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Capacitor in Hindi – Definition- Types of Capacitor

कपैसिटर क्या है ? Capacitor कैसे काम करता है ? कपैसिटर कितने प्रकार के होते है ? कपसिटंस क्या होता है ? कुछ इस तरह के सवालों का जवाब Capacitor In Hindi के इस आर्टिकल में मिलेगा। आशा करता हु ये आपके लिए Helpful होगा।

 


Capacitor Definition

दो धातु की प्लेट, डाएलेक्ट्रिक स्ट्रेंथ के साथ इंसुलेटिंग मटेरियल और अल्लुमिनियम फोइल एवम कागज के टुकड़े का इस्तेमाल से इलेक्ट्रिकल एनर्जी का संग्रह करता है, उसे कपैसिटर कहते है।

इलेक्ट्रिसिटी का संग्रह करता है। जरुरत पड़ने पर डिस्चाज होता है। चार्ज डिस्चाज की प्रक्रिया बहुत फ़ास्ट होती है। इलेक्ट्रिसिटी चार्ज के सम्बन्ध में बैटरी से काफी समानता है। 

 

Capacitor in Hindi

What is Capacitor In Hindi

यदि हमने बैटरी को देखा हे,उसके काम को जानते हे। तो कपैसिटर को समज ना आसान हे। बैटरी और कपैसिटर में काफी समानता हे। बैटरी में केमिकल रिएक्शन से इलेक्ट्रिक चार्ज का संग्रह होता हे। और धीरे धीरे डिस्चार्ज होता हे।

कपैसिटर भी इलेक्ट्रिसिटी को स्टोर करता हे। और जरुरत के मुताबिक Discharge होता हे। पर इसकी डिस्चार्ज की प्रक्रिया बहुत फ़ास्ट हे।

एनर्जी रिलीज़ करने का दो नो का तरीका अलग हे। फिर भी काफी समानता हे। हम यहां Capacitor in Hindi के इस आर्टिकल में कपैसिटर के बारेमे जानेंगे।

Capacitor के अंदर दो धातु की प्लेट होती हे। जो टर्मिनल के साथ कनेक्ट होती हे। दो नो प्लेट को इंसुलेटिंग मटेरियल से अलग किया जाता हे। इसे डाएलेक्ट्रिक स्ट्रेंथ भी कहते हे। ज्यादा तर कपैसिटर में अल्लुमिनियम फोइल एवम कागज के टुकड़े का इस्तेमाल किया जाता हे।

ये इलेक्ट्रिकल एनर्जी को चार्ज के रूप में संग्रह करता है। ये बहुत ही कम समय में चार्ज होता है। और बहुत ही कम समय में डिस्चाज भी हो जाता है।  

कपैसिटर के Application और Size को ध्यान में रखके Insulating मटेरियल के तोर पे Mica, Ceramic, Cellulose, Porcelain Mylar और Teflon का भी इस्तेमाल होता हे।

Application की बात करे तो इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक दोनों सर्किट में इस्तेमाल होता हे।

कपैसिटर मोबाइल फोन से लेके हाई टेंशन लाइन में भी उपयोग किया जाता हे। 

आजकल बाजार में कपेसिटर बनाने वाली बहुत सारी कंपनी हे। पर कपैसिटर की गुणवत्ता उसके आयुष्य एवम De-rating के समय पे त्यय होती  हे।

 

कपैसिटर कैसे काम करता हे ?

 

कपैसिटर की दोनों प्लेट में वोल्टेज दिया जाता हे। तब इलेक्ट्रिक फील्ड याने मेग्नेटिक फ्लक्स जनरेट होता हे। उसकी एक प्लेट में पॉजिटिव चार्ज कलेक्ट होता हे। और दूसरी प्लेट में नेगेटिव चार्ज कलेक्ट होता हे।

Capacitor में एनर्जी कलेक्ट होती हे उसे चार्जिंग कहते हे। और एनर्जी रिलीज़ की जाती हे उसे डिस्चार्जिंग कहते हे।

 

