिस्टेंस से वोल्टेज कंट्रोल होता हे। इसीलिए,मोटर की स्पीड याने स्टार्टिंग किक कम हो जाती हे। याने मोटर का स्टार्टिंग करंट कम हो जाता हे ? जैसे मोटर रनिंग स्पीड में आती हे वैसे रेजिस्टेंस कम होता हे।

जब मोटर 80 % स्पीड पे आ जाती हे तब पूरा रेजिस्टेंस जीरो हो जाता हे। क्युकी उस वक्त ऑटो ट्रांसफार्मर डिसकनेक्ट हो जाता हे। और लाइन का पूरा वोल्टेज मोटर को मिलता हे। जिसे मोटर अपनी फुल स्पीड पे गुमती हे।

 

ITI Electrician Interview Question- Circuit Breaker

 

Question – सॉफ्ट स्टार्टर कैसे काम करता हे ?

Answer – सॉफ्ट स्टार्टर का मुख्य काम हे मोटर का स्टार्टिंग टॉर्क कम करना हे। पर इसकी पद्धति अलग हे। ये एक thyristor बेस कंट्रोल पैनल हे। जो मोटर को मिलने वाले वोल्टेज को कंट्रोल करता हे। और वोल्टेज कंट्रोल होने से स्टार्टिंग टॉर्क कंट्रोल होता हे। साथ ही साथ स्टार्टिंग करंट की किक कम हो जाती हे।

यहा पे वोल्टेज टाइम के साथ applied किया जाता हे। हरेक फेज के लिये दो SCR होते हे। जो स्टार्टिंग में 180 डिग्री पीछे होता हे। डिले धीरे धीरे कम होता हे। और एक वक्त ऐसा आता हे जहा सप्लाई के फुल वोल्टेज मिल जाते हे। इसको टाइम वोल्टेज रैंप सिस्टम भी कहा जाता हे।

इस प्रकार के स्टार्टर में SCR का Conduction एंगल को कंट्रोल करके वोल्टेज कंट्रोल किया जाता हे।

 

Question – स्टार डेल्टा स्टार्टर में कोनसा टाइमर यूज़ किया जाता हे ?

Answer – स्टार डेल्टा स्टार्टर में ऑन डिले टाइमर का इस्तेमाल होता हे।

 

Protection Relay – Interview Question

 

Question – स्टेटर रेजिस्टेंस स्टार्टर कैसे काम करता हे ?

Answer – लाइन और स्टेटर वाइंडिंग के हरेक फेज के सीरीज में रेजिस्टेंस कनेक्ट किया जाता हे। शरुआत में पूरा रेजिस्टेंस लाइन में रहता हे। इसके बाद ही थ्री फेज सप्लाई स्टेटर वाइंडिंग से कनेक्ट होता हे।

जैसे ही मोटर चालू होती हे। वेरिएक के थ्रू रेजिस्टेंस धीरे धीरे कम होता हे। जब मोटर फुल स्पीड में होती हे तब रेजिस्टेंस की वैल्यू जीरो होती हे।

 

Question – रोटर रेजिस्टेंस स्टार्टर कैसे काम करता हे ?

Answer – इस प्रकार का स्टार्टर स्लिपरिंग इंडक्शन मोटर में इस्तेमाल किया जाता हे। वाउन्ड रोटर के साथ अलग से रेजिस्टेंस लगा हुआ रहता हे। ये एक वेरिएबल रेजिस्टेंस हे।

जब मोटर चालू करते टाइम पूरा रेजिस्टेंस लाइन में होता हे। इस रेजिस्टेंस से हाई टॉर्क जनरेट होता हे। रेसिस्टर के स्टार्ट पॉइंट से तीन मूविंग कांटेक्ट एक दूसरे के साथ इंटर कनेक्टेड होते हे। जब तक रेजिस्टेंस कनेक्ट नहीं होंगे तब तक मोटर स्टार्ट नहीं होगा इस तरह का इंटरलॉकिंग होता हे।

 

Electrical Engineering interview Questions-Motor

 

Question -वेरिएबल फ्रीक्वेंसी ड्राइव (VFD) कैसे काम करता हे ?

Answer – मोटर की सलामती के लिये इससे बेहतर स्टार्टर नहीं हे। स्पीड वेरिएशन कही बार प्रोडक्शन की जरूरियात होती हे। एक ही मोटर को अलग अलग स्पीड पे चला ने की जरुरत पड़ती हे। और ये काम वेरिएबल फ्रीक्वेंसी ड्राइव से बेहतर कोई नहीं कर सकता।

ये IGBT पे काम करने वाली एलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस हे। ड्राइव में मोटर के पैरामीटर और प्रोटेक्शन की लिमिट के पैरामीटर इन्सटाल्ड करने पड़ते हे।

मोटर का स्टार्टिंग टॉर्क भी अपनी जरुरियात के हिसाब से कम-ज्यादा कर सकते हे।

कीमत में किसी भी स्टार्टर से मेहगा होता हे। पर मोटर सुरक्षा के हिसाब से सबसे बेहतर माना जाता हे।

 

Question – DOL और Star Delta Starter में क्या डिफरेंस हे ?

Answer – 

DOL Starter Star Delta Starter
10hp से छोटी मोटर के लिये इस्तेमाल होती हे।  10hp से बड़ी मोटर में इस्तेमाल होता हे।
DOL में स्टार्टिंग करंट कम नहीं होता।  S/D स्टार्टर में स्टार्टिंग करंट कम होता हे।
मोटर का स्टार्टिंग करंट 5 से 7 गुणा होता हे। स्टार्टिंग करंट 2 से 3 गुणा होता हे।
एक ही पावर कॉन्टैक्टर की जरुरत पड़ती हे। तीन पावर कंटक्टर की जरुरत पड़ती हे।
एक ही पावर केबल की जरुरत होती हे। दो पावर केबल की जरुरत होती हे।
समझने में एकदम आसान हे। समझने में DOL से थोड़ा विकट हे।
कीमत में सस्ता होता हे। DOL की तुलना में मेहगा हे।

 

Question -मोटर चालू नहीं होती हे तो स्टार्टर में क्या खामी हो सकती हे ?

Answer –

  1. इनकमिंग पावर और कंट्रोल सप्लाई चेक करना चाहिए।
  2. फील्ड से ओप्रशन हे तो Em. Stop लगा हो सकता हे।
  3. यदि कोई इंटर लॉक हे,और वो क्लियर नहीं हे तो मोटर चालू नहीं होगा।
  4. कंट्रोल सर्किट का फ्यूज उड़ गया हो।
  5. कंट्रोल सप्लाई में लूस कनेक्शन हो सकता हे।
  6. पावर और कंट्रोल केबल में कोई खामी हो सकती हे।
  7. यदि मोटर स्टार्ट नहीं होती हे तो इस प्रकार की खामिया हो सकती हे।

 

ITI Electrician Interview Questions- Transformer

 

Question – स्टार डेल्टा स्टार्टर में सबसे पहले कोनसा कंटक्टर पिकअप होता हे।

Answer – स्टार डेल्टा स्टार्टर में सबसे पहले स्टार कंटक्टर पिकअप होता हे। इसके बाद main कंटक्टर और लास्ट में डेल्टा कंटक्टर pickup होता हे।

 

 

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