अर्थ टेस्टर क्या है ? कैसे काम करता है ? Earth Tester के कनेक्शन किस तरह करते है ? और अर्थ टेस्टर से प्रतिरोध कैसे मापते है ? ये सभी सवालों को What is Earth Tester in Hindi के इस आर्टिकल में विस्तार से बताया गया है। आशा है ये आपके लिए ज्ञानवर्धक होगा।
Earth Tester क्या है ? What is Earth Resistance Tester ?
Leakage Electricity को ग्राउंड करने के लिए Earthing करते है। अर्थिंग अलग-अलग प्रकार के होते है। किसी भी उपकरण या वाहक को अर्थिंग करने की एक प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया के तहत अर्थिंग पीट तैयार करके कनेक्ट किया जाता है।
Earth pit का प्रतिरोध समयांतर पे चेक होता है। Earth pit की Healthyness चेक करने के लिए उसका प्रतिरोध चेक किया जाता है। अर्थिंग सिस्टम का प्रतिरोध चेक करने के लिए जिस उपकरण का इस्तेमाल होता है, उसे Earth Tester कहा जाता है।
अर्थिंग सिस्टम में अर्थिंग रोड को जमीन के अंदर गाड़ दिया जाता है। उसमे चारकोल या केमिकल से खड्डे को भरा जाता है। Earth Tester का काम Earth Electrod और जमीन के बिच का अवरोध ( रेजिस्टेंस ) चेक करना है। ये प्रतिरोध 1 ओम से कम होना चाहिए।
एक उत्तम अर्थिंग की निशानी है की, अर्थिंग प्रतिरोध 1 Ω (एक ओम) से कम हो।
Earth Tester का Hindi Meaning भु-परीक्षक होता है।
Earth Tester in Hindi
Earth Resistance मापना क्यू जरुरी है।
किसी भी अर्थिंग मानव एवं उपकरण की सुरक्षा के लिए किया जाता है। जब किसी उपकरण में लीकेज करंट होता है, तो प्रॉपर अर्थिंग सिस्टम इसे ग्राउंड कर देता है। लीकेज करंट ग्राउंड होने के कारण हमें प्रोटेक्शन मिलता है।
उपकरण की सुरक्षा में लिमिट से ज्यादा करंट पसार होने पर पावर सप्लाई कट हो जायेगा। ठीक वैसे ही मानव सुरक्षा के लिए भी ये बचाव का काम करता है।
किसी भी सर्किट या उपकरण का लीकेज करंट आसानी से ग्राउंड में जाना चाहिए। इसके लिए उपकरण का प्रॉपर अर्थिंग होना चाहिए। इतना ही नहीं अर्थिंग का प्रतिरोध भी कम से कम होना चाहिए।
अर्थिंग करने के बाद earth प्रतिरोध को मेन्टेन करना पड़ता है। इसे कम से कम रखना पड़ता है, तभी हमें सुरक्षा प्रदान करेगा।
हमारी Earthing System को Healthy रखने के लिए समयांतर पे चेक करना जरुरी है।
इंडस्ट्रीज में हर 6 महीने में हरेक Earthpit का Earth प्रतिरोध चेक किया जाता है। Yearly Ele. Inspection में इसके डाटा प्रोवाइड करना पड़ता है।
Earth Tester – Ground Tester
अर्थ प्रतिरोध माप ने के लिए अर्थ टेस्टर उपयोग किया जाता है। अर्थ टेस्टर को ग्राउंड टेस्टर भी कहा जाता है। Earth Tester दो प्रकार के होते है। जिसे हम विस्तार से समझेंगे।
1 – DC जनरेटर प्रकार का अर्थ टेस्टर- एनालॉग अर्थ टेस्टर
