नमस्कार दोस्तों यदि आप मनोज कुमार के 12 वी फ़ैल से लेकर आईपीएस बनने तक के सफर के बारे में जानना चाहते है तो यह पोस्ट आपके लिए खास होने वाली है। आज की इस पोस्ट में हम आपको 12th Fail Book PDF निःशुल्क रूप से उपलब्ध करवाने जा रहे है।
यह पुस्तक उन तमाम युवाओ के लिए एक प्रेरणा का स्तोत्र है, जो अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे है। यह पुस्तक गरीब परिवार में जन्मे मनोज कुमार की आईपीएस बनने की सच्ची कहानी पर आधारित है, जो उनके संघर्षो को बया करती है।
यदि आप भी अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते है तो एक बार इस प्रेरणादायक पुस्तक को जरूर पढ़े। इस पुस्तक को पढ़कर आपके मन के वे सभी भ्र्म दूर हो जाएंगे, जो आपकी सफलता के मार्ग में अवरुद्ध बने हुए है। 12 वी फ़ैल पुस्तक PDF फॉर्मेट में Download करने के लिए पोस्ट में दिए गए Download बटन पर क्लिक करे।
12th Fail Book PDF
PDF Title | 12th Fail Book PDF |
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Language | Hindi |
Category | Book |
PDF Size | 2 MB |
Total Pages | 175 |
Download Link | Available |
PDF Source | Bannaat.com |
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12th Fail Book PDF | मनोज कुमार शर्मा की प्रेरणादायक कहानी
12th फ़ैल अनुराग पाठक के द्वारा लिखी गयी पुस्तक आज के दिनों में मशहूर है। इस पुस्तक के अंतर्गत एक आईपीएस ऑफिसर की शून्य से लेकर शिखर तक की कहानी है, जो सच्ची घटना पर आधारित है। यह कहानी है उस आईएएस ऑफिसर कि जिसने कामयाब होने के लिए भूख से समझौता कर भिखारियों के साथ राते गुजारी।
इस पुस्तक के अंतर्गत 12 वी फ़ैल अभ्यार्थी मनोज कुमार किस प्रकार इस देश के सबसे बड़े एग्जाम को क्वालीफाई करता है, उसके संघर्षो की कहानी को बताया गया है। यह पुस्तक पूर्णतः मनोज कुमार के आईपीएस अफसर बनने तक के सफर को दर्शाती है।
इस पुस्तक में लेखक अनुराग पाठक ने मनोज कुमार की आईपीएस बनने की यात्रा का बहुत बेहतर तरीके से वर्णन किया है। मनोज कुमार का जन्म मध्यप्रदेश के मुराने जिले में हुआ था।
यह कहानी शुरू होती है मध्यप्रदेश के मुराने जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर एक छोटे से गाँव बिलग्राम से, जहा पर मनोज कुमार शर्मा रहता था। उसका एक दोस्त है, जिसका नाम विष्णु है। विष्णु पढ़ने में बहुत ही होशियार है। विष्णु हमेशा ही कक्षा में फर्स्ट आता था।
इसलिए विष्णु के पिताजी कालीचरण पुरे गाँव में अपने बेटे की तारीफ़ करते नहीं थकते है। इसके साथ ही वे मनोज को ताने भी मारते थे। एक दन छत पर सो रहे मनोज की नींद खुलती है तो वह देखता है कि छत पर विष्णु गणित के सवाल कर रहा था। क्योकि उस दिन 12 वी कक्षा का एग्जाम है, जिसमे पहला पेपर गणित का ही है।
मनोज को गणित के सवाल नहीं आते थे। लेकिन मनोज को खुद की तारीफ़ सुनना बहुत ही पसंद था। मनोज अपनी छत पर गणित के फार्मूला को जोर जोर से बोलने लगा। जिससे उसके घर के पास कुएं पर पानी भर रही औरते और आस-पास के लोग यह जान पाए कि मनोज कितना पढता है।
मनोज को जैसे ही लगता है कि उसे लोगों ने पढ़ते हुए देख लिया है, वह गणित की किताब को छोड़कर अपना पसंदीदा उपन्यास पढ़ने बैठ जाता है। मनोज परीक्षा के लिए तैयार हुआ। विद्यालय के रास्ते में ही हनुमानजी का मंदिर आता है, मनोज हनुमानजी को प्रणाम करते सफलता पूर्वक नकल करवाके पास करने की प्रार्थना करता है।
