Class 6 Hindi Chapter 4 MCQ हार की जीत
Haar ki Jeet Class 6 MCQ
1. माँ को अपने बेटे और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था। भगवत भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता। वह घोड़ा बड़ा सुंदर था, बड़ा बलवान। उसके जोड़ का घोड़ा सारे इलाके में न था। बाबा भारती उसे सुलतान कह कर पुकारते, अपने हाथ से खरहरा करते, खुद दाना खिलाते और देख-देखकर प्रसन्न होते थे।
उन्होंने रुपया, माल, असबाब, जमीन आदि अपना सब-कुछ छोड़ दिया था, यहाँ तक कि उन्हें नगर के जीवन से भी घृणा थी। अब गाँव से बाहर एक छोटे-से मंदिर में रहते और भगवान का भजन करते थे। “मैं सुलतान के बिना नहीं रह सकूँगा”, उन्हें ऐसी भांति-सी हो गई थी। वे उसकी चाल पर लट्ट थे। कहते, “ऐसे चलता है जैसे मोर घटा को देखकर नाच रहा हो।” जब तक संध्या समय सुलतान पर चढ़कर आठ-दस मील का चक्कर न लगा लेते, उन्हें चैन न आता।
बहुविकल्पी प्रश्न :
निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनकर लिखिए-
प्रश्न 1.
बाबा भारती को किस बात में आनंद आता था ?
(क) अपने बेटे को देखकर
(ख) अपने खेत को देखकर
(ग) अपने घोड़े को देखकर
(घ) लहलहाती फसल को देखकर
उत्तर :
(ग) अपने घोड़े को देखकर
प्रश्न 2.
घोड़ा कैसा था ?
(क) सुंदर
(ख) बलवान
(ग) (क)-(ख) दोनों
(घ) सामान्य
उत्तर :
(ग) (क)-(ख) दोनों
प्रश्न 3.
बाबा भारती अपने घोड़े के लिए क्या काम करते थे ?
(क) अपने हाथ से खरहरा करते थे।
(ख) खुद उसे दाना खिलाते थे।
(ग) (क)-(ख) दोनों
(घ) कुछ विशेष नहीं
उत्तर :
(ग) (क)-(ख) दोनों
प्रश्न 4.
बाबा भारती को क्या क्रम हो गया था ?
(क) मैं सुलतान के बिन नहीं रहं पाऊँगा।
(ख) सुलतान मेरे बिना रह पाएगा।
(ग) सुलतान की चाल अनोखी है।
(घ) मुझे सभी से घृणा हो गई है।
उत्तर :
(ग) सुलतान की चाल अनोखी है।
प्रश्न 5.
बाबा भारती के घोड़े का क्या नाम था ? उसकी क्या विशेषता थी ?
उत्तरः
बाबा भारती के घोड़े का नाम सुलतान था। वह घोड़ा बहुत सुंदर होने के साथ-साथ बलवान भी था। उसकी जोड़ का कोई अन्य घोड़ा सारे इलाके में नहीं था। सुलतान की चाल पर बाबा भारती लट्टू थे।
प्रश्न 6.
घोड़े की देखभाल करने के लिए बाबा भारती ने क्या-क्या छोड़ दिया था ?
उत्तरः
घोड़े की देखभाल करने के लिए बाबा भारती ने अपना रुपया, माल, असबाब, जमीन आदि सब कुछ छोड़ दिया था। यहाँ तक कि उन्हें नगर के जीवन से भी घृणा हो गई थी। अब वे गाँव से बाहर एक छोटे से मंदिर में रहने लगे थे।
प्रश्न 7.
मंदिर में रहकर बाबा भारती क्या काम करते थे ?
उत्तर:
मंदिर में रहकर वे कुछ समय भगवान का भजन करते थे। भजन के बाद जो समय बचता वह सुलतान घोड़े को अर्पण हो जाता था। वे स्वयं उसके खरहरा करते थे, खुद अपने हाथ से दाना खिलाते थे।
प्रश्न 8.
