Class 6 Hindi Chapter 3 MCQ पहली बूँद
pehli boond Class 6 MCQ
1. वह पावस का प्रथम दिवस जब,
पहली बूँद धरा पर आई।
अंकुर फूट पड़ा धरती से,
नव-जीवन की ले अँगड़ाई।
धरती के सूखे अधरों पर,
गिरी बूँद अमृत-सी आकर।
वसुंधरा की रोमावलि-सी,
हरी दूब पुलकी-मुसकाई।
पहली बूँद धरा पर आई॥
बहुविकल्पी प्रश्न :
काव्यांश से संबंधित निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनकर लिखिए-
प्रश्न 1.
प्रथम दिवस किसका था ?
(क) वर्षा का
(ख) पृथ्वी का
(ग) बूँद का
(घ) अंकुर का
उत्तर :
(क) वर्षा का
प्रश्न 2.
पहली बूँद कहाँ आई ?
(क) धरती पर
(ख) अंकुर पर
(ग) जीवन पर
(घ) अँगडाई पर
उत्तर :
(क) धरती पर
प्रश्न 3.
किसके होंठ सूखे थे ?
(क) मनुष्यों के
(ख) धरती के
(ग) घास के
(घ) अंकुर के
उत्तर :
(ख) धरती के
प्रश्न 4.
पहली बूँद किसके समान थी ?
(क) अमृत के
(ख) जीवन के
(ग) वसुधा के
(घ) सभी के
उत्तर :
(क) अमृत के
प्रश्न 5.
कौन-सा शब्द पृथ्वी का पर्यायवाची नहीं है ?
(क) धरती
(ख) वसुंधरा
(ग) ‘पावस
(घ) धरा
उत्तर :
(ग) ‘पावस
प्रश्न 6.
पहली बूँद पृथ्वी पर कब आई ?
उत्तर:
वर्षा की पहली बूँद पृथ्वी पर तब आई जब वर्षा ऋतु प्रारंभ हुई। इस ऋतु के पहले ही दिन वर्षा की पहली बूँद धरती पर आ गिरी।
प्रश्न 7.
बूँद के गिरते ही क्या हुआ ?
उत्तर:
बूँद के धरती पर गिरते ही धरती की प्यास बुझ गई। यह वूँद अमृत के समान धरती की प्यास बुझा गई। यह बूँद अमृत के समान धरती के सूखे होंठों पर आ गिरी। पृथ्वी इससे रोमांचित हो गई। पृथ्वी की गोद से सोए बीज से अंकुर फूट पड़े। उसे नया जीवन मिला।
प्रश्न 8.
पूरे काव्यांश में किस अलंकार का प्रयोग है ?
उत्तरः
पूरे काव्यांश में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग है। अंकुर, पृथ्वी, घास का मानवीकरण किया गया है। उनमें मानवों जैसी क्रियाएँ दर्शाई गई है।
प्रश्न 9.
धरती के होंठ कैसे बताए गए हैं और क्यों ?
उत्तर:
धरती के होंठ सूखे बताए गए हैं। ग्रीष्म ऋतु की प्रचंडता ने धरती पर सूखा ला दिया था। धरती की मानवीकरण किया गया है। होंठ पानी माँग रहे थे।
प्रश्न 10.
बूँद का घरती पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर:
बूँद के धरती पर पड़ते ही धरती की घास हरी-भरी हो गई। प्रतीत होने लगा कि धरती की रोमावली पुलकित हो रही है। वह मुसकराती जान पड़ी। पृथ्वी वर्षा ऋतु बुँद को पाकर हर्षित हो उठी।
2. आसमान में उड़ता सागर,
लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर।
बजा नगाड़े जगा रहे हैं,
बादल धरती की तरुणाई।
पहली बूँद धरा पर आई॥
नीले नयनों-सा यह अंबर,
काली पुतली-से ये जलधर।
करुणा-विगलित अश्रु बहाकर,
धरती की चिर-प्यास बुझाई।
बूढ़ी धरती शस्य-श्यामला
बनने को फिर से ललचाई।
पहली बूँद धरा पर आई॥
बहुविकल्पी प्रश्न :
काव्यांश से संबंधित निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनकर लिखिए-
प्रश्न 1.