मनोज मंदिर से थोड़ा-सा आगे चलता है कि उसे एक विद्यार्थी मिलता है, जो बताता है कि इस बार विद्यालय में नकल नहीं होगी। यह सुनकर मनोज को जोर का झटका लगता है। लेुकिन मनोज फिर भी हिम्मत बांधते हुए विद्यालय पहुँचता है।
सभी विद्यार्थियों में पेपर बांटे जाते है। अब सभी को गणित के अध्यापक का इन्तजार था। इतने में गणित के अध्यापक भी आ जाते और ब्लैक बोर्ड पर पहले प्रश्न का उत्तर लिखाना आरम्भ करवाते है। इतने में लाल बति वाली सफ़ेद रंग की गाडी विद्यालय के अंदर आती हुई दिखाई देती है।
यह गाडी SDM दुष्यंत की है, 5 पुलिस वाले भी थे। SDM ने विद्यालय के प्रिंसिपल विद्यालय में चल रही नकल के संदर्भ में खरी-खोटी सुनाई। सभी विद्यार्थीय को SDM के जाने का इन्तजार था। पर ऐसा नहीं हुआ और समय बीत गया। मनोज ने अपनी उत्तर पुस्तिका में प्रश्न पत्र के प्रश्नो को बार-बार लिखकर कॉपी भर दी।
अभी तक 12 वी का परिणाम घोषित नहीं हुआ था। इसी बीच उन दिनों जोरा के गांधी ग्राउंड में क्रिकेट का एक मैच रखा गया था। इस मैच में मुख्य अतिथि के रूप SDM दुष्यंत सिंह वहां आये हुए थे। प्रत्येक खिलाड़ी को क्रिकेट का मैच खेलने के लिए 10-10 रूपए जमा करवाने थे। लेकिन मनोज की स्थिति इतनी खराब थी कि उसे वह क्रिकेट का मैच खेलने को नसीब नहीं था।
लेकिन फिर भी मनोज को उस मैच में कमेंट्ररी करने का मौका मिल गया। मनोज कमेंट्री में हसी मजाक की जगह मैच के बीच-बीच में बहुत ही प्रभावशाली और विश्लेषणामक शब्दों का प्रयोग कर रहा था। मनोज की इस कमेंट्री से दुष्यंत सिंह बहुत प्रभावित हुआ और उन्होंने मनोज की तारीफ़ की।
इधर मनोज के चाचा उसके घर पर पहुंचे और मनोज के पिता से बोले कि मनोज फ़ैल हो चूका है। मनोज के पिता ने कहा कि कोई बात नहीं अगली बार पास हो जाएगा। फिर चाचा ने कहा कि हिंदी विषय को छोड़कर सब विषय में फ़ैल हो गया है।
जब मनोज को अपने रिजल्ट के बारे में पता चला कि वह हिंदी के अतिरिक्त सब विषय में फ़ैल हो गया है, तो वह टूट सा गया। वह हनुमानजी के मंदिर में पहुंचा और वहां पर बैठकर फुट-फुटकर रोने लगा।
वही मनोज का छोटा भाई दीपक उस दिन घर पर नहीं आया। मनोज की माँ बहुत ही परेशान हो चुकी थी। ]
यदि आप इस कहानी को पढ़ना जारी रखना चाहते है तो पोस्ट में दी गयी पुस्तक PDF फॉर्मेट में मुफ्त डाउनलोड कर सकते है।
FAQs :- 12 Fail Book PDF in Hindi
12th Fail Book PDF Free Download कैसे करे?
यदि आप 12th Fail Book PDF निःशुल्क रूप से डाउनलोड करना चाहते है तो पोस्ट में दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके आसानी से डाउनलोड कर सकते है।
12 फेल किताब किसने लिखी है?
12 फेल किताब अनुराग पाठक के द्वारा लिखी गयी है।
Conclusion :-
इस पोस्ट में 12th Fail Book PDF निःशुल्क रूप से उपलब्ध करवाई गयी है। उम्मीद करते है कि 12th fail novel PDF Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।
आशा करते है कि यह पोस्ट आपके लिए मददगार साबित हुई होगी। यदि आपको 12th fail pdf Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही 12th Fail book Manoj Sharma PDF in hindi पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।
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