बाबा भारती की संध्या के समय क्या आदत बन गई थी ?
उत्तरः
बाबा भारती संध्या के समय सुलतान की पीठ पर बैठकर आठ-दस मील का चक्कर लगाने की आदत बन गई थी। इसके बिना उन्हें चैन नहीं पड़ता था। वे तो सुलतान की चाल पर लट्टू थे।
2. बाबा भारती और खड्गसिंह दोनों अस्तबल में पहुँचे। बाबा ने घोड़ा दिखाया घमंड से, खड्गसिंह ने घोड़ा देखा आश्चर्य से। उसने सैकड़ों घोड़े देखे थे, परंतु ऐसा बाँका घोड़ा उसकी आँखों से कभी न गुजरा था। सोचने लगा, ‘भाग्य की बात है। ऐसा घोड़ा खड्गसिंह के पास होना चाहिए था। इस साधु को ऐसी चीजों से क्या लाभ?’ कुछ देर तक आश्चर्य से चुपचाप खड़ा रहा। इसके पश्चात् उसके हुदय में हलचल होने लगी। बालकों की-सी अधीरता से बोला, “परंतु बाबाजी, इसकी चाल न देखी तो क्या ?”
बाबा भारती भी मनुष्य ही थे। अपनी चीज की प्रशंसा दूसरे के मुख से सुनने के लिए उनका हृदय भी अधीर हो गया। घोड़े को खोलकर बाहर लाए और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगे। एकाएक उचककर सवार हो गए, घोड़ा हवा से बातें करने लगा। उसकी चाल को देखकर खड्गसिंह के ह्ददय पर साँप लोट गया। वह डाकू था और जो वस्तु उसे पसंद आ जाए उस पर वह अपना अधिकार समझता था। उसके पास बाहुबल था, आदमी थे और बेरहमी थी। जाते-जाते उसने कहा, “बाबाजी, मैं यह घोड़ा आपके पास न रहने दूँगा।”
बहुविकल्पी प्रश्न :
निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनकर लिखिए-
प्रश्न 1.
अस्तबल में कौन पहुँचे ?
(क) बाबा भारती
(ख) डाकू खड्गसिंह
(ग) (क)-(ख) दोनों
(घ) कोई नहीं
उत्तर :
(ग) (क)-(ख) दोनों
प्रश्न 2.
बाबा ने घोड़ा किस भाव से दिखाया ?
(क) घमंड से
(ख) आश्चर्य से
(ग) दबे मन से
(घ) चुपचाप
उत्तर :
(क) घमंड से
प्रश्न 3.
घोड़े को देखकर खड्गसिंह क्या सोचने लगा ?
(क) ऐसा घोड़ा तो उसके पास होना चाहिए।
(ख) साधु को ऐसी चीज से क्या लाभ ?
(ग) (क)-(ख) दोनों
(घ) कुछ नहीं
उत्तर :
(ग) (क)-(ख) दोनों
प्रश्न 4.
क्या देखकर खड्गसिंह के हुदय साँप लोट गया ?
(क) सुलतान की चाल देखकर
(ख) बाबा भारती को देखकर
(ग) घोड़े को हवा से बातें करते देखकर
(घ) अपना अधिकार देखकर
उत्तर :
(क) सुलतान की चाल देखकर
प्रश्न 5.
खड्गसिंह को घोड़ा देखकर आश्चर्य क्यों हुआ ?
उत्तर:
यद्यपि खड्गसिंह ने सैंकड़ों घोड़े देखे थे, पर सुलतान जैसा बाँका घोड़ा अभी तक उसकी आँखों के सामने से नहीं गुजरा था। उसने घोड़े को बड़े आश्चर्य भाव से देखा।
प्रश्न 6.
घोड़ा देखकर खड्गसिंह के मन में क्या विचार आया ?
