IAS क्या है, IAS ऑफिसर कैसे बनें, IAS के कार्य और शक्तियां
वर्तमान समय में 12वीं पास करने के बाद हर युवा का सपना शासकीय नौकरी पाना होता है। आज के समय में शायद ही कोई ऐसा युवा होगा जिसने 12वीं पास करने के बाद Competitive Exam की तैयारी नहीं की होगी। Competitive Exams में UPSC के सिविल सर्विस का Exam गर्व से भर देने वाला Exam module समझाा जाता है। UPSC के Civil Service के Exam को IAS की Exam आम बोल चाल की भाषा में कहा जाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि, IAS के Exam को लेकर भारतीय युवा पीढ़ी में इतना पागलपन क्यों है? क्या IAS का Exam पास कर पाने के लिए कोई पागलपन की जरूरत होती है। यदि आप भी इन सवालों के जवाब खोज रहे हैं तो आप बिल्कुल सही ब्लॉग पोस्ट पर आए हैं। पोस्ट के जरिए आज हम आपकों बताएंगे कि IAS कौन होता है? IAS कैसे बना जाता है? IAS के कार्य क्या है? IAS की जिम्मेदारियां क्या है? तथा IAS की क्या शक्तियां होती है? तो चलिए शुरू करते हैं और IAS के बारे में विस्तार पूर्वक सभी बातें –
IAS कौन होता है? | IAS kon hota hai
IAS भारतीय सिविल सेवा में एक मानक उपाधि होती है, जो कि, Indian Administrative Service (भारतीय प्रशासनिक सेवा) के नाम से जानी जाती है। सामान्य तौर से हम जिन प्रशासनिक अफसरों को जानते हैं वह भारतीय सिविल सेवा के अधीन कार्यरत होते है। प्रशासनिक सेवा में कार्य करने वाले अफसराें की शक्तियां बेहद ही शक्तिशाली होती है। हालांकि इन प्रशासनिक अफसरों को प्रमोशन मिलने के बाद और भी कई बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी जाती है। जिन्हें Indian Administrative Service, Civil Service के नाम से ही जाना जाता है।
आपकों बताते चलें कि, प्रशासनिक सेवा की शुरुआत ब्रिटिश शासन काल के दौरान हुई थी, उस दौर में इसे इंपीरियल सिविल सर्विस के नाम से जाना जाता था।
Indian Bureaucracy में IAS
Indian Bureaucracy में पदस्थ होने के लिए सिविल सर्विस एक्जाम को पास करना होता है, जिसके बाद एक IAS ऑफिसर की रैंक हासिल होती है। भारतीय प्रशासनिक सेवा भारतीय सिविल सेवा के तीन सर्वोच्च पदों में से एक है। इतना ही नहीं भारतीय पुलिस सेवा तथा भारतीय वन सेवा भारतीय सिविल सेवा के दो बड़े और महत्वपूर्ण पद हैं। इन तीनों पदों पर जो भी अफसर कार्यरत होते हैं, वहीं भारत सरकार के अंतर्गत काम करते हैं, या फिर भारत के अंतर्गत आने वाली राज्य सरकारों के कार्यों में अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। लेकिन मूल रूप से भारतीय सिविल सेवा के अंतर्गत काम करने वाले भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों पर केंद्र सरकार के अधीन होते है। IAS को Magistrate के नाम से भी जाना जाता है और Collector के नाम से भी पहचाना जाता है।
IAS का कार्यकाल | IAS Tenure
जब एक व्यक्ति IAS बनता है तब उसे शुरुआत के एक से 4 साल तक Sub-Divisional Magistrate के तौर पर सेवा देनी होती है। जिसके बाद आगामी 4 सालों तक वह Additional Divisional Magistrate के तौर पर सेवा देता है। ठीक उसके अगले 4 सालों तक वह District Magistrate या Join Secretary के पद पर पदस्थ रहता है। इतना ही नहीं उसके अगले 4 वर्षों के बाद उसके कार्य को देखकर उसे या तो District Magistrate या Special Secretary से Director के पद पर प्रमोट कर पदस्थ किया जाता है। जिसके बाद करीब 6 से 8 साल तक वह IAS अधिकारी Divisional Commissioner या Join Secretary के पद पर