इंडस्ट्रीज में कपैसिटर का मुख्य उपयोग पावर फैक्टर करेक्शन के लिए होता है। लोड के साथ  करंट ट्रांसफार्मर के माध्यम से कपैसिटर पैनल को कनेक्ट किया जाता है। कपैसिटर पैनल में APFC (ऑटो माटिक पावर फैक्टर कंट्रोलर) की रिले होती है। जो कपैसिटर को कार्यरत होने का कमांड देती है।

 

 Capacitor Types 

 

Capacitor in Hindi

 

 

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Dielectric Capacitor

इस प्रकार के कपैसिटर ट्रांसमीटर,रिसीवर एवम ट्रांजिस्टर रेडिओ में इस्तेमाल होता हे। आमतौर पे ये कपैसिटर वेरिएबल होते हे। क्युकी उपयोग मे होने वाले Capacitance को चेंज करने के लिए ये जरुरी हे।

Variable Dialectical कपैसिटर ज्यादा प्लेट वाले होते हे। जिसमे हवा जाने की जगह होती हे। इसमें फिक्स और मूवेबल दो नो तरह के प्लेट होते हे।

फिक्स प्लेट के साथ मूविंग प्लेट की जो स्थिति हे वो हमें capacitance की वैल्यू नक्की करती हे। जब दो नो प्लेट एक साथ होते  हे,तब capacitance का मूल्य सबसे ज्यादा होता हे।

 

Ceramic Capacitor

सिरेमिक कपैसिटर में इंसुलेटिंग मटेरियल इस्तेमाल होता हे वो सिरेमिक का होता हे। इसमें दो मुख्य प्रकार के कपैसिटर मिलते हे। एक मुलती लेयर सिरामिक कपैसिटर और सिरामिक डिस्क कपैसिटर।

Capacitor in Hindi
Capacitor in Hindi

 

सिरामिक कपैसिटर में गुणवत्ता हिसाब से दो प्रकार के कपैसिटर मिलते हे।

एक क्लास -1 और दूसरा क्लास -2

  • क्लास -1 कपैसिटर जहा ज्यादा स्थिरता और कम लोसिस की आवश्यकता हो ऐसी जगह पे इस्तेमाल होता हे। बहुत ही एक्यूरेट होता हे। और कपसिटंस का मूल्य भी स्थिर रहता हे।
  • क्लास -2 कपैसिटर कम सेंसिटिविटी के लिए इस्तेमाल होता हे। इसकी थर्मल स्टेबिलिटी और ऑपरेटिंग टेम्प्रेचर क्लास -1 से कम होता हे।

 

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Electrolytic Capacitor

इस प्रकार के कपैसिटर में Electrolyte का इस्तेमाल होता हे। इससे दूसरे प्रकार के कपैसिटर की तुलना में ज्यादा Capacitance प्राप्त करने के लिए उपयोग करते  मिलता हे। इलेक्ट्रोलाइट में तरल या तो जेल पदार्थ  होता हे। जिसमे आयोन्स का कंसंट्रेशन ज्यादा होता हे।

Electrolyte Capacitor कपैसिटर में नेगेटिव टर्मिनल की तुलना में पॉजिटिव टर्मिनल पे वोल्टेज का वैल्यू ज्यादा होता हे।

इस प्रकार के कपैसिटर में दो लेयर एल्युमीनियम फोइल और एक स्पेसर के साथ इलेक्ट्रिलाइट में डुबोया जाता हे। दो में से एक को ऑक्साइड से कवर किया जाता हे।

जिसे ऑक्साइड से कवर किया जाता हे उसे एनोड होता हे। जबकि जिसको कोटेड नहीं किया जाता वो कैथोड रुप में कार्य करता हे। सामान्य परिस्थिति में एनोड में केथोड की तुलना में पॉजिटिव वोल्टेज मिलना चाहिए।

इस प्रकार के कपैसिटर का उपयोग कंप्यूटर के मदर बोर्ड,पावर सप्लाई,डोमेस्टिक इक्विपमेंट्स में होता हे। जब से ये पोलरीज़ेड हुआ हे तब से ये D.C सर्किट में किया जाता हे।

