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Air Circuit Breaker in Hindi – सर्किट ब्रेकर ACB

Air Circuit Breaker in Hindi के इस आर्टिकल में ACB Working Principle, ACB Maintenance, Air circuit Breaker internal and outer structure, Air Circuit breaker के component और function जैसे टॉपिक को विस्तृत करने की कोशिश की हे। आशा हे ये आपके लिए मददगार होगा।


 Air Circuit Breaker in Hindi

Circuit Breaker – इलेक्ट्रिक स्विच गियर के उपकरणों में अति महत्व पूर्ण उपकरण हे। ब्रेकर का मुख्य काम इलेक्ट्रिकल लोड को लेना और आगे सप्लाई करना हे। और असामान्य स्थिति में पावर सप्लाई को लोड से अलग कर देना हे।

इसके आलावा हम हमारी जरूरियात के मुताबिक भी पावर सप्लाई को ON’ OFF’ कर सकते हे।

ACB LV (law voltage) साइड में उपयोग होता हे। इसकी वोल्टेज कैपेसिटी 450 volt तक होती हे। और एम्पेयर कैपेसिटी 800 Ampere से लेके 10000 Ampere तक होती हे।

इस ब्रेकर का ज्यादातर इस्तेमाल इंडस्ट्रीज में PCC Panel में लोड को डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए किया जाता हे।

Breaker को Air Circuit Breaker क्यों कहा जाता हे ?

 

सर्किट ब्रेकर अलग-अलग टाइप के होते हे। जैसे की आयल सर्किट ब्रेकर, वैक्यूम सर्किट ब्रेकर, एयर ब्लास्ट सर्किट ब्रेकर, SF6 सर्किट ब्रेकर और आयल सर्किट ब्रेकर।

ये ब्रेकर का नाम मेक एंड ब्रेक के समय में होने वाले इलेक्ट्रिक आर्क को बुजाने का जो माध्यम हे उसके आधार पे रखा जाता हे।

जैसे आयल सर्किट ब्रेकर में होने वाले इलेक्ट्रिक आर्क को आयल से बुझाया जाता हे, इसीलिए उसे आयल सर्किट ब्रेकर कहते हे।

एयर सर्किट ब्रेकर में होने वाले इलेक्ट्रिक आर्क को बुजाने का माध्यम एयर हे, इसीलिए इसे एयर सर्किट ब्रेकर कहते हे।

 

Air Circuit Breaker Working

 

Breaker का काम जो सर्किट को मेक एंड ब्रेक करना हे। एयर सर्किट ब्रेकर में फिक्स और मूविंग कांटेक्ट रहते हे। कांटेक्ट Cadmium-silver alloy से बनाया जाता हे। 

इस धातु का गुणधर्म इलेक्ट्रिकल आर्क के सामने अच्छा प्रतिरोध पैदा करता हे। जब ब्रेकर का ऑपरेशन होता हे, याने मेक एंड ब्रेक होता हे, तब वहा हैवी स्पार्क(इलेक्ट्रिकल आर्क)जनरेट होता हे।

जब सर्किट ब्रेकर ओपन होता हे, तो पहले main कांटेक्ट ओपन होता हे। उसी वक्त आर्किंग कांटेक्ट(Auxiliary Contact)लगे हुए होते हे।

जब main कांटेक्ट ओपन होने के बाद जब आर्किंग कॉन्टेक्ट ओपन होता हे उसी वक्त स्पार्क हे। जिसके असर Main कांटेक्ट पे नहीं होगी। 

वैसे ही जब ब्रेकर क्लोज किया जाता हे, तब पहले आर्किंग कांटेक्ट (Auxiliary कांटेक्ट) कनेक्ट होते हे। उसके बाद main कांटेक्ट कनेक्ट होते हे। जब आर्किंग कांटेक्ट कनेक्ट होगा तभी इलेक्ट्रिक आर्क जनरेट होगा जिसकी असर main कांटेक्ट पे नहीं होगी।

ब्रेकर में आर्क च्युत भी लगाया जाता हे। आर्कच्युत स्पार्क की length बढ़ाता हे। और रेजिस्टेंस उत्पन्न करता हे। रेजिस्टेंस स्पार्क की strength को कम करता हे।

Air Circuit Breaker में ओवर लोड, शार्ट सर्किट और अर्थ फॉल्ट, ओवर अंडर वोल्टेज जैसे प्रोटेक्शन होते हे। जो किसी भी फाल्ट के समय सर्किट को सप्लाई से अलग कर देते हे।