DC जनरेटर प्रकार का अर्थ टेस्टर मूविंग कोइल मीटर के सिद्धांत के आधार पे काम करता है। इस प्रकार के अर्थ टेस्टर में एक DC जनरेटर होता है। रोटेटिंग रेक्टिफायर यूनिट होता है। करंट कोइल होती है। इस प्रकार के अर्थ टेस्टर में करंट कोइल की लीड ओम मीटर ऑर्बिट में C1-C2 टर्मिनल से जुड़े होते है। प्रेशर कोइल के लीड Syncronous rotary रेक्टिफायर द्रारा P1-P2 से जुड़े हुए होते है।
तमाम कनेक्शन करने के बाद जनरेटर के हैंडल को 160RPM पर घुमाया जाता है। इस समय जमीन से बहने वाली विद्युत धारा, इलेक्ट्रोड, करंट कोइल और प्रेशर कोइल मिलाकर टॉर्क उत्पन्न होता है। यह टॉर्क बिंदु को स्थानांतरित करने अवं प्रतिरोध के मूल्य को दर्शाने का काम करता है।
अर्थ रेजिस्टेंस जितना कम हो उतना अच्छा होता है। आमतौर पर अर्थ प्रतिरोध की वैल्यू 1 Ω (ओम) से कम बेहतर मानी जाती है।
2- Digital Earth Tester
Digital अर्थ टेस्टर डिजिटल मेगर की तरह काम करता है। मेगर का आउट पूत DC वाल्ट होता है। Earth Tester का आउटपूत AC होता है। इस प्रकार का एअर्थ टेस्टर अलग – अलग तीन रेंज में मिलते है। जिसमे 20Ω, 200Ω, और 2000Ω (ओम) में उपलब्ध है।
डिजिटल अर्थ टेस्टर को एनालॉग का एडवांस वर्सन कहा जाता है। डिजिटल ग्राउंड अर्थ रेजिस्टेंस टेस्टर बहुत ही एक्यूरेसी के साथ काम करता है। डिजिटल अर्थिंग रेजिस्टेंस मीटर में बैटरी का उपयोग किया जाता है। लगातार 8 घंटे तक इस्तेमाल कर सके इतना बैटरी की कैपेसिटी होती है ।
Earth Tester की रचना
अर्थ टेस्टर की रचना सरल होती है। डिजिटल और एनालॉग दोनों प्रकार के अर्थ टेस्टर का कार्यसिद्धांत एक जैसा ही है। एनालॉग लोग में हैंडल ऑपरेटेड रहता है। डिजिटल में एक बटन को प्रेस करना होता है। दोनों तरह के मीटर में चार टर्मिनल पॉइंट होते है। एनालॉग में हमें पॉइंटर से प्रतिरोध की वैल्यू मिलती है और डिजिटल में हमें परफेक्ट डिजिट मिलती है।
C1- को प्राइमरी करंट टर्मिनल कहते है। C2- को सेकेंडरी करंट टर्मिनल कहते है। P1- प्राइमरी पोटेंशियल टर्मिनल और P2 को सेकेंडरी पोटेंशियल टर्मिनल कहा जाता है। ये चारो टर्मिनल को अर्थिंग रोड अवं अर्थिंग पिट के साथ कनेक्ट किया जाता है।
Earth Tester Connection
जब अर्थ प्रतिरोध चेक करना होता है, तब अर्थ टेस्टर को किस तरह से कनेक्ट किया जाये ये प्रश्न होता है।
निचे की आकृति में अर्थ टेस्टर का कनेक्शन दिया गया है। इसमें दो अलग – अलग पद्धति है। इस प्रकार के कनेक्शन करके हम अर्थ टेस्टर से प्रतिरोध चेक कर सकते है ।
अर्थिंग कैसे चेक करते है – How to Check Earth Resistance by Earth Tester
Earth Tester से Earth Resistance चेक करना बहुत आसान है। निचे स्टेप्स दिए गए है। यदि आपके पास अर्थ टेस्टर है और आप अर्थ प्रतिरोध चेक करना चाहते है, तो निचे के स्टेप्स को फॉलो करे।
1- Earthpit का अर्थ रेजिस्टेंस चेक करने से पहले हमें अर्थ टेस्टर को चेक कर लेना चाहिए।
2- अर्थिंग रोड को अर्थिंग पट्टी से डिसकनेक्ट कर देना चाहिए ।