 

Silver Mica Capacitor

इस प्रकार के कपैसिटर में माइका का उपयोग Dielectric के तोर पे किया जाता हे। माइका में कम प्रतिरोध के कारण इंडक्टिव लोसिस कम होते हे। इसमें ज्यादा फ़्रिक्वेन्सी पे भी काम करने की क्षमता हे।

सिल्वर माइका कपैसिटर माइका शीट को Sandwiching करके दो नो तरफ धातु से कोटिंग करके बनाया जाता हे।

माइका कपैसिटर बहुत ही स्टेबल और परफेक्ट हे। इस प्रकार के कपैसिटर की मिनिमम टॉलरेन्स वैल्यू +-1% हे। जो दूसरे सभी प्रकार के कपैसिटर से बहुत बेहतर हे। जैसे की ये मूल्य सिरामिक कपैसिटर में 20% होता हे।

इस प्रकार के कपैसिटर आमतौर पे डिजाइन छोटे होते हे।

 

Silver Mica Application

इस प्रकार के Capacitor (कपैसिटर) का उपयोग जहा लो कपसिटंस के साथ ज्यादा स्टेबिलिटी चाहिए वहा होता हे। इसका मुख्य उपयोग पावर RF सर्किट में किया जाता हे। जिसमे सबसे ज्यादा स्थिरता को महत्व दिया जाता हे।

जहा ज्यादा फ़्रिक्वेन्सी चेंज की जाती हे वहा भी ये कपैसिटर का इस्तेमाल होता हे। जैसकि Filters और Oscillators. पल्स एप्लीकेशन में स्नब के तोर पे भी इस्तेमाल होता हे।

इस प्रकार के कपैसिटर की साइज और कोस्ट कारण काफी लोकप्रिय हो चूका हे। जिसका कारण हे की दूसरे कपैसिटर की जगह इसे लगाया जाता हे।

 

Paper Capacitor In Hindi

पेपर कपैसिटर का निर्माण एक दम सरल हे। इस प्रकार के कपैसिटर में Dielectric मीडिया के तोर पे पेपर का इस्तेमाल होता हे। जो इलेक्ट्रिक एनर्जी संग्रह करने के लिए सक्षम माना जाता हे। इसीलिए इसे पेपर कपैसिटर के नाम से जाना जाता हे।

ये कपैसिटर में चार्ज होने वाली वैल्यू फिक्स रहती हे। इसीलिए इसे फिक्स टाइप कपैसिटर भी कहते हे। इसकी dielectric strength को वातावरण के प्रभाव से दूर रखने के लिए इसे मोम या तेल में भिगोया जाता हे।
पेपर कपैसिटर एक निश्चित मात्रा में Capacitance प्रदान करता हे।

 

Paper Capacitor Applications

Paper Capacitor का मुख्य फायदा यह हे की इसकी वैल्यू फिक्स रहती हे। ये Capacitance की फिक्स वैल्यू जहा उत्पादन होता हे वही से फिक्स होती हे। इसीलिए जहा फिक्स वैल्यू की जरुरत हे वहा ये कपैसिटर ही बेहतर हे।

इस प्रकार के कपैसिटर इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में इस्तेमाल होते हे।

पेपर कपैसिटर फ़िल्टर एप्लीकेशन में भी इस्तेमाल किया जाता हे।

जहा करंट और वोल्टेज की वैल्यू ज्यादा होती हे वहा भी उपयोग किया जाता हे।

 

इंटरव्यू में जाने से पहले इसे एक बार जरुर पढ़े – Tips

बैटरी के प्रकार उपयोग एवं मेंटेनेंस

 

कपैसिटर Colour Band के साथ  Voltage Rating

Colour Band Type J Type K Type M Type L Type N
Black 4 100 100 10 10
Brown 6 200 250 1.6  
Red 10 300   4 35
Orange 15 400 400 40  
Yellow 20 500   6.3 6
Green 25 600 630 16 15
Blue 35 700     20
Violet 50 800      
Grew   900   25 25
White 3 1000   2.5 3
Gold   2000      
Silver          

 

Capacitance in Hindi

 

कपसिटंस किसे कहते है ?