‘सागर’ का पर्यायवाची कौन-सा शब्द नहीं है ?
(क) समुद्र
(ख) सिंधु
(ग) सरिता
(घ) जलार्थ
उत्तर :
(ग) सरिता
प्रश्न 2.
‘स्वर्णिम’ शब्द में किस प्रत्यय का प्रयोग है ?
(क) स्वर्ण
(ख) इम
(ग) णिम
(घ) म
उत्तर :
(ख) इम
प्रश्न 3.
आसमान में कौन उड़ता दिखाई दे रहा है ?
(क) सागर
(ख) स्वर्ण
(ग) पर
(घ) बिजली
उत्तर :
(क) सागर
प्रश्न 4.
नगाड़े बजाने का काम कौन कर रहे हैं ?
(क) बादल
(ख) तरुण
(ग) धरती
(घ) कोई भी
उत्तर :
(क) बादल
प्रश्न 5.
आसमान की तुलना किससे की गई है ?
(क) नीले नयनों से
(ख) पुतलियों से
(ग) जलधर से
(घ) कालिमा से
उत्तर :
(क) नीले नयनों से
प्रश्न 6.
चिर-प्यास किसकी बुझी ?
(क) अश्रु की
(ख) धरती की
(ग) करुणा की
(घ) हमारी
उत्तर :
(ख) धरती की
प्रश्न 7.
बूढ़ी धरती कैसी हो गई ?
(क) शस्य-श्यामला
(ख) सूखी
(ग) अच्छी
(घ) जवान
उत्तर :
(क) शस्य-श्यामला
प्रश्न 8.
जब पहली बूँद धरती पर आई, तब कैसा दृश्य उपस्थित हो गया ?
उत्तर:
जब पहली बूँद धरती पर आई तब लगा जैसे पानी से भरा समुद्र आसमान में बिजलियों के सुनहरे पंख लगाकर उड़ रहा है।
प्रश्न 9.
नगाड़े कौन बजा रहे थे और क्यों ?
उत्तर:
नगाड़े कड़ककर बादल बजा रहे थे। इस प्रकार वे धरती की सुप्त जवानी को जगाने का काम करते जान पड़ रहे थे।
प्रश्न 10.
किस-किसका मानवीकरण किया गया है ?
उत्तर:
सागर और धरती का मानवीकरण किया गया है। दोनों को क्रियाशील रूप में दर्शाया गया है।
प्रश्न 11.
बादलों से जल की धारा बहती कैसी प्रतीत हो रही थी ?
उत्तरः
बादलों से बरसती जल की धारा ऐसी प्रतीत हो रही थी मानो आकाश के नीले नयनों की काली पुतलियों से आँसुओं की धारा बह रही हो।
प्रश्न 12.
धरती पर वर्षा के आगमन से क्या प्रभाव लक्षित होता था ?
उत्तर:
ऐसा प्रतीत हो रहा था कि धरती की चिर-प्यास बुझ गई है। अब तक सूखी निष्क्रिय पड़ी, धरती हरी-भरी से हों गई। उसमें तरुणाई झलकने लगी। उसमें शस्य-श्यामला बनने की लालसा जाग गई हो।
प्रश्न 13.
‘नीले नयनों-सा अंबर’ में किन अलंकारों का प्रयोग है ?
उत्तर:
‘नीले न्मयों’ में ‘न’ वर्ण की आवृत्ति होने के कारण अनुप्रास अलंकार का प्रयोग है।
अंबर (आसमान) के लिए ‘नीले नयनों’ उपमान का प्रयोग होने का कारण उपमा अलंकार है। ‘सा’ वाचक शब्द है।