Class 6 Hindi Chapter 13 MCQ पेड़ की बात
Ped ki Baat Class 6 MCQ
1. वृक्ष का अंकुर निकलने पर जो अंश माटी के भीतर प्रवेश करता है, उसका नाम जड़ है और जो अंश ऊपर की ओर बढ़ता है, उसे तना कहते हैं। सभी पेड़-पौधों में ‘जड़ व तना’ ये दो भाग मिलेंगे। यह एक आश्चर्य की बात है कि पेड़-पौधों को जिस तरह ही रखो, जड़ नीचे की ओर जाएगी व तना ऊपर की ओर उठेगा। एक गमले में पौधा था। परीक्षण करने के लिए कुछ दिन गमले को औंधा लटकाए रखा। पौधे का सिर नीचे की तरफ लटका रहा और जड़ ऊपर की ओर रही। दो-एक दिन बाद क्या देखता हूँ कि जैसे पौधे को भी सब भेद मालूम हो गया हो। उसकी सब पत्तियाँ और डालियाँ टेढ़ी होकर ऊपर की तरफ उठ आईं तथा जड़ घूमकर नीचे की ओर लटक गई। तुमने कई बार सर्दियों में मूली काटकर बोई होगी। देखा होगा, पहले पत्ते व फूल नीचे की ओर रहे। कुछ दिन बाद देखोगे कि पत्ते और फूल ऊपर की ओर उठ आए हैं।
बहुविकल्पी प्रश्न :
निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनकर लिखिए-
प्रश्न 1.
पेड़-पौथों के कौन से भाग होते हैं?
(क) जड़
(ख) तना
(ग) जड़ व तना
(घ) कुछ भी
उत्तर :
(ग) जड़ व तना
प्रश्न 2.
जड़ कहाँ रहती है?
(क) ऊपर
(ख) नीचे
(ग) बीच में
(घ) कहीं भी
उत्तर :
(ख) नीचे
प्रश्न 3.
गमले को कैसे लटकाया गया?
(क) औंधा
(ख) सीधा
(ग) तिरछा
(घ) आड़ा
उत्तर :
(क) औंधा
प्रश्न 4.
जड़ किसका नाम है?
उत्तरः
बीज से अंकुर निकलने पर जो अंश मिट्टी के नीचे रहता है उसका नाम जड़ है।
प्रश्न 5.
आश्चर्य की बात क्या है?
उत्तरः
आश्चर्य की बात यह हैं कि पौधे को चाहे किसी भी तरह से रखो उसकी जड़ नीचे की ओर ही जाएगी और तना हमेशा ऊपर की ओर उठेगा।
प्रश्न 6.
लेखक ने क्या परीक्षण किया?
उत्तरः
लेखक ने एक गमले के पौधे को औंधा लटकाए रखा। कई दिन बाद देखा कि पौधे की डालियाँ और पत्तियाँ टेढ़ी होकर ऊपर की तरफ उठ आई और जड़ घूमकर नीचे की तरफ लटक गई।
इससे सिद्ध हुआ कि पौधे की स्थिति चाहे जैसी हो जड़ हमेशा नीचे रहेगा तथा तना ऊपर।
2. इसके अलावा वृक्ष के पत्ते हवा से आहार ग्रहण करते हैं। पत्तों में अनगिनत छोटे-छोटे मुँह होते हैं। सूक्ष्मदर्शी के जरिए अनगिनत मुँह पर अनगिनत होंठ देखे जा सकते हैं। जब आहार करने की जरूरत न हो तब दोनों होंठ बंद हो जाते हैं। जब हम श्वास-प्रश्वास ग्रहण करते हैं तब प्रश्वास के साथ एक प्रकार की विषाक्त वायु बाहर निकलती है, उसे ‘अंगारक’ वायु कहते हैं। अगर यह जहरीली हवा पृथ्वी पर इक्टी होती रहे तो तमाम जीव-जंतु कुछ ही दिनों में उसका सेवन करके नष्ट हो सकते हैं।
जरा विधाता की करुणा का चमत्कार तो देखो, जो जीव-जंतुओं के लिए जहर है, पेड़-पौधे उसी का सेवन करके उसे पूर्णतया शुद्ध कर देते हैं। पेड़ के पत्तों पर जब सूर्य का प्रकाश पड़ता है, तब पत्ते सूर्य-ऊर्जा के सहारे ‘अंगारक’ वायु से अंगार नि:शेष कर डालते हैं। और यही अंगार वृक्ष के शरीर में प्रवेश करके उसका संवर्द्धन करते हैं। पेड़-पौधे प्रकाश चाहते हैं। प्रकाश न मिलने पर ये बच नहीं सकते। पेड़-पौधों की सर्वाधिक कोशिश यही रहती है कि किसी तरह उन्हें थोड़ा-सा प्रकाश मिल जाए।
बहुविकल्पी प्रश्न :
निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनकर लिखिए-
प्रश्न 1.
वृक्ष कहाँ से आहार ग्रहण करते हैं?