उत्तर:
बाबा भारती का घोड़ा देखकर खड्गसिंह के मन में यह विचार आया कि ऐसा घोड़ा तो उसके अपने पास होना चाहिए था। भला ऐसे घोड़े का साधु के पास रहने का क्या मतलब है? वह घोड़े को पाने की बात मन में सोचने लगा।
प्रश्न 7.
खड्गसिंह ने बाबा से क्या कहा ?
उत्तरः
खड्गसिंह ने बाबा से कहा-“बाबाजी, इसकी चाल न देखी तो क्या?”‘ अर्थात् वह सुलतान की चाल देखना चाहता था।
प्रश्न 8.
खड्गसिंह की बात सुनकर बाबा भारती पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तरः
अपने घोड़े की प्रशंसा खड्गसिंह के मुँह से सुनकर बाबा भारती घोड़े की चाल दिखाने के लिए बैचेन हो उठे। आखिर वे भी तो एक मनुष्य ही थे। घोड़े की प्रशंसा उन्हें अच्छी लगी।
प्रश्न 9.
घोड़े की चाल देखकर खड्गसिंह की क्या दशा हुई ?
उत्तरः
घोड़ा हवा से बात कर रहा था। उसकी ऐसी चाल देखकर खड्गसिंह के हृदय पर साँप लोटने लगा। वह उसे पाने का उपाय सोचने लगा। उसके पास बाहुबल भी था।
प्रश्न 10.
जाते-जाते खड्गसिंह ने बाबा से क्या कहा ?
उत्तरः
उसने कहा-“बाबाजी मैं यह घोड़ा आपके पास न रहने दूँगा।” अर्थात् मैं इसे लेकर रहूँगा।
3. संध्या का समय था। बाबा भारती सुलतान की पीठ पर सवार होकर घूमने जा रहे थे। इस समय उनकी आँखों में चमक थी, मुख पर प्रसन्नता। कभी घोड़े के शरीर को देखते, कभी उसके रंग को और मन में फूले न समाते थे। सहसा एक ओर से आंचाज आई, “ओ बाबा, इस कंगले की सुनते जाना।”
आवाज में करुणा थी। बाबा ने घोड़े को रोक लिया। देखा, एक अपाहिज वृक्ष की छाया में पड़ा कराह रहा है। बोले, “क्यों तुम्हें क्या कष्ट है?”
अपाहिज ने हाथ जोड़कर कहा, “बाबा, मैं दुखियारा हूँ। मुझ पर दया करो। रामावाला यहाँ से तीन मील है, मुझे वहाँ जाना है। घोड़े पर चढ़ा लो, परमात्मा भला करेगा।”
“वहाँ तुम्हारा कौन है?”
“दुर्गादत्त वैद्य का नाम आपने सुना होगा। मैं उनका सौतेंला भाई हूँ।”
बहुविकल्पी प्रश्न :
निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनकर लिखिए-
प्रश्न 1.
सुलतान की पीठ पर सवार होकर जाते हुए बाबा भारती की दशा कैसी थी ?
(क) वे प्रसन्न थे।
(ख) उनकी आँखों में चमक थी।
(ग) (क)-(ख) दोनों
(घ) वे उदास थे।
उत्तर :
(ग) (क)-(ख) दोनों
प्रश्न 2.
‘फूले न समाना’ मुहावरे का प्रयोग किस वाक्य में सही हुआ है ?
(क) परीक्षा में प्रथम आकर मैं फूला न समाया।
(ख) गुब्बारा उड़कर फूला न समाया।
(ग) मटर की फली फूली नहीं समाती।
(घ) मेरा घोड़ा फूला नहीं समा रहा था।
उत्तर :
(क) परीक्षा में प्रथम आकर मैं फूला न समाया।
प्रश्न 3.
अपाहिज ने अपने बारे में क्या बताया ?
(क) मैं दुखियारा हूँ।
(ख) मुझे रामवाला जाना है।
(ग) वह दुर्गादत्त वैद्य का सौतेला भाई है।
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर :
(घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 4.
