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Electrical Safety In Hindi – बिजली से सुरक्षा

Electrical Safety In Hindi के इस आर्टिकल में बिजली सुरक्षा के बारेमे विस्तार से दिया गया है। इसमें Electrical Hazard, इलेक्ट्रिकल एक्सीडेंट से होने वाले नुकशान, शॉक लगने के कारण, शॉक लगने के बाद उपचार, जैसे तमाम विषय को प्राधान्य दिया है। आशा है ये आपके लिए मददगार होगा।

 

Electrical Safety In Hindi

Electrical Safety In Hindi


बिजली से सुरक्षा बहुत जरुरी है। दोस्तों इलेक्ट्रिसिटी बहुत बहेतरीन चीज है। हम एक क्षण के लिए ये सोचे की इलेक्ट्रिसिटी का अस्तित्व नहीं है,तो हमारी जिंदगी कैसी होगी?

ना बिजली होगी, ना फैन, ना रेफ्रिजरेटर होगा ना एयर कंडीशनर। आज की दुनिया की चकचोँद नहीं होगी और नाही कोई  विकास और सहूलतो के बारेमे कोई सोच पायेगा।

बहुत ही संक्षिप्त में कहे तो आज हम बिना इलेक्ट्रिसिटी के जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। आज इलेक्ट्रिसिटी मानव जीवन की आवश्यकता है।

हम एक रिमोट के जरिये अकल्पनीय चीजे कर सकते है। इसका श्रेय इलेक्ट्रिसिटी की खोज करने वाले बेंजामिन फ्रैंकलिन को जाना चाहिए। जिसने इलेक्ट्रिसिटी की खोज करके दुनिया के मानव का जीवन स्तर बदल दिया।

निःसंदेह इलेक्ट्रिसिटी मानव जीवन को सहूलियत से भर देती है। पर ये जब पीड़ा देती है तो वो भी असह्य होती है। Electricity जितनी अच्छी है उनसे कही ज्यादा खतरनाक है।

Electricity को  नियमो के अनुसार उपयोग में लिया जाये तो ये हमारे लिए एक अच्छे दोस्त की तरह आउटपुट देती है। पर यदि उसके लिए बनाये गए निति नियमो को ताक पे रखके, सुरक्षा को अनदेखा करते है, तो ये हमारे लिए घातक हो सकता है।

 

Electrical Safety एक बड़ा विषय है। हम आये दिन इलेक्ट्रिसिटी से दुर्घटना के समाचार देखते है। कही पे शार्ट सर्किट, कही पे आग और कही पे जानमाल का नुकशान होता रहता है। इस दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है Electricity का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं करना और मानव से होने वाली भूल है।

 

Electrical Safety In Hindi- बिजली से सुरक्षा

1 – सबसे पहले मानव और अन्य प्राणियों की सुरक्षा

2 – मशीनरी सुरक्षा

3 – इलेक्ट्रिकल उपकरण की सुरक्षा

इलेक्ट्रिसिटी का मुख्य तीन पैरामीटर है। एक वोल्टेज (विद्युत दबाव) करंट (विद्युत प्रवाह) और प्रतिरोध। इलेक्ट्रिसिटी को समझने के लिए Ohm Law का जानना भी जरुरी है।

 

बिजली के कुछ नियम है

1 – इलेक्ट्रिसिटी एक पूर्ण सर्किट में प्रवाहित होती है। जब तक परिपथ पूर्ण नहीं होता इलेक्ट्रीसिटी से हमें आउटपुट नहीं मिलता।

2 – बिजली हमेशा कम प्रतिरोध पे गति करती है। जीतना रेजिस्टेंस कम होगा वहा विद्युत प्रवाह आसानी से गति करेगा।

3 – इलेक्ट्रिसिटी जमीन की और गति करने की कोशिश करती है।

 

Electrical Hazards – बिजली से क्या खतरे होते है।

सुविधाओं से हमें सज्ज करने वाली बिजली में यदि लापरवाही बरती जाये तो ये खतरनाक भी है। बिजली के खतरे क्या हो सकते है ये देखते है।

1 – इलेक्ट्रिकल शॉक लगना (करंट लगना, झटका लगना)

2 – Arcing – स्पार्क होना

3 – Burn – जलना

4 – एक्सप्लोज़न होना, ब्लास्ट होना

5 – फायर होना – आग लगना

 

याद रखे -: इलेक्ट्रिकल पैनल या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में आग लग जाये तो हमें CO2 (कार्बन डॉयऑक्साइड) फायर extinguisher  ही इस्तेमाल करना चाहिए। जिसे उपकरण भी ख़राब ना हो और आग भी बुज जाये।

 

इन्सान की बॉडी का रेजिस्टेंस कितना होता है ?

