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Aasmani Bijali Kya Hai – आकाश से बिजली क्यों गिरती है ?

इस पोस्ट में हम आसमानी बिजली के बारेमे विस्तार से जानेंगे जिसमे, आसमानी बिजली क्या है ? ( Aasmani Bijali Kya Hai )  बिजली क्यों गिरती है ?   आसमानी बिजली क्यों कड़कती है ? क्यों आवाज करती है ? और इससे बचने के क्या उपाय है ? ये सभी पहलु को हम समझेंगे।


आसमान में बिजली का निर्माण कैसे होता है ? Aasmani Bijali Kya है ?

 

हम जानते है की बादल भाप से बनते है। भाप याने स्टीम जो पानी से बनती है। गर्मी के दिनों में समुद्र का पानी भाप के रूप में ऊपर बदलो में जाता है। पानी से बनने वाली स्टीम से नमी रहती है। यही नमी बदलो में छोटे – छोटे बरफ के कणो के रूप में होते है।

आसमान में हवा और बरफ के इस टुकड़ो के बिच में टकराव होता है। एक तरह से घर्षण होता है। इस घर्षण के कारण पानी याने बरफ के टुकड़े स्टैटिक चार्ज के तहत इलेक्ट्रिकली चार्ज हो जाते है।

बदलो के कुछ समूह पॉजिटिव और कुछ नेगेटिव चार्ज हो जाते है। बदल हमेशा गतिशील रहते है। जब पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज जब एक दूसरे के नजदीक आते है, तब एक दूसरे से टकरा जाते है। इस तरह बदलो के टकराव से बहुत ही ज्यादा इलेक्ट्रिसिटी का निर्माण होता है।

आकाश में होने वाली इस बिजली की चमक हम दूर दूर तक देख सकते है। करीब 3 किलोमीटर दूर तक हम इस चमक को देख सकते है।

हम जानते है की, प्रकाश की गति आवाज की गति से ज्यादा है। इसीलिए हमें पहले बिजली का चमकारा दीखता है। और बादमे बदलो के टकराने का आवाज सुनाई देता है।

एक सर्वे के अनुसार दुनिया भर में हर सेकंड में 40 बार बिजली गिरती है। ये सभी बार बिजली जमीन पर नहीं गिरती। ज्यादातर बदलो में ही समाप्त हो जाती है।

आकाश में नेगेटिव और पॉजिटिव चार्ज बादल एक दूसरे को अपनी तरफ खींचते है। बादल टकराने से बिजली का निर्माण हो जाता है। पर ये जमीन पर कैसे गिरती है ?

 

आसमान से बिजली  बिजली क्यों गिरती है ?  Lightning Strikes

आसमान में बदलो से स्टैटिक चार्ज जनरते होता है। स्टैटिक चार्ज इलेक्ट्रिसिटी का एक प्रकार है। हमारे रोजिंदा उपयोग में होने वाली कंगी से भी स्टैटिक चार्ज जनरेट  होता है। रिएक्टर वेसल जाया कोई मटेरियल लगातार कोई सरफेस से टकराता है, वहां स्टैटिक चार्ज  जनरेट होता है । ये चार्ज को अर्थिंग के द्वारा डिस्चार्ज किया जाता है।  

बदलो में बिजली का उत्पन्न होना स्टैटिक चार्ज की ही प्रक्रिया है। ये स्टैटिक चार्ज के पॉजिटिव अणु जमीन के नेगेटिव की तरफ आकर्षण करते है। और बिजली निचे की तरफ याने जमीन पर गिरती है।

 

आसमान से बिजली जमीन पर कैसे गिरती है ?  ?

आसमान में बदलो के साथ बर्फ के टुकड़ो का घर्षण होता है। इसीलिए वह स्टैटिक चार्ज याने बिजली उत्पन्न होती है। यह बिजली जमीं पे कैसे गिरती है ?  बिजली पॉजिटिव और नेगेटिव से बनी होती है। अणुओ का वहन ही इलेक्ट्रिसिटी का वहन कहलाता है।

Aasmani Bijali Kya HaiAasmani Bijali Kya Hai

बादलो में उत्पन्न बिजली में पॉजिटिव चार्ज ऊपर की तरफ होता है। और नेगेटिव चार्ज निचे की तरह होता है। दूसरी तरफ जमीन पे पॉजिटिव चार्ज होता है। जमीन पे हवा से लहराती हुए घास या ऐसी कही चीजों से स्टैटिक चार्ज उत्पन्न होता है। यहाँ पॉजिटिव चार्ज रहता है।

नियमो के अनुसार पॉजिटिव और नेगेटिव में आकर्षण होता है। बादलो के पॉजिटिव चार्ज जमीन के नेगेटिव चार्ज की तरफ बढ़ता है। और जमीन पे  सबसे सुवाहक जगह मिलती है, वहा बिजली गिर जाती है। दूसरे शब्दों में कहे तो जहा अवरोध कम होता है, वहा जमीन पे बिजली गिरती है।

 

आकाशी बिजली से बचने के लिए क्या करे ?