यह कंगला वास्तव में कौन था ?
(क) डाकू खड्गसिंह
(ख) एक दुखियारा
(ग) एक भिखारी
(घ) भाई
उत्तर :
(क) डाकू खड्गसिंह
प्रश्न 5.
संघ्या के समय बाबा भारती कहाँ जा रहे थे? उनकी दशा कैसी थी?
उत्तर:
संध्या के समय बाबा भारती अपने घोड़े पर सवार होकर घूमने जा रहे थे। तब वे अत्यधिक प्रसन्न थे। उनकी आँखों में चमक थी। वे घोड़े को देखकर फूले नहीं समा रहे थे।
प्रश्न 6.
रास्ते में क्या घटना घटी ?
उत्तर:
बाबा भारती के रास्ते के एक पेड़ की छाया में एक व्यक्ति अपाहिज बनकर पड़ा था। वास्तव में वह डाकू खड्गसिंह ही था। वह कंगाल होने का ढोंग कर सहायता माँग रहा था। स्वयं को वैद्य दुगादत्त का सौतेला भाई बता रहा था। बाबा ने उसे अपने घोड़े पर चढ़ा लिया और धोखा खा गए।
4. बाबा भारती ने घोड़े सें उतरकर अपाहिज को घोड़े पर सवार किया और स्वयं उसकी लगाम पकड़कर धीरे-धीरे चलने लगे। सहसा उह्हें एक झटका-सा लगा और लगाम हाथ से छूट गई। उनके आश्चर्य का ठिकाना न रहा, जब उह्होंने देखा कि अपाहिज घोड़े की पीठ पर तनकर बैठा है और घोड़े को दौड़ाए लिए जा रहा है। उनके मुख से भय, विस्मय और निराशा से मिली हुई चीख निकल गई। वह अपाहिज डाकू खड्गसिंह था। बाबा भारती कुछ देर तक चुप रहे और कुछ समय पश्चात् कुछ निश्चय करके पूरे बल से चिल्ला कर बोले, “जरा ठहर जाओ।” खड्यसिंह ने यह आवाज सुनकर घोड़ा रोक लिया और उसकी गरदन पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा, “बाबाजी, यह घोड़ा अब न दूँगा।”
बहुविकल्पी प्रश्न :
निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनकर लिखिए-
प्रश्न 1.
बाबा भारती ने क्या काम किया ?
(क) घोड़े से उतरे
(ख) अपाहिज को घोड़े पर सवार किया।
(ग) (क)-(ख) दोनों
(घ) घोड़ा दौड़ाया
उत्तर :
(ग) (क)-(ख) दोनों
प्रश्न 2.
बाबा भारती को सहसा एक झटका लगा। क्यों ?
(क) घोड़ा तेज़ भागने लगा।
(ख) अपाहिज घोड़े पर तनकर बैठा था।
(ग) घोड़े को तेज दौडाने लगा।
(घ) (ख)-(ग) दोनों
उत्तर :
(घ) (ख)-(ग) दोनों
प्रश्न 3.
अपाहिज कौन था ?
(क) डाकू खड्गसिंह
(ख) एक भिखारी
(ग) कंगला
(घ) सामान्य व्यक्ति
उत्तर :
(क) डाकू खड्गसिंह
प्रश्न 4.
किस बात से बाबा भारती के आश्चर्य का ठिकाना न रहा ?
उत्तर:
जब बाबा भारती ने देखा कि उन्होंने जिस व्यक्ति को अपाहिज समझकर अपने घोड़े पर बिठा लिया था, वह और कोई नहीं, बल्कि डाकू खड्गसिंह है। अब वह घोड़े की पीठ पर तनकर बैठा है और घोड़े को अपनी मर्जी से दौड़ाए लिए जा रहा है।
प्रश्न 5.
वास्तविकता को भाँपकर बाबा भारती की क्या दशा हुई ?
