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NCERT Solutions for Class 2 Hindi Sarangi Chapter 26 बादल
बातचीत के लिए :
प्रश्न 1.
बारिश आने से पहले कैसा मौसम होता है?
उत्तर :
बारिश आने से पहले मौसम बहुत सुहावना होता है।
प्रश्न 2.
बारिश कैसे होती है?
उत्तर :
सूरज की गरमी से सागर, नदी, नालों आदि का पानी भाप बनकर उड़ जाता है। यह भाप ऊपर जाकर बादल बन जाती है। बादल इन बूँदों को बारिश के रूप में बरसाता है। इस प्रकार बारिश होती है।
प्रश्न 3.
आपको बारिश के मौसम की सबसे अच्छी बात क्या लगती है?
उत्तर :
बारिश के मौसम में सारे पेड़-पौधे नहाकर साफ़-सुथरे हो जाते हैं- मुझे बारिश के मौसम की यह बात सबसे अच्छी लगती है।
प्रश्न 4.
क्या बारिश से कभी कोई परेशानी भी होती है?
उत्तर :
हाँ, जगह-जगह पानी भरने से बहुत परेशानी होती है।
कविता के आधार पर उत्तर लिखिए-
प्रश्न :
- बादल कैसे बरसते हैं? __________________
- मोर कैसे नाचते हैं? _________________
- हवा कैसे चलती है? _________________
उत्तर :
- बादल कैसे बरसते हैं? कलकल छलछलकरतेहुए बादल बरसते “हैं।
- मोर कैसे नाचते हैं? मगन मन मोर झूम झूमकरनाचते हैं।
- हवा कैसे चलती है? हवा सर-सर करके चलती है।
चित्रकारी और लेखन :
जब आसमान में बादल हों, आसमान को ध्यान से देखिए। आपको कौन-कौन से आकार दिखाई देते हैं? इन बादलों के आकारों के चित्र अपनी कॉपी में बनाइए। आसमान और बादलों के बारे में कुछ वाक्य भी लिखिए।
उत्तर :
मुझे फूल, घोड़ा, भालू, हाथी और पेड़ जैसे आकार दिखाई देते हैं।
आसमान –
- आसमान नीले रंग का होता है।
- मुझे आसमान में उड़ते पंछी बहुत अच्छे लगते हैं।
- आसमान में रात को बहुत-से तारे होते हैं।
- कभी-कभी आसमान में काले बादल भी छा जाते हैं।
बादल –
- बादल बहुत-से रंगों के होते हैं जैसे सफ़ेद, भूरे, नीले और काले।
- बादल बहुत-से आकारों के होते हैं-छोटे-बड़े या मध्यम।
- बादल देखकर मोर झूमकर नाचता है।
- काले बादलों में पानी होता है।
(नोट: विद्यार्थी अपनी लिखी आकृतियों (आकारों) के चित्र अपनी कॉपी पर बनाएँ।)
शब्दों का खेल :
प्रश्न 1.
‘बादल’ शब्द सुनने पर आपको बिजली, मोर आदि की तरह अन्य कौन से शब्द याद आते हैं? इन शब्दों को लिखिए और आपके शब्द ‘बादल’ शब्द से कैसे जुड़ते हैं, सभी को बताइए-
उत्तर :
उत्तर :
- बिजली – बादल आते हैं तो बिजली भी चमकती है।
- मोर – बादल देखकर नाचता है।
- छाता – बादल जो वर्षा करते हैं उसे बचाता है।
- नदी – बारिश के कारण पानी बढ़ जाता है।
- बारिश – बादल बारिश लाते हैं।
- नाव – हम सब कागज़ की नाव तैराते हैं।
- रेनकोट – मैं रेनकोट पहनकर स्कूल जाता हूँ।
- अँधेरा – काले बादल अँधेरा कर देते हैं।
- इन्द्रधनुष – बादलों के कारण बारिश के बाद बहुत बार इन्द्रधनुष दिखाई देता है।
प्रश्न 2.
मिलान कीजिए और नए शब्द बनाइए-
उत्तर :
प्रश्न 3.
कविता में देखकर सही शब्द चुनकर लिखिए-
- हवा _______ लाती सर-सर।
- नन्हें जल-कण गए ______ बन।
- _______ मगन मन, _______ छननछन।
- बरसे _______ कलकल छलछल।
- तैर चली _______ की नैया कागज़ की नैया _______ उठाकर _______ गया।
उत्तर :
- हवा पकड़कर लाती सर-सर।
- नन्हें जल-कण गए भाप बन।
- मोर मगन मन, धूम ‘छननछन।
- बरसे बादल कलकल छलछल।
- तैर चली कागज़ की नैया कागज़ की नैया पूँछ उठाकर भागी गया।
प्रश्न 4.
इन शब्दों को पढ़िए। बच्चों और वस्तुओं के नामों को अलग-अलग लिखिए-
उत्तर :
प्रश्न 5.