इन्सान की बॉडी का प्रतिरोध एक समान नहीं होता। ये शरीर की रचना के आधार पे कम ज्यादा होता है। पर एवरेज प्रतिरोध कुछ इस तरह होता है।

  • नॉर्मली इंसान का बॉडी रेजिस्टेंस – 10k ohm से 12k ohm होता है।
  • यही बॉडी ड्राई होती है तो रेजिस्टेंस – 15K ohm तक भी हो जाता है।
  • यदि बॉडी भीगी हुई है तो रेजिस्टेंस – 2k ohm से भी कम हो जाता है।

 

बिजली का झटका कब लगता है ?

Electricity के किसी वायर के संपर्क में आने से इलेक्ट्रिक शॉक लगता है। इलेक्ट्रिसिटी का वहन वायर से होता है। आम तोर पे वायर इंसुलेशन होता है। इंसुलेशन के अंदर कंडक्टर होता है।

ये कंडक्टर अलुमिनियम या कॉपर का होता है। जिसमे से इलेक्ट्रिसिटी का वहन होता है। जब इलेक्ट्रिसिटी का वहन चालू हो और ऐसी स्थिति में हम कंडक्टर के संपर्क में आते है तब हमें बिजली का झटका लगता है।

ज्यादा तर बिजली का करंट लगने की बजह Electrical Safety के प्रति हमारी निष्कारजी ही होती है। इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग करने के लिए इसके नियम है। यदि हम इस नियमो को अनुसरते है तो, इलेक्ट्रिसिटी की बजह से होने वाले अकस्मात् को दूर कर सकते है।

इलेक्ट्रिक शोक की तीव्रता वाहक में से पसार हो रहे वोल्टेज और करंट पे रहती है। साथ ही साथ उस वक्त हमारी बॉडी का रेजिस्टेंस क्या है ये भी मान्य रखता है।

हमारे घरो में वोल्टेज का लेवल 230VAC का है। ये सिंगल फेज सप्लाई है। थ्री फेज सप्लाई में 440 VAC होता है।

 

अर्थिंग के प्रकार और पद्धति

बैटरी के प्रकार एवम उपयोग

इंटरव्यू में जाने से पहले इसे एक बार जरुर पढ़े – Tips

 

इलेक्ट्रिक शॉक की भयानकता किस बाबतो पे आधार रखती है ?

1- वाहक से पसार होने वाले करंट की राशि, वैल्यू कितनी है।

2- पसार होने वाला करंट AC है, या DC

3- शॉक लगने का समय (Duration)

4- शरीर के किस हिस्से पे वायर टच हुआ है।

5- शरीर की प्रतिरोधक क्षमता

 

Electric Shock बिजली का झटका लगने से क्या असर होता है ?

इलेक्ट्रिक शॉक लगने से विनाशकारी क्षति हो सकती है। इंसान की जान जा सकती है, मृत्यु हो सकती है।  पर उससे होने वाली क्षतिओं के बारेमे देखे तो……..

  • – जोरदार झटका लगता है। पुरे शरीर को हिला देता है।
  • – जहा पे हमारी बॉडी का भाग टच होता है वहा पे ब्लैक स्पॉट हो जाता है।
  • – हदय बंध हो जाता है।
  • – शरीर बहार की साइड और अंदर की साइड जल जाता है।
  • – स्वायत सिस्टम विफल हो जाती है।
  • – मांशपेशी का संकुचन हो जाता है।

मानव शरीर पे करंट का असर – Effect OF Electrical Shock

 

एम्पेयर  की वैल्यू  करंट से मानव शरीर पर होने वाली असर 
1 to 8ma इसे झटका जरूर लगता है, पर हमारा शरीर सहन कर लेता है।
8 to 15ma मानव को झटके के साथ दर्द होता है, पर सहन कर सकते है।
15 to 20 ma झटके के साथ दर्द होता है। नसों का नियंत्रण नहीं रहता इसीलिए, हलचल नहीं होती।
20 to 50 ma नसे सुकड़ जाती है। श्वास लेने में तकलीफ होती है।
50 to 100 ma यहाँ जान जा सकती है। श्वास लेने में तकलीफ होती है, रुक जाती है। मृत्यु भी हो सकता है।
More than 100 ma इससे शरीर जल सकता है। नसे और हदय काम करना बंध कर देती है। मृत्यु निश्चित है।

 

इलेक्ट्रिक कर्मचारी की सुरक्षा के लिए PPE

Personal Protective Equipment’s (PPE) किसी भी क्षेत्र के कर्मचारी के लिए जरुरी है। Electrical Safety की बात करे तो बिजली कर्मचारी की सुरक्षा सबसे पहले होनी चाहिए। कर्मचारी द्वारा इस्तेमाल होने वाले सभी उपकरण इलेक्ट्रिक शोक प्रूफ होने चाहिए।