Air Circuit ब्रेकर 3 पोल और 4 पोल होते हे। 3 पोल सर्किट ब्रेकर में तीन फेज के तीन पोल होते हे, जबकि 4 पोल में 3 फेज और एक न्युट्रल मिलाके 4 पोल होता हे।

 

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What is MDO and EDO Breaker 
MDO  Breaker 

MDO(Manually Operated Draw out) इस टाइप के ब्रेकर में स्प्रिंग चाजिंग मैन्युअली करना पड़ता हे। उसका ऑपरेशन भी मैन्युअली होता हे। ये कीमत में EDO से सस्ता मिलता हे।  

EOD  Breaker 

EDO(Electrically Operated Draw out) इस टाइप के ब्रेकर का ओप्रशन इलेक्ट्रिकली और मैन्युअली दोनों टाइप से कर सकते हे।

इसमें स्प्रिंग चार्जिंग के लिए इलेक्ट्रिक मोटर रहती हे। उसीसे स्प्रिंग चार्ज हो जाती हे। इसका ऑपरेशन रिमोट याने कही और जगह से भी कर सकते हे। और D.G, AMF सिस्टम के तहत इसे ऑटो में भी क्लोज कर सकते हे।

 Air Circuit Breaker का उपयोग लॉ वोल्टेज में किया जाता है। जहा वोल्टेज लेवल 1kv से कम होता है।

 

Electric Circuit in Air Circuit Breaker 

 

1 – Closing Circuit

2 – Tripping Circuit

3 – Spring Charging Circuit

4 – UV Release

5 – Indicating Circuit

 

Closing Circuit –

Closing Circuit से ब्रेकर को क्लोज होने का कमांड मिलता हे। एंटी पम्पिंग कंटक्टर से क्लोजिंग कोइल को कमांड मिलता हे, तब ब्रेकर क्लोज होता हे।

क्लोजिंग कोइल को कमांड मिलने से पहले इलेक्ट्रिकल और मिकैनिकल इंटरलॉक क्लियर होना चाहिये। ट्रिप सर्किट हेल्धी होनी चाहिये तब ब्रेकर को कमांड मिलेगा और क्लोज होगा।

 

Tripping Circuit –

Tripping Circuit से ब्रेकर ट्रिप होता हे। Air Circuit Breaker में ट्रिपिंग कोइल रहता हे। जिसे शंट रिलीज कहते हे। ब्रेकर में ओवर लोड, शार्ट सर्किट अर्थ फॉल्ट ओवर वोल्टेज अंडर वोल्टेज जैसे प्रोटेक्शन रहते हे।

इसमें से किसी में भी असामान्यता पाई जाती हे, तो ट्रिपिंग कोइल को सप्लाई मिलता हे। जो ब्रेकर को पावर सप्लाई से अलग कर देता हे।

 

Under voltage Release –

क्लोजिंग और शंट कोइल के बाजुमें UV रिलीज़ होती हे। जो वोल्टेज को सेन्स करती हे। जिसे UV Release कहते हे। जब तक ये कोइल Energize नहीं होगा तब तक ब्रेकर क्लोज नहीं होगा।

 

Spring Charging Circuit –

स्प्रिंग चार्जिंग की सर्किट EDO टाइप के ब्रेकर में रहती हे। इसमें सिंगल फेज मोटर होती हे। जो ब्रेकर के ओप्रशन के बाद अपने आप चार्ज हो जाती हे। इसे मैन्युअली भी चार्ज कर सकते हे।

 

Indicating Circuit –

ब्रेकर कोन सी स्थिति में हे, ये हमें इंडिकेशन से आसानी से पता चल जाता हे। जैसे की ब्रेकर ‘ON “हे तो आमतौर पर रेड इंडिकेशन होता हे। ‘OFF’ हे तो ग्रीन इंडिकेशन दिखायेगा, यदि ट्रिप हे तो यलो इंडिकेशन दिखायेगा। ट्रिप सर्किट हेल्दी इंडिकेशन लिया हे तो आमतौर पे ये वाइट होता हे।

SF6 Circuit Breaker

 Air Circuit Breaker parts- Outer Structure

 

Air Circuit Breaker in Hindi
Air Circuit Breaker Component- Air Circuit Breaker in Hindi