Capacitor में दिया जाने वाला विद्युत दबाव (वोल्टेज)और कपैसिटर का इलेक्ट्रिक चार्ज के रेशियो को कपसिटंस कहते हे।

लगभग सभी चीजों में थोड़ी बहुत एनर्जी का संग्रह होता हे।

उदहारण के तोर पे,जब हम अपने पैर को कारपेट से रगड़ते हे तब चार्ज इलेक्ट्रान कारपेट से हमारी तरफ ट्रांसफर होते हे। जब पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज अलग होता हे तब संग्रहित इलेक्ट्रिकल एनर्जी बढ़ती हे।

इलेक्ट्रिकल चार्ज जब तक हम धातु को या किसी व्यक्ति को नहीं पकड़ते तब तक रहता हे। अर्थ होते ही डिस्चाज हो जाता हे। एनर्जी की चार्ज और डिस्चार्ज की प्रक्रिया के रेशियो को कपसिटंस कहते हे।

Capacitor (कपैसिटर) का यूनिट फैरड हे। कपैसिटर कितनी कैपेसिटी का हे ये इसी पैरामीटर से पता चलता हे।

 

Capacitor and Capacitance – के मुख्य अंश 
  • कपैसिटर इलेक्ट्रिक एनर्जी चार्ज का संग्रह करता हे। जिसे capacitance कहते हे।
  • सीरीज और पैरलल दोनों तरीके से कपैसिटर कनेक्ट किया जाता हे।
  • कपैसिटर का यूनिट फैरड हे। इसे माइक्रो फैरड में मापा जाता हे।
  • कपैसिटर के प्रकार इसकी Dielectric मिडिया पे आधार रखता हे।
  • इलेक्ट्रिकल में इसका मुख्य उपयोग पावर फैक्टर सुधार में होता हे।
  • इलेक्ट्रिक मोटर में स्टार्टिंग टॉर्क में इस्तेमाल होता हे। इसके आलावा फिल्ट्रेशन सर्किट,कपलिंग सर्किट,डिले टाइमिंग सर्किट जैसी इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में भी इस्तेमाल होता हे।

 

Capacitor  FAQ

1- कपैसिटर क्या है ?

कपैसिटर इलेक्ट्रिकल एनर्जी को स्टोरेज करता है। ये एक पैसिव इलेक्ट्रिकल कॉम्पोनेन्ट है। कपैसिटर को कंडेंसर के नाम से भी जाना जाता है । कपैसिटर को बनाने के लिए इलेक्ट्रिकल कंडक्टर का इस्तेमाल होता है। इसके बिच में आवाहक पदार्थ लगाया जाता है।

2- फैन में कपैसिटर क्यों लगते है ?

सेलिंग फैन हो या टेबल फैन हमें एक छोटा कपैसिटर देखे ने को मिलता है। कपैसिटर का सम्बन्ध मोटर के टॉर्क और स्पीड के साथ है। सिंगल फेज मोटर को शरुआत में स्टार्टिंग टॉर्क की जरुरत पड़ती है। ये स्टार्टिंग टॉर्क कपैसिटर के द्वारा मिलता है।

कपैसिटर ख़राब होने से फैन की स्पीड कम हो जाती है। जैसे हम कपैसिटर बदलेंगे फैन फैन की स्पीड बढ़ जाती है। इसका मीनिंग है की कपैसिटर स्टार्टिंग और रनिंग दोनों समय में फैन की मोटर को टॉर्क प्रदान करता है । 

3- कपैसिटर का मात्रक (unit) कोनसा होता है ?

कपैसिटर के कपसिटंस को फैरड ( Farad) में मापा जाता है। इसका छोटा यूनिट माइक्रो फैरड है। Coulomb/volt के बराबर होता है।

 

Capacitor In  Hindi के आर्टिकल में  कपैसिटर से जुडी जानकारी को विस्तृत से समझाने की कोशिश की है। आशा करता हु ये आपके लिए मददगार होगी। यदि इससे सम्बंधित कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते हो।

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