शॉक प्रूफ सेफ्टी शूज़, हेल्मेट, गॉगल्स और फेस शील्ड, हैंड ग्लोव्ज, एअर प्लग, सेफ्टी बेल्ट और मास्क जैसे प्रोटेक्टिव उपकरण होते है जिसका उपयोग करना चाहिए।

याद रखे -: अपने घरमे बिजली का काम सर्टिफाइएड और अनुभवी वायरमैन से ही कराये। हमारी थोड़ी सी लापरवाही हमें मेहगीं पड़ सकती है।

Electrical कर्मचारी को काम करते समय क्या ध्यान रखना चाहिए?
  • इलेक्ट्रिकल का कर्मचारी कही पे भी काम करने जाता है तो पहले उसके पास वर्क परमिट होनी चाहिए।
  • पावर सप्लाई बंध करके कन्फर्म करना चाहिए।
  • PPE – जैसे की सेफ्टी सूज, हैंड ग्लौज, हेल्मेट होना चाहिए।
  • उपयोग में लेने वाले उपकारण इलेक्ट्रिक शॉक प्रूफ होना चाहिए।
  • ढीले कपडे ना पहने,अंगूठी और घडियार न पहने।
  • बिजली का काम करने से पहले किसी भी प्रकार का नशा न करे।
  • किसी भी बड़े उपकरण पे काम करने से पहले अर्थिंग कनेक्ट होना चाहिए।
  • बिजली का काम करते वक्त हमारा शरीर एवम कपडे गीले नहीं होने चाहिए।
  • वर्क प्लेस साफ होना चाहिए, तेल या ग्रीस जैसी चीजों से स्लिप होने का चान्स होता है।
  • यदि हमें इलेक्ट्रिकल का ज्ञान नहीं है तो हमें बिजली सम्बन्धी कोई भी काम नहीं करना चाहिए।

वैसे इंडस्ट्रिज में उपकरणों की सुरक्षा के लिए प्रोटेक्शन डिवाइस होती है। जैसे मोटर के प्रोटेक्शन के लिए डायरेक्ट ऑन लाइन स्टार्टर, स्टार डेल्टा स्टार्टर, वेरिएबल फ्रीक्वेंसी ड्राइव को यूज किया जाता है।

वही इलेक्ट्रिकल पैनल और उपकरण की सुरक्षा के लिए वैक्यूम सर्किट ब्रेकर, एयर सर्किट ब्रेकर एवम sf6 सर्किट ब्रेकर का इस्तेमाल होता है।

 

ट्रांसफार्मर का कार्य एवम भाग

इलेक्ट्रिकल इंटरव्यू सवाल जवाब

कपैसिटर का कार्य एवम प्रकार

 

Which is Dangerous Voltage or Current ?

वोल्टेज और करंट एक दूसरे के पर्यायी है। वोल्टेज ये Potential Different है। जिसके बगैर करंट फ्लो नहीं होगा। और करंट ये इलेक्ट्रान है जो बिना विद्युत दबाव के बिना हमें नहीं मिलेगा।

इलेक्ट्रिसिटी बहुत अच्छा दोस्त है और बेहतरीन दुश्मन भी। यदि हमारी बेदारकारी बिजली को कोई मौका देगी तो वो किसी को नहीं बख्शेगी।

रही बात खतरा की तो, हमारे शरीर के प्रतिरोध के अनुशार कुछ हद तक वोल्टेज और करंट सहन करता है। उसकी लिमिट से ऊपर जाता है तो ये खतरनाक साबित होता है।

जैसे हमने ऊपर देखा अलग-अलग करंट वॉल्यूम पे अलग-अलग असर होता है। वैसे ही हमें वोल्टेज भी असर करता है। जितना ज्यादा वोल्टेज होगा उतनी असर ज्यादा होगी। हमें 24 वाल्ट का शोक नहीं लगता पर 230वाल्ट का शोक लगता है।

मजे की बात ये है की प्रोटेक्शन करंट में होता है।  जैसे ELCB और RCCB का फाल्ट रेटिंग 30 ma होता है। इससे ज्यादा करंट पास होगा तो ये स्विच ट्रिप हो जायेगा।

 

एक उदाहरण से समजा ने की कोशिश करता हु।

एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को चाकू से मार देता है। दूसरे व्यक्ति को किसने मारा एक व्यक्ति ने या चाकू ने? चाकू नहीं होता तो भी दूसरा व्यक्ति नहीं मरता और और पहला व्यक्ति नहीं होता तो भी नहीं मरता।