उत्तर:
वास्तविक स्थिति को भाँपकर बाबा भारती के मुख से भय, विस्मय और निराशा से मिली हुई चीख निकल गई। वे कुछ देर तक तो चुप रहे, पर कुछ समय पश्चात् पूरी ताकत से चिल्लाए-‘जरा ठहुर जाओ।’
प्रश्न 6.
खड्गसिंह ने बाबा की चीख सुनकर क्या किया ?
उत्तर:
डाकू खड्यसिंह ने बाबा भारती की चीख सुनकर घोड़ा रोका और उसकी गरदन पर प्यार से हाथ फेरा। इसके बाद कहा-‘बाबाजी, यह घोड़ा अब न दूँगा।’
5. बाबा भारती ने निकट जाकर उसकी ओर ऐसी आँखों से देखा जैसे बकरा कसाई की ओर देखता है और कहा, “यह घोड़ा तुम्हारा हो चुका है। मैं तुमसे इसे वापस करने के लिए न कहूँगा। परंतु खड्गसिंह, केवल एक प्रार्थना करता हूँ, इसे अस्वीकार न करना; नहीं तो मेरा दिल टूट जाएगा।”
“बाबाजी, आज्ञा कीजिए। मैं आपका दास हूँ केवल यह घोड़ा न दूँगा।”
“अब घोड़े का नाम न लो। मैं तुमसे इस विषय में कुछ न कहूँगा। मेरी प्रार्थना केवल यह है कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना।”
खड्गसिंह का मुँह आश्चर्य से खुला रह गया। उसे लगा था कि उसे घोड़े को लेकर यहाँ से भागना पड़ेगा, परंतु बाबा भारती ने स्वयं उसे कहा कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना। इससे क्या प्रयोजन सिद्ध हो सकता है? खड्गसिंह ने बहुत सोचा, बहुत सिर मारा, परंतु कुछ समझ न सका।
बहुविकल्पी प्रश्न :
निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनकर लिखिए-
प्रश्न 1.
खड्गसिंह की बात सुकर बाबा भारती पर क्या प्रतिक्रिया हुई ?
(क) बाबा भारती ने घोड़े के निकट गए।
(ख) उन्होंने ऐसी आँखों से देखा जैसा बकरा कसाई की ओर देखता है।,
(ग) घोड़ा खड्गसिंह को देने की बात की।
(घ) उपर्युक्त सभी ;
उत्तर :
(घ) उपर्युक्त सभी ;
प्रश्न 2.
बाबा ने खड्गसिंह से क्या प्रार्थना की ?
(क) घोड़ा आपका है।
(ख) इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना।
(ग) चुपचाप चले जाओ।
(घ) मैं घोड़ा नहीं दूँगा।
उत्तर :
(ख) इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना।
प्रश्न 3.
बाबा की प्रार्थना सुनकर डाकू खड्गसिंह पर क्या कहा ?
(क) मैं तुम्हारी प्रार्थना स्वीकार करता हूँ।
(ख) खड्गसिंह ने बहुत सोचा, पर कुछ समझ न आया।
(ग) खड्गसिंह चुप रहा।
(घ) वह प्रार्थना का अर्थ समझने में उलझा रहा।
उत्तर :
(ख) खड्गसिंह ने बहुत सोचा, पर कुछ समझ न आया।
प्रश्न 4.
बाबा भारती ने अपने मन की इच्छा बताने से पूर्व खड्गसिंह से क्या कहा ?
उत्तर:
बाबा भारती ने खड्गसिंह से कहा-‘मैं एक प्रार्थना करता हूँ, इसे अस्वीकार मत करना, नहीं तो मेरा दिल टूट जाएगा।’
प्रश्न 5.
खड्गसिंह ने बाबा भारती की बात सुनकर क्या उत्तर दिया ?