(क) जड़ों से तरल द्रव्य से
(ख) पत्तों के द्वारा हवा से
(ग) दोनों क-ख
(घ) पानी से
उत्तर :
(ग) दोनों क-ख
प्रश्न 2.
पत्तों के होंठ कब बंद होते हैं?
(क) जब उन्हें आहार करने की जरूरत नहीं
(ख) जब वे हवा लेते हैं।
(ग) जब उन्हें अंगारक बायु लेनी हो
(घ) कभी भी
उत्तर :
(क) जब उन्हें आहार करने की जरूरत नहीं
प्रश्न 3.
अंगारक वायु कहाँ से आती है?
(क) हमारे प्रश्वास के साथ
(ख) श्वास लेते समय
(ग) पेड़-पौधों के साँस लेने के कारण
(घ) स्वत: ही
उत्तर :
(क) हमारे प्रश्वास के साथ
प्रश्न 4.
यदि अंगारक वायु एकत्रित होती रहे तो क्या स्थिति उत्पन्न हो जाएगी?
उत्तरः
यदि प्रश्वासन की निकली अंगरक वायु पृथ्वी पर एकत्रित होती रहे तो तमाम जीव-जंतु उसका सेवन करके कुछ ही दिनों में मर जाएँगे।
प्रश्न 5.
इस अंगारक वायु को शुद्ध कौन करते हैं?
उत्तरः
इस अंगारक वायु को शुद्ध करने का काम पेड़-पौधे करते हैं। पेड़-पौधे इस जहरीली हवा को ग्रहण करके उसे पूर्णतया शुद्ध कर देते हैं।
प्रश्न 6.
पेड़-पौधे अंगारक वायु को कैसे शुद्ध करते हैं?
उत्तरः
जब पेड़-पौधों के पत्तों पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है तब पत्ते सूर्य-ऊर्जा के सहारे अंगारक वायु से अंगार को नि:शेष कर डालते हैं। यही अंगार वृक्ष के शरीर में प्रवेश करके उसका संवर्धन करते हैं। इसी प्रकार अंगारक वायु शुद्ध हो जाती है।
3. कोई-कोई पेड़ एक वर्ष के बाद ही मर जाते हैं। सब पेड़ मरने से पहले संतान छोड़ जाने के लिए व्यग्र हैं। बीज ही उनकी संतान है। बीज की सुरक्षा व सार-सँभाल के लिए पेड़ फूल की पंखुड़ियों से घिरा एक छोटा-सा घर तैयार करता है। फूलों से आच्छादित होने पर पेड़ कितना सुंदर दिखलाई पड़ता है। जैसे फूल-फूल के बहाने वह स्वयं हँस रहा हो। फूल की तरह सुंदर चीज और क्या है? जरा सोचो तो, पेड़-पौधे तो मटमैली माटी से आहार व विषाक्त वायु से अंगारक ग्रहण करते हैं, फिर इस अपरूप उपादान से किस तरह ऐसे सुंदर फूल खिलते हैं। तुमने कथा तो सुनी होगी-स्पर्शमणि की अर्थात पारस पत्थर की, जिसके स्पर्श से लोहा सोना हो जाता है। मेरे विचार से माँ की ममता ही वह मणि है। संतान पर स्नेह न्योछावर होते ही फूल खिलखिला उठते हैं। ममता का स्पर्श पाते ही मानो माटी व अंगार के फूल बन जाते हैं।
बहुविकल्पी प्रश्न :
निम्नलिखित बहुविकल्पी पंश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनकर लिखिए-
प्रश्न 1.
पेड़ मरने से पहले क्या कर जाते हैं?
(क) वे अपनी संतान तैयार कर जाते हैं।
(ख) वे व्यग्र रहते हैं।
(ग) अपनी सुरक्षा कर जाते हैं।
(घ) कुछ नहीं
उत्तर :
(क) वे अपनी संतान तैयार कर जाते हैं।
प्रश्न 2.
पेड़ की संतान क्या है?
(क) बीज
(ख) फल
(ग) पत्ते
(घ) तना
उत्तर :
(क) बीज
प्रश्न 3.
पेड़-पौधे कहाँ से आहार ग्रहण करते हैं?
(क) मटमैली मिट्टी से
(ख) विषाक्त वायु से
(ग) दोनों क-ख
(घ) भूमि से
उत्तर :
(ग) दोनों क-ख
प्रश्न 4.
किसके स्पर्श से लोहा सोना बन जाता है?
(क) पारस से
(ख) मणि से
(ग) धातु से
(घ) अंगार से
उत्तर :
(क) पारस से
प्रश्न 5.
पेड़-पौधे किसके बहाने हँसते प्रतीत होते हैं?
उत्तरः
पेड़-पौधे फूलों के बहाने हँसते प्रतीत होते हैं।
प्रश्न 6.
अपरूप उपादान क्या है?
उत्तरः
मटमैली मिट्टी, विषाक्त वायु जैसे अंगारक पदार्थ ही अपरूप उपादान है।
प्रश्न 7.
पारस की क्या विशेषता है?
उत्तर:
पारस वह बहुमूल्य वस्तु है जिसके स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है। इसे स्पर्शमणि भी कहा जाता है।