आकाशी से गिरने वाली बिजली बहुत खतरनाक होती है। बहुत ज्यादा वोल्टेज, करंट और तापमान होता है। जिसपे भी गिरती है, लगभग अपने जीवन से हाथ धो बैठता है। पर हमारी सावधानी हमें कही अकस्मात से बचा सकती है। 

1 – बारिश वाले मौषम में मोबाइल फ़ोन को स्विच ऑफ रखे। यदि हम बहार है और बारिश हो रही है ऐसे में मोबाइल का उपयोग न करे। ये खतरनाख साबित हो सकता है।

2 – बारिश के मौसम में कभी पेड़ के निचे नहीं खड़ा रहना है। यहाँ बिजली गिरने का चांस ज्यादा रहता है।

3 – यदि हम खुले मैदान में है और बिजली गिरने की संभावना लगती है, तो भागना नहीं है। सिर्फ अपने कान पे हाथ रखकर जुटे के दम पर बेथ जाना है।

4 – यदि हमारे साथ कोई है। तो साथ में न रहे एक दूसरे के बिच लगभग 25 मीटर अंतर बनाये रखे।

5 – यदि बिजली गिरने की संभावना में हम किसी वहां के अंदर है, उसमे ही बैठे रहना अच्छा है।

6 – बारिश के मौसम में जब बिजली खनकती है, तब कोई भी इलेक्ट्रिक सुवाहक धातु का उपयोग न करे।

7 – बिजली के खम्भे और टेलीफोन लाइन के खम्भे से दूर रहे।

8 – बदलो की गर्जना के समय हो सके तो सुकी जगह पे चले जाये। गीली और पानी वाली जगह पे न खड़े रहे।

9 – बिजली गिरने से हाई वोल्टेज होता है। ये हाई वोल्टेज हमारे घरके सभी उपकरणों को भी जला सकता है। इसीलिए जब भी बहुत ज्यादा बदल गरजते हो तब उपकरणों के स्विच बंध रखे ।

10 – खिड़कियों और दरवाजो से भी हमें दुरी बनाके रखना चाहिए।

11- चमकती बिजली के समय छाता का उपयोग न करे, क्युकी छाता का रोड आयरन का होता है। और ये हमारे हाथ में होता है। यहाँ बिजली गिरने की संभावना बढ़ जाती है। 

 

आसमान से गिरने वाली बिजली के कुछ पैरामीटर 

1- आसमान से गिरने वाली बिजली में 10 करोड़ वाल्ट होते है। करीब 100 मेगा वाल्ट।

2- आसमान से गिरने वाली बिजली में 10 हज़ार एम्पेयर Current होते है।

3- आसमान से गिरने वाली बिजली में 27000’C तापमान होता है।

4- आसमान से गिरने वाली बिजली की समय मर्यादा सिर्फ 0.0005 सेकंड होती है।

 

बिजली क्यों चमकती है ? Lightning strikes

आसमान से बादल लो का टकराव बहुत आवाज उत्पन्न करता है। जब दो पथ्थर को हम एक दूसरे के साथ टकराते है, तो इसमें से स्पार्क उत्पन्न होता है। ठीक यही चीज आसमान में होती है।

इलेक्ट्रिकल चार्ज बादल एक दूसरे के साथ टकराते है, तो भयंकर आवाज और चमक उत्पन्न होती है।  प्रकाश की स्पीड आवाज की स्पीड से ज्यादा होती है, इसीलिए अक्षर बिजली की चमक पहले दिखती है और आवाज बादमे आता है। बिजली के चमकने का कारण बादलो का टकराव है।

 

बिजली क्यों कड़कती है ? आवाज क्यों होती है ?

बिजली कड़कने का आवाज क्यों होता है ? हमने अक्षर देखा है, जब बिजली गिरती है तो भयानक आवाज होती है। किसीको भी डर लगता है। बिजली उत्पन्न होने के बाद जब जमीन की तरफ गिरती है, तो उसमे बहुत ज्यादा तापमान होता है। यह तापमान करीब 27000’C तक रहता है।

बादल और जमीन के बीचमे नमी रहती है। जब बिजली 27 हजार सेंटीग्रेड के तापमान के साथ जमीन की तरफ गिरती है, तो इस नमी के संपर्क में आती है। जब कोई बहुत ज्यादा गरम चीज ठंडी चीज के संपर्क में आती है तो अक्षर आवाज करती है। 

उदहारण के तोर पे 

  • जब कोई लुहार गरम की गयी लोखंड की चीज को ठंडा करने पानी में डुबोता है, तो आवाज होता है। 
  • रसोई करते वक्त गरम आयल में कुछ मिलाया जाता है तो आवाज उत्पन्न होता है।

बिजली गिरने का आवाज भयानक से कोई भी गभरा जाता है। ऐसे में समझदारी से सुरक्षित कदम लेना बेहतर है।

 

आसमान से गिरने वाली बिजली से सुरक्षित रहने का उपाय बेंजामिन फ्रेंकलिन नाम के वैज्ञानिक ने बताया। बेंजामिन फ्रेंक्लिन ने लाइटनिंग एरेस्टर नामकी एक कॉपर का रोड बनाया। जिससे बिजली सीधे जमीन में चली जाती है। और कोई जान माल का नुकशान नहीं होता।

 

आसमान से गिरने वाली बिजली तीन प्रकार की होती है ?