3- Earth Tester के P1 और C1 को शार्ट किया जाता है।
4- शार्ट किये गए P1-C1 टर्मिनल से एक वायर अर्थ इलेक्ट्रोड के साथ कनेक्ट किया जाता है। (जिसका हमें अर्थ रेजिस्टेंस चेक करना है।)
5- P2 टर्मिनल पे एक वायर कनेक्ट करे। उसे अर्थिंग पिट से कम से कम 10 मीटर की दुरी पर रोड के साथ लगाए।
6- E2 टर्मिनल पे एक वायर कनेक्ट करे। उसे अर्थिंग पिट से 20 मीटर की दुरी पर रोड के साथ लगाए।
7- यदि अर्थ टेस्टर पे ओम का सेलेलक्शन करना है तो उसे 10 या 20 ओम पे सेलेक्ट करे।
8- डिजिटल अर्थ टेस्टर है तो टेस्ट का बटन दबाये। एनालॉग है तो 160 आरपीएम से हैंडल गुमाये।
9- हमें अर्थ रेजिस्टेंस की वैल्यू डिस्प्ले पर दिखाई देगी। प्रतिरोध की वैल्यू 1 Ω ओम से कम होनी चाहिए ।
Earth प्रतिरोध कितना होना चाहिए ?
अर्थ प्रतिरोध जितना कम हो इतना अच्छा है। इलेक्ट्रिकल सर्किट या उपकरण की सुरक्षा के लिए कम से कम अर्थ प्रतिरोध होना चाहिए। IER- इंडियन इलेक्ट्रिकल नियम के मुताबिक Earthpit का रेजिस्टेंस 1Ω ओम से कम होना चाहिए।
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अर्थ प्रतिरोध को कम करने के लिए क्या है ?
हमारे परिक्षण के दौरान अर्थिंग का रेजिस्टेंस ज्यादा दिखा रहा है, तो उसे कैसे कम किया जा सकता है? Earth प्रतिरोध कैसे कम किया जा सकता है ?
ये सवाल बहुत जगह इंटरव्यू में पूछा जाता है। मिटटी का रेजिस्टेंस बढ़ जाने की बजह से अर्थ प्रतिरोध बढ़ जाता है। अर्थ रोड पे जम लग जाने की बजह से प्रतिरोध बढ़ जाता है।
अर्थ रेजिस्टेंस कम करने के लिए हमें पहले तो मिटटी को फलद्रुप और कंडक्टिवे बनाना है। इसके लिए हमें नमक वाला पानी अर्थ पिट में ऐड करना पड़ता है।
एक और सम्भावना में यदि अर्थिंग रोड पे जम लग गया हो तो हमें ये रोड बदलना पड़ता है। ये दो स्टेप्स से अर्थिंग प्रतिरोध जरूर कम हो जायेगा।
Earth Tester का उपयोग कहा होता है ? Use of Earth Tester
1- पावर स्टेशन में जनरेटर और ट्रांसफार्मर के अर्थिंग चेक करने के लिए होता है।
2- लाइटिंग एरेस्टर का अर्थिंग चेक करने के लिए होता है।
3- इंडस्ट्रीज में उपकरण के अर्थिंग चेक करने के लिए किया जाता है।
4- टेलीफोन, कंप्यूटर अवं UPS जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के अर्थिंग चेक किया जाता है।
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Earth Tester in Hindi के इस आर्टिकल में सम्पूर्ण जानकारी है। ग्राउंड टेस्टर से सम्बंधित विस्तृत जानकारी दी गयी है। इसके आलावा Earth Tester से सम्बंधित कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते हो।
4 Comments
Sir aarth testar chek karte samay kaunsa voltes deta hai piz रिप्लाई सर जी
Dear pankaj iska javab article me hai. me chahunga ap ek bar fir padhe.
bhai earth tester ka out put voltage ac hota hai