उत्तर:
खड्गसिंह ने शिष्टता दिखाते हुए कहा- “बाबाजी, आप आज्ञा कीजिए। मैं तो आपका दास हूँ। केवल यह घोड़ा न दूँगा।”
प्रश्न 6.
खड्गसिंह का मुँह आश्चर्य से क्यों खुला रह गया ?
उत्तरः
बाबा भारती की प्रार्थना सुनकर डाकू खड्गसिंह का मुँह आश्चर्य से खुला रह गया। उसे ऐसी प्रार्थना की कतई उम्मीद नहीं थी। उसे तो लग रहा था कि उसे घोड़े को लेकर यहाँ से भागना पड़ेगा, पर उल्टे बाबा यह कह रहे हैं कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना। बड़ी विचित्र स्थिति थी।
6. रात के अँधेरे में खड्गसिंह बाबा भारती के मंदिर में पहुँचा। चारों ओर सन्नाटा था। आकाश में तारे टिमटिमा रहे थे। थोड़ी दूर पर गाँवों के कुत्ते भौंक रहे थे। मंदिर के अंदर कोई शब्द सुनाई न देता था। खड्गसिंह सुलतान की बाग पकड़े हुए था। वह धीरे-धीरे अस्तबल के फाटक पर पहुँचा। फाटक खुला पड़ा था। किसी समय वहाँ बाबा
भारती स्वयं लाठी लेकर पहरा देते थे, परंतु आज उन्हें किसी चोरी, किसी डाके का भय न था। खड्गसिंह ने आगे बढ़कर सुलतान को उसके स्थान पर बाँध दिया और बाहर निकलकर सावधानी से फाटक बंद कर दिया। इस समय उसकी आँखों में पश्चाताप के आँसू थे।
बहुविकल्पी प्रश्न :
निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनकर लिखिए-
प्रश्न 1.
जब खड्गसिंह बाबा भरती के मंदिर के निकट पहुँचा तब वहाँ कैसा वातावरण था ?
(क) चारों ओर सन्नाटा था।
(ख) आकाश में तारे टिमटिमा रहे थे।
(ग) कुत्ते भौंक रहे थे।
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर :
(घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 2.
अस्तबल का फाटक क्यों खुला पड़ा था ?
(क) अब वहाँ बाबा का सुलतान नहीं था।
(ख) अब किसी चोरी-डाके का भय न था।
(ग) (क)-(ख) दोनों
(घ) बाबा मज़े से सो रहे थे।
उत्तर :
(ग) (क)-(ख) दोनों
प्रश्न 3.
खड्गसिंह ने क्या काम किया ?
(क) सुलतान को उसके स्थान पर बाँध दिया।
(ख) बाहर निकलकर फाटक बंद कर दिया।
(ग) (क)-(ख) दोनों
(घ) कुछ नहीं
उत्तर :
(ग) (क)-(ख) दोनों
प्रश्न 4.
खड्गसिंह बाबा भारती के अस्तबल में क्यों आया ?
उत्तरः
डाकू खड्गसिंह बाबा भारती का घोड़ा लौटाने के लिए बाबा भारती के अस्तबल में आया था। वह रात के सुनसान वातावरण में बिना किसी को कुछ बताए घोड़ा उसी स्थान पर बाँधने आया था, जहाँ वह पहले बँँा रहता था।
प्रश्न 5.
खड्गसिंह ने बाबा भारती का घोड़ा क्यों लौटा दिया ?