नीचे दिए गए चित्रों का मिलान सही शब्द से कीजिए-
उत्तर :
लेखन :
चित्र देखिए और दिए गए शब्दों से रिक्त स्थानों को भरिए-
उत्तर :
पहेली :
1. काली भूरी नीली है,
लाल गुलाबी पीली है,
बरखा से यही बचाती है,
धूप नहीं आ पाती है।
रहती है सिर के ऊपर,
फैली रहती है तन कर,
सुंदर-सी है, जानो तुम,
अपने सिर पर तानो तुम।
2. ऊपर देखो उड़ा जा रहा,
मुड़ा जा रहा अब ये,
लेकिन वापस भी आएगा,
मगर न जानें कब ये।
आसमान में उड़ जाता है,
डैने कितने भारी,
क्या चिड़िया है,
अरे नहीं, यह काफ़ी बड़ी सवारी।
उत्तर :
हवाई जहाज़
चित्रकारी और लेखन :
प्रश्न :
नीचे दिए गए चित्र में रंग भरिए। चित्र के आधार पर पाँच से छह वाक्य लिखिए-
उत्तर :
छात्र चित्र में रंग भरें।
Sarangi Class 2 Hindi Chapter 26 बादल Summary
Sarangi Hindi Book Class 2 Chapter 26 बादल कविता का सार
कवि कहते हैं कि आसमान में काले-काले, पानी से भरे बादल आ गए हैं। ये कैसे आए होंगे? हवा इन्हें पकड़कर लाती है। ये आकाश में काले कंबल की तरह लगते हैं। ये बादल दिखने में कितने सुंदर लगते हैं।
इनके अलग-अलग आकार हैं, कोई पेड़ों जैसे, कोई भेड़ों जैसे, कोई चलते घोड़े मानों हाथी के जोड़ों में बदल जाते हैं। ये नन्हें-नन्हें जल-कण सूरज की गरमी से भाप बनकर उड़कर आकाश में चले जाते हैं, ठंडक पाकर बादल बन जाते हैं और फिर बरस पड़ते हैं। बारिश हो जाती है। बादल गड़गड़ की आवाज करते हुए चढ़ आते हैं। बिजली चमकती है और अँधेरे में रास्ता दिखाती है। मोर मगन होकर झुमकर नाचता-गाता है। बादल बरसता है, बच्चे कागज़ की नाव चलाते हैं और गाय पूँछ उठाकर भागती है।
शब्दार्थ :
- कंबल – ऊनी धागों से बुनी हुई एक प्रकार की मोटी चादर जिसे अधि कतर ओढ़ा जाता है।
- नन्हे – छोटे।
- जल-कण – पानी की बूँदें।
- अँधियारे – अँधेरे।
- गैया – गाय।
Sarangi Hindi Book Class 2 Chapter 26 बादल काव्यांशों की व्याख्या
1. काले-काले, पानी वाले
आसमान में बादल आए
बोलो, कैसे आकर छाए
पेड़ों जैसे, भेड़ों जैसे
लगते जैसे चलते घोड़े
बन जाते हाथी के जोड़े
हवा पकड़कर, लाती सर-सर
छाए जैसे काले कंबल
कितने सुंदर लगते बादल
नन्हे जल-कण, गए भाप बन
उसी भाप ने ठंडक पाई
बादल बरसे, बरसा आई
व्याख्या- कवि कहता है कि ये जो आसमान में बादल आए हैं जो काले-काले और पानी से भरे हैं, आखिर कैसे छाए? आगे कहता है कि हवा इन्हें पकड़कर लाती है और यह काले कंबल की तरह छा जाते हैं। सच में बादल कितने सुंदर लगते हैं। यह अलग-अलग आकार के होते हैं। कुछ पेड़ों जैसे तो कुछ भेड़ों जैसे लगते हैं। कुछ चलते हुए घोड़े जैसे बादल चलते-चलते हाथी के जोड़े जैसे दिखने लग जाते हैं। कवि कहता है कि नन्हीं-नन्हीं जल की बूँदें सूरज की गरमी से भाप बनकर उड़ जाती है और फिर भाप बादल का रूप ले लेती है। बादल बरसता है और बारिश होती है।
2. करते गड़गड़, आते चढ़-चढ़
बिजली बादल को चमकाए
अँधियारे में राह दिखाए
बरसे बादल, कलकल छलछल
तैर चली कागज़ की नैया
पूँछ उठाकर भागी गैया।
मोर मगन मन, छूम छननछन
झूम झूमकर नाच दिखाए
खुश हो होकर गाना गाए
व्याख्या – बादल गड़गड़ की आवाज़ करते हुए आसमान में चढ़ आते हैं। ज़ोर-ज़ोर से बिजली चमकती है और बादल को चीरती हुई अँधेरी राह में उजाला कर देती है। मोर बादल को देखकर मगन होकर मस्ती में झूम-झूमकर नाचता और गाता है। बादल बरसते हैं। बच्चे कागज़ की नाव चलाते हैं और गाय पूँछ उठाकर भागती है।