यहाँ पहले व्यक्ति के तोर पे वोल्टेज समजो और चाकू के तोर पे करंट, दोनों ही एक दूसरे के पर्यायी है।

 

याद रखे -: किसी भी वोल्टेज की सर्किट पूर्ण नहीं होती तबतक उसमे से करंट फ्लो नहीं होता। ये सर्किट चाहे कोई उपकरण से पूर्ण हो या कोई सजीव प्राणी के संपर्क से।

 

 Electrical Safety tips at Home-

इलेक्ट्रिसिटी हमारे रोजिंदा जीवन का एक हिस्सा है। हमारे घरमे टेलीविज़न, एयर कंडीशनर, फ्रीज़, लाइट, फैन जैसे उपकरण होते है। ऐसे में हमारा और हमारे परिवार के सदस्यों का इलेक्ट्रिसिटी के संपर्क में आना लाजमी है। पर हमें क्या करना चाहिए जिसे हम इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल भी करे और सुरक्षित भी रहे।

 

Electrical Safety In Hindi
Electrical Safety In Hindi

1 – घर का वायरिंग उपकरण के लोड के हिसाब से होना चाहिए।

2 – वायर साइज उपकरण के लोड के मुताबिक होनी चाहिए।

3 – Electrical Safety के लिए घर के लिए एक प्रॉपर अर्थिंग होनी चाहिए।

4 – हरएक उपकरण के साथ अर्थिंग वायर कनेक्ट होना चाहिए।

5 – गीले हाथ से किसी भी इलेक्ट्रिक उपकरण को या स्विच को छूना नहीं चाहिए।

6 – घरके वायरिंग में केबल में लूज़ जॉइंट नहीं रखना चाहिए।

7 – घर पे खास तर बच्चो का ध्यान रखा जाये, कोई भी बच्चे के पास बिजली का बोर्ड नहीं आना चाहिए। 

8 – ELCB और RCCB (Residual Current Circuit Breaker) जैसे प्रोटेक्शन स्विच का इस्तेमाल जरुर करे।

 

याद रखे -: इलेक्ट्रिकल करंट ये इलेक्ट्रोन का वॉल्यूम है। जहां वोल्टेज ये विद्युत का दबाव है जो इलेक्ट्रोन को गति करने की अनुमति देता है।

 

इलेक्ट्रिक शॉक लगने के बाद क्या करे ?

हमारे सामने यदि किसी को इलेक्ट्रिक शोक लगता है तो हमें प्राथमिक उपचार क्या करना चाहिए।

जब किसी को इलेक्ट्रिक शॉक लगता है तब हरभराहट हो जाती है। क्या करना क्या न करना ये समज नहीं आता है।

  • सबसे पहले अपने आप को सावधान और सुरक्षित करो और मौजूदा स्थिति पे ध्यान दो।
  • जिस व्यक्ति को इलेक्ट्रिक शॉक लगा है सीधा उसके नजदीक न जाये।
  • पावर का स्विच दिखे तो उसे बंध करो, या कोई तार है तो उसे दूर करो।
  • याद रखे बिजली का तर किसी आवाहक से दूर करना है जैसे सुखी लकड़ी।
  • कोई एम्बुलेंस को बुलाया जाये या डॉक्टर पे पास पहुंचाने का प्रयास किया जाये।
  • व्यक्ति को योग्य तरीके से लेटाया जाये। होश में है या बेहोश ये चेक किया जाये।
  • यदि कही पे खून निकल रहा है तो उसे कोई पट्टी बांध कर बंध किया जाये।
  • जरुरत पड़े तो CPR (Cardio Pulmonary resuscitation) देना चाहिए। ये कृत्रिम श्वासो श्वास की पक्रिया है।

हम प्राथमिक उपचार के तोर पे व्यक्ति को सुरक्षित रखना है। और जितना हो सके इतना जल्दी डॉक्टर के पास पहुंचना चाहिए।

आजकल इंडस्ट्रीज़ में इलेक्ट्रिकल सुरक्षा के बारेमे काफी जागरुकता है। इलेक्ट्रिकल सुरक्षा के लिए अलग -अलग कार्यक्रम का आयोजन होता है। Electrical Safety Tips, Electrical Safety Slogan औऱ Safety Essay जैसे कॉम्पिटिशन का आयोजन किया जाता है। और कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाता है।

Electrical Safety In Hindi के इस आर्टिकल में बिजली से सुरक्षा के बारेमे विस्तार से बताया गया है। आशा है ये ओके लिए मददगार होगा। यदि इलेक्ट्रिकल सुरक्षा से सम्बंधित कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में लिख सकते है।

 

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