पदस्थ रहता है। उक्त पदों पर सेवा देने के बाद यदि प्रशासनिक अफसर चाहे तो, वह आगामी 5 वर्षों तक Divisional Commisioner, Principle Secretary, Additional Secretary, के पद पर कार्य कर सकता है। कुछ गिने-चुने IAS अधिकारी अगले 3 वर्षों तक Additional Chief Secretary के पद पर काम करते हैं, और इसके बाद उनमें से कुछ चुने हुए IAS अधिकारी अगले 2 वर्षों तक Chief Secretary के पद पर काम करते हैं, और इसके पश्चात अगले 5 वर्षों तक उनमें से कोई एक Cabinet Secretary के पद पर काम करता है। दोस्तों अब तो आप समझ चुके होंगे कि IAS मूल रूप से होता कौन है, और एक IAS किन किन पदों पर काम कर सकता है।
IAS कैसे बना जाता हैं?
IAS बनने की प्रक्रिया बेहद ही आसान होती है, हालांकि इस प्रक्रिया को पार कर पाना हर किसी के लिए आसान भी नहीं होता है, लेकिन यह एक सहज और बेहद ही सीधी प्रक्रिया होती है।
• इस प्रक्रिया के दौरान सबसे पहले एक व्यक्ति जिसकी आयु 21 वर्ष से अधिक है और जिसने ग्रेजुएशन पूरी कर ली है, वह व्यक्ति UPSC के द्वारा आयोजित सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करता है जिसे प्रिलिमनरी एक्जाम कहा जाता है।
• परीक्षा पास करने के पश्चात चुने हुए अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए भेजा जाता है, जहां 4 जनरल स्टडी के पेपर, एक निबंध का पेपर, दो ऑप्शनल सब्जेक्ट, तथा इंटरव्यू को पार करना होता है।
• यह प्रक्रिया पार करने के पश्चात व्यक्ति को IAS बनने के लिए लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकैडमी आफ एडमिनिस्ट्रेशन LBSNAA भेज दिया जाता है।
• वहां पर 2 वर्षों की ट्रेनिंग पूरी करने के पश्चात व्यष्टि IAS बनकर तैयार हो जाता है, और IAS बनने के पश्चात मैं भारत सरकार के अंतर्गत भारत देश में अपनी सेवाएं तथा भारत सरकार की इच्छा के अनुसार भारत से बाहर अपनी सेवाएं भारत के लिए प्रदान करता है।
• इस प्रकार एक IAS बना जाता है।
IAS के कार्य क्या है? IAS की जिम्मेदारियां
एक IAS अधिकारी के कार्य और जिम्मेदारियां असंख्य प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है। लेकिन हम आपकों पोस्ट के जरिए मुख्य सभी जिम्मेदारियां और कार्यों को नीचे संक्षेप में बता रहे हैं-
एक IAS अधिकारी द्वारा किए जाने वाले कार्य कुछ इस प्रकार है-
• राजस्व इकट्ठा करना।
• राजस्व तथा अपराध के मामलों में अदालत के अधिकारियों की तरह काम करना।
• Magistrate के रूप में कार्य करना।
• कानून व्यवस्था को बनाए रखना।
• जमीनी स्तर पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की नीतियों को लागू करना।
• Sub Divisional Magistrate, Additional Destrict Magistrate, Divisional Commissioner, District Magistrate, के रूप में क्षेत्र सरकार के एजेंट के रूप में काम करना।
• किसी विशिष्ट मंत्रालय के अंतर्गत भारत सरकार के अंतर्गत काम करने वाली किसी प्रभारी मंत्री की परामर्श से भारत सरकार की नीतियों का क्रियान्वयन का काम करना।
• नीति निर्माण में योगदान देना।
• हालांकि कुछ मामलों में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार भी है।
• संबंधित मंत्री को मंत्रिपरिषद आवश्यकता पड़ने पर राय देना।
• संयुक्त सचिव तथा अतिरिक्त सचिव के तौर पर काम करना।
• कैबिनेट सचिव के तौर पर कार्यपालिका को संभालना।
• मुख्य सचिव के रूप में पूरे भारत के प्रशासनिक मामलों की रक्षा करना और उनमें सुधार करना IAS के कार्य तथा जिम्मेदारियां हैं।
IAS की शक्तियां क्या है?