1- Front Cover -फ्रंट ब्रेकर में सामने से लगते हे। और जो सामने दीखता हे वो फ्रंट कवर कहते हे। ज्यादातर ब्रेकर बनाने वाली कंपनी फ्रंट कवर देखने में अच्छा लगे ऐसा ही बनाते हे क्युकी, ये ब्रेकर का सामने का हिस्सा हे।

2- Arc extinguish chamber – जहा इलेक्ट्रिक आर्क का प्रतिरोध बढ़ाया जाता हे और उसे बुझाया जाता हे।

3- Control circuit terminal – जहा ब्रेकर का ट्रिपिंग ,क्लोजिंग इंडिकेटिंग और इंटरलॉक सर्किट के कण्ट्रोल वायर कनेक्ट होते हे उसे कण्ट्रोल टर्मिनल कहते हे।

4- Electric Trip Relay – इसे ब्रेकर का हार्ट कह सकते हे। जहसे हमें प्रोटेक्शन मिलता हे। इस रिले में ओवर करंट, शार्ट सर्किट, अर्थ फाल्ट और इंस्टेण्टेनियस का सेटिंग किया जाता हे। ये आमतौर पे परसेंटेज में होता हे। हम जिस वैल्यू पे सेटिंग करेंगे इस हिसाब से ब्रेकर ट्रिप होगा।

5- Count – गिनती,कितनी बार ब्रेकर का ओप्रशन होता हे,कितने बार ब्रेकर क्लोज होता हे ये हमें count से पता चलता हे। वैसे Air Circuit Breaker की ऑपरेशन कैपेसिटी 4 से 5 हजार की होती हे।

6- Closing button – जिसको दबाने से ब्रेकर को क्लोजिंग का कमांड मिलता हे।

7- Charging handle – ब्रेकर की स्प्रिंग मैन्युअली चार्ज करने के लिये इसका उपयोग होता हे।

8- Name plate

नेम प्लेट पे ब्रेकर की पूरी जानकारी होती हे जैसे की एम्पेयर कैपेसिटी, ka रेटिंग, वोल्टेज,पोल,टाइप विगेरे जानकारी हमें नाम प्लेट से ही मिलती हे।

9- Caution mark ये एक सावधानी बरतने का इंडिकेशन हे।

10- Position indicator – ब्रेकर में टेस्ट और सर्विस दो पोजीशन होती हे। ब्रेकर टेस्ट में हे या सर्विस में ये हमें इस इंडिकेशन से पता चलता हे।

11- Pushing/Drawing lever hole – इसका काम महत्वपूर्ण हे। ब्रेकर को बहार (draw out)निकाल ने लिए ये एक पुश बटन हे जिसको प्रेस करने के बाद ही draw out हेंडले अंदर जायेगा। एक तरह से ये एक मैकेनिकल इंटरलॉक हे।

12- Charging indicator – ये इंडिकेटर ब्रेकर की स्प्रिंग चार्ज का मौजूदा स्थिति में ब्रेकर की स्प्रिंग चार्ज हे की नहीं ये हमें इस इंडिकेशन से पता चलता हे।

13- Extension rail – ब्रेकर में टेस्ट से सर्विस और सर्विस से टेस्ट पोजीशन में लेते हे तब एक्सटेंशन रेल पे ही उसकी मूवमेंट होती हे। इसको रैक इन, रैक आउट भी कहते हे।

14- Trip button – जहा से ब्रेकर को ट्रिप किया जाता हे ऑफ किया जाता हे।

15- ON/OFF indicator – ब्रेकर की मौजूदा स्थिति क्लोज हे या ओपन हे ये दर्शाने के लिए इसका उपयोग होता हे।

16- Draw-out profile –  जिसमे से ब्रेकर रैक इन और रैक आउट होता हे उसे ड्रा आउट प्रोफाइल कहते हे।

17- Main body Profile – जिस कवर में मैंने बॉडी रहती हे उसे मैं बॉडी प्रोफाइल कहते हे।

18- Handle – हेंडल का उपयोग ब्रेकर को रैक इन रैक आउट करने के लिए किया जाता हे।

 

Star Delta Starter

What is Resistance

Transformer Details

 

 Part – internal Structure Of ACB

 