 Lightning Strikes हजारो बार होता है। इसमें की सभी बिजली जमीन पर नहीं गिरती इसको हम बिजली के प्रकार से समझेंगे।

1- इंट्रा क्लाउड बिजली 

छोटे – छोटे बादलो के अंदर पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज के टकराव से बिजली उत्पन्न होती है। और ये वही पे समाप्त हो जाती है। इसे इंट्रा क्लाउड बिजली कहते है। इसकी कोई आवाज हम तक नहीं आती और बहुत कम नजर आती है।

2- क्लाउड TO क्लाउड बिजली 

इस प्रकार की बिजली क्लाउड तो क्लाउड के टकराने से उत्पन्न होती है। याने एक बादल से दूसरे बादल के टकराने से जो बिजली उत्पन्न होती है, उसे क्लाउड तो क्लाउड बिजली कहते है। इसका आवाज बहुत भयानक होता है। और चमकने वाली बिजली भी लम्बी होती है।

3- क्लाउड TO ग्राउंड 

आसमान से निकल कर जमीन से टकराने वाली बिजली को क्लाउड टू ग्राउंड कहते है। यही बिजली हमें प्रभावित करती है। हमारे जान माल को नुकशान करती है। इससे बचने के लिए हमें प्रयास करना पड़ता है। 

 

lightning arrestor क्या है ? कैसे काम करता है ? 

 लाइटिंग एरेस्टर की खोज बेंजामिन फ्रेंकलिन ने की थी। इसे तड़ी चालक भी कहते है। लाइटनिंग एरेस्टर आसमान से गिरने वाली  बिजली के प्रोटेक्शन के लिए होता है।आसमान से गिरने वाली बिजली में बहुत ज्यादा वोल्टेज और करंट की वैल्यू होती है। ये बिजली जहा भी गिरती है, वहा जान मॉल का नुकशान होता है। 

आसमान से गिरने वाली बिजली को कोई रास्ता चाहिए। यदि हम इसे अच्छा रास्ता दे तो उसी रस्ते से वो जमीन में चली जाती है। बिजली को जमीन में जाने के लिए कम से कम प्रतिरोध चाहिए। जिस जगह कम प्रतिरोध होगा उस जगह बिजली आसानीसे जमीन में चली जाएगी।

Lightning Arrester

Aasmani Bijali Kya Hai

लाइटिंग एरेस्टर को कॉपर की धातु से बनाया जाता है। कॉपर इलेक्ट्रिसिटी के लिए सुवाहक है। इसमें बहुत कम प्रतिरोध होता है। कॉपर के रोड को सबसे ऊँची जगह लगाया जाता है। त्रिकोण आकर का लाइटिंग एरेस्टर लगता है, जैसे बिजली को अपनी तरफ बुलाता है।

लाइटिंग एरेस्टर के लिए अर्थ पिट बनायीं जाती है। अर्थ पिट से कॉपर का वायर या कॉपर की पट्टी को सीधे लाइटिंग एरेस्टर के साथ जोड़ दिया जाता है। जब आसमान से बिजली गिरती है, तो उसे ग्राउंड होने का रास्ता मिल जाता है। 

सलमान से गिरती बिजली लाइटिंग एरेस्टर के रोड पे गिरती है। रोड से कॉपर पट्टी से होकर जमीन में चली जाती है। इससे न के बराबर नुकशान होता है। जान माल की रक्षा होती है। आसमान से गिरती बिजली से सुरक्षा के लिए ये सबसे अच्छा उपाय है।

बड़ी बड़ी बिल्डिंग, मोबाइल के टावर, सोलर सिस्टम, पावर स्टेशन, HT यार्ड जैसी जगहों पे लाइटिंग एरेस्टर लगाए जाते है।

 

हवाई जहाज पे बिजली गिरे तो क्या होता है ?

एरोप्लेन पे बिलजी गिरने से कोई नुकशान नहीं होता। हवाई जहाज हमेशा बादलो मे रहता है। उसपे बिजली गिरने की सम्भावन ज्यादा होती है। पर हवाई जहाज की रचना इस तरह से की जाती है की, यदि इस्पे बिजली गिरे तो भी उसपे कोई असर नहीं होता। किसी भी प्रकार का नुकशान नहीं होता।

हरसाल बिजली गिरने से कितने लोगो का मोत होता है ?

बिजली गिरना साल में हजारो बार होता है। एक सर्वे के अनुसार बिजली गिरने के प्रतिशत में भी बहुत वृद्धि हुई है।  बिजली गिरने से बहुत जान माल का नुकशान भी होता है। हमारे देश में लगभग हर एक साल में 2000 से 2500 लोगो की मौत बिजली गिरने से होती है।

 

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आसमान से गिरने वाली बिजली की सम्पूर्ण माहिती यहाँ Aasmani Bijali Kya Hai के इस आर्टिकल में दी गयी है। फिरभी इससे जुड़े कोई सवाल हो तो आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते है।

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