भारत में नौकरशाही व्यवस्था में प्रशासनिक अधिकारी सर्वाधिक शक्तिमान होता है।
• एक IAS अधिकारी की जिम्मेदारियां जितनी अधिक बढ़ती है, उसकी शक्तियां उसी क्रम में में बढ़ती जाती है।
• एक IAS ऑफिसर के पास में भारत सरकार की नीतियों को क्रियान्वित करने तथा उन पर ध्यान रखने की शक्तियां होती है।
• सरकार अपनी नीतियों पर खर्च करने वाले पैसे को जिलाधिकारी के द्वारा ही धरातल पर इंप्लीमेंट कर पाते हैं।
• भारत सरकार के कार्य कार्य शक्ति के रूप में IAS अधिकारी काम करते हैं, इसलिए उनकी शक्तियों का अंदाजा लगाना लगभग असंभव हो सकता है।
• टैक्स कोर्ट IAS के शक्तियों के अधीन आते हैं।
• धरातल पर कानून व्यवस्था को बनाए रखने की शक्ति केवल IAS अधिकारी की होती है।
• IAS अधिकारी का उसके अधीन आने वाले एरिया के पुलिस अधिकारियों पर लगभग पूरा कंट्रोल होता है।
• IAS अधिकारी Executive Magistrate के तौर पर काम कर सकता है।
• IAS अधिकारी के पास ये क्षमता होती है कि भारत सरकार के द्वारा भेजे जाने वाले पैसे को कब कहां कैसे इस्तेमाल करना है।
FAQ
IAS का क्या काम होता है?
जब आईएस डीएम की भूमिका में होता है, तो उसके पास जिले के सभी विभागों की जिम्मेदारी होती है। वह डीएम के रूप में पुलिस विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों का भी प्रमुख है। वह जिले में निषेधाज्ञा, धारा 144 और कानून व्यवस्था से संबंधित सभी निर्णय लेता है। भीड़ पर कार्रवाई या फायरिंग जैसे आदेश भी डीएम दे सकते हैं।
IAS कितने साल का कोर्स है?
सिविल सर्विसेज की तैयारी में कम से कम 2 से 3 साल का समय लगता है। इसकी तैयारी आपको ग्रेजुएशन के दिनों से ही शुरू कर देनी चाहिए। एनसीईआरटी की किताबों को पढ़कर इस परीक्षा की तैयारी शुरू करें। इसके अलावा सिविल सेवा परीक्षा का पूरा सिलेबस अपने पास रखें और उसी के अनुसार तैयारी करें।
IAS के लिए कौन सी डिग्री चाहिए?
12वीं के बाद IAS बनने के लिए सबसे पहले आपके पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी स्ट्रीम में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए, तभी आप परीक्षा देने के योग्य माने जाते हैं। परीक्षा की तैयारी के लिए आप राजनीति विज्ञान, भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र आदि और सामान्य ज्ञान की किताबें पढ़ सकते हैं।
IAS में कितने पद होते हैं?
देश में IAS की कुल संख्या तो आप जान गए होंगे लेकिन हम आपको बताने जा रहे है कि हर साल देश में 108 पदों पर IAS ऑफिसर की नियुक्ति की जाती है।