1- Front cover

2- Electronic trip relay

3- Auxiliary switch

4- Arc extinguish chamber

5- Closing coil

6- ON/OFF indicator

7- Closing mechanism

 8- Trip mechanism

 9- Trip coil

10- Charging handle

11- Charging indicator

12- Draw-out mechanism

13- Position indicator

14- Gear block

15- Draw-out cam

16- Extension rail

17- Closing spring

18- Movable shunt

20- CB conn. conductor

21- Load side conductor

22- Draw-out conductor

23 – Breaking spring

24- Power supply side conductor

25- Fixed contact

26- Traveling contact

 27- Draw-out main body

Air Circuit Breaker in Hindi
ACB Internal Structure- Air Circuit Breaker in Hindi

 

Air Circuit Breaker Maintenance – acb service


1- किसीभी इक्विपमेंट्स का मेंटेनेंस के पहले रिलेटेड डिपार्टमेंट से परमिशन लेना अनिवार्य हे।

2- ब्रेकर का मैंटेनैंस शुरू करने से पहले पैनल पूरी तरह से isolate हे की नहीं ये कन्फर्म कर लेना हे।

3- ब्रेकर को सर्विस पोजीशन से रेक आउट करके काम कर सके इस तरह बहार लेना हे।

4- पुरे ब्रेकर को क्लीन करे, पुराना ग्रीस और डस्ट अच्छी तरह से साफ करे।
ब्रेकर के कांटेक्ट क्लीन करने में सैंड पेपर या एमरी पेपर का उपयोग न करे। क्युकी ये कांटेक्ट का मटेरियल रिमूव कर सकता हे।

5- पुराना ग्रीस को क्लीन करने के लिए स्मूथ कपड़ा और CRC 2-26 का उपयोग करते हे।

6- कांटेक्ट को छोडके सभी मूविंग पार्ट्स पे ग्रीस लगते हे जिसमे syntho-lube 10 of LEACH or LIT HON 2 ग्रीस का उपयोग किया जाता हे। ध्यान रहे ओवर ग्रीसिंग न हो जाये वार्ना ये भी नुकशान कारक हे।

7- मैकेनिकल पार्ट्स को चेक किया जाता हे यदि कोई डैमेज मिलता हे तो बदल दिया जाता हे।

8- करंट ट्रांसफार्मर (CT) की स्थिति चेक किया जाता हे उसका कनेक्शन टाइटनेस चेक किया जाता हे।

9- ब्रेकर पैनल में कण्ट्रोल टर्मिनल टाइटनेस और फ्यूज की स्थिकी की जांच की जाती हे।

10- ब्रेकर में उपयोग की गयी स्प्रिंग और आर्क च्युत की ष्टिकी जाँच करे। जरुरत लगे तो उसे रिप्लेस्ड करे।

11- मेंटेनेंस के बाद 500 Volt के मेगर से इंसुलेशन रेजिस्टेंस (IR) वैल्यू चेक की जाती हे। ब्रेकर के ओपन स्थिति में लाइन और लोड के बिच, क्लोज स्थिति में फेज तो अर्थ और फेज टु फेज चेक किया जाता हे। जिसकी वैल्यू 1 (मेगा ओम) से ज्यादा होनी चाहिये।

12- Air circuit Breaker में रिले का सेटिंग हमारी जरुरत के मुताबिक हे की नहीं वो चेक किया जाता हे।

 

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Circuit Breaker Selection Chart

कोनसा सर्किट ब्रेकर कितनी कैपेसिटी तक इस्तेमाल कर सकते है। इसका पूरा डिटेल निचे के टेबल में दिया गया है।

Type of Circuit Breaker Breaker Voltage Level Breaking Capacity
MCB 230v to 600 VOLT Use in Small rating
ACB 400v to 11 kv 5 to 750 mva
MOCB 3.3 kv to 220 kv 150 to 2000 mva
VCB 3.3 kv to 33 kv 200 to 2000 mva
SF6 2.2kv to 800kv 1000 to 50,000mva
ABCB 66 to 1100kv 25,00 to 60,000 mva

 

Air Circuit Breaker सेटिंग कितना रहता है ?  

1- ब्रेकर में ओवर करंट का सेटिंग आमतौर पे 90% पे होता है। यदि ब्रेकर 1000 एम्पेयर का है तो, ओवर करंट का सेटिंग 900 एम्पेयर पे रखते है।

2- शार्ट सर्किट का सेटिंग ब्रेकर कैपेसिटी का चार गुना रहता है। ब्रेकर 1000 एम्पेयर का है तो 4000 एम्पेयर रहता है।

3- Earth फाल्ट का सेटिंग 0.4 % होता है । 1000 ampere की कैपेसिटी का ब्रेकर में 400 amp  ग्राउंड फाल्ट का सेटिंग होता है।

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