उत्तरः
बाबा भारती की प्रार्थना सुनकर डाकू खड्ग्गसिंह के दिल में उथल-पुथल मच गई थी। उस समय तो वह घोड़ा लेकर चला गया था, पर वह बाबा की प्रार्थना पर बाद में काफी सोच-विचार करता रहा। उसे लगा कि उसने एक भले व्यक्ति के साथ बुरा व्यवहार किया है। उसे अपने व्यवहार पर पछताावा हुआ। उसने बाबा का घोड़ा लौटाने का निश्चय किया। वह प्रायश्चित करना चाहता था और उसने ऐसा किया भी।
7. रात्रि का तीसरा पहर बीत चुका था। चौथा पहर आरंभ होते ही बाबा भारती ने अपनी कुटिया से बाहर निकल ठंडे जल से स्नान किया। उसके पश्चात्, इस प्रकार जैसे कोई स्वप्त में चल रहा हो, उनके पाँव अस्तबल की ओर बढ़े। परंतु फाटक पर पहुँचकर उनको अपनी भूल प्रतीत हुई। साथ ही घोर निराशा ने पाँव को मन-मन-भर का भारी बना दिया। वे वहीं रुक गए। घोड़े ने अपने स्वामी के पाँवों की चाप को पहचान लिया और जोर से हिनहिनाया। अब बाबा भारती आश्चर्य और प्रसन्नता से दौड़ते हुए अंदर घुसे और अपने घोड़े के गले से लिपटकर इस प्रकार रोने लगे मानो कोई पिता बहुत दिन से बिछड़े पुत्र से मिल रहा हो। बार-बार उसकी पीठ पर हाथ फेरते, बार-बार उसके मुँह पर थपकियाँ देते। और कहते थे, “अब कोई गरीबों की सहायता से मुँह न मोड़ेगा।”
बहुविकल्पी प्रश्न :
निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनकर लिखिए-
प्रश्न 1.
रात्रि का चौथा पहर आरंभ होते ही बाबा भारती ने क्या किया ?
(क) कुटिया से बाहर निकले।
(ख) ठंडे जल से स्नान किया।
(ग) वे अस्तबल की ओर चल पड़े।
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर :
(घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 2.
बाबा भारती जब फाटक पर पहुँचे तब उन्हें अपनी भूल प्रतीत हुई। वह भूल क्या थी ?
(क) अब वहाँ जाना व्यर्थ है।
(ख) अब वहाँ उनका सुलतान नहीं होगा।
(ग) (क)-(ख) दोनों
(घ) उन्हें मति भ्रम हो गया है।
उत्तर :
(ग) (क)-(ख) दोनों
प्रश्न 3.
बाबा भारती के आश्चर्य और प्रसन्नता का ठिकाना न रहा। क्यों ?
(क) अपने सुलतान की हिनहिनाहट सुकर
(ख) खड्गसिंह को वहाँ देखकर
(ग) अस्तबल की दशा देखकर
(घ) सुनसान वातावरण को देखकर
उत्तर :
(क) अपने सुलतान की हिनहिनाहट सुकर
प्रश्न 4.
बाबा भारती अस्तबल के फाटक पर ही क्यों रुक गए ?
उत्तरः
बाबा भारती अपनी पुरानी आदत के मुताबिक प्रातःकाल उठकर अपने अस्तबल की ओर चल दिए ताकि अपने सुलतान को दुलार सके। फाटक पर पहुँचकर उन्हें अपनी भूल का ज्ञान हुआ क्योंकि अब वहाँ उनका सुलतान तो होगा नहीं। उसे तो खड्गसिंह ले चुका था। वे फाटक पर ही रूक गए। उनका मन निराशा में डूब गया।
प्रश्न 5.
बाबा भारती की दशा में अचानक क्या परिवर्तन आ गया और क्यों ?
उत्तरः
जब बाबा भारती ने अपने घोड़ सुलतान की हिनहिनाहट सुनी तब उनकी प्रसन्नता व आश्चर्य का ठिकाना न रहा। वे तुरंत अस्तबल में घुसे और वहाँ अपने सुलतान को देखकर भाव-विभोर हो उठे। वे अपने घोड़े के गले लिपटकर ऐसे रोने लगे जैसे क़ोई बाप अपने बिछुडे बेटे से काफी दिनों बाद मिल रहा हो। अब उन्हें विश्वास हो गया था कि अब कोई गरीबों की सहायता से मुँह